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इश्क़ के दुश्मनों को ‘सत्ता की कुर्सी’ देकर चुकानी पड़ेगी क़ीमत! तेज़ प्रताप का एक कदम और पलट जाएगी बिहार की ‘सियासत’

Tej Pratap Yadav: तेज प्रताप यादव ने RJD नेताओं और परिवार को सोशल मीडिया से अनफॉलो कर बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है। क्या यह विद्रोह है या नई पार्टी की शुरुआत?

Harsh Srivastava
Published on: 25 July 2025 5:01 PM IST
इश्क़ के दुश्मनों को ‘सत्ता की कुर्सी’ देकर चुकानी पड़ेगी क़ीमत! तेज़ प्रताप का एक कदम और पलट जाएगी बिहार की ‘सियासत’
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Tej Pratap Yadav: बिहार की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है और इस बार भूचाल लाया है लालू प्रसाद यादव का सबसे चर्चित और विवादित बेटा तेज प्रताप यादव। वो तेज प्रताप जो कभी खुद को कृष्ण और अपने छोटे भाई तेजस्वी को अर्जुन कहकर सियासत में धर्मयुद्ध की बात करते थे आज उसी 'कुरुक्षेत्र' से खुद को अलग करते दिख रहे हैं। तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जो किया है उसे सिर्फ एक 'डिजिटल कार्रवाई' कहना बहुत छोटा होगा। उन्होंने अपने परिवार के कई सदस्यों राजद के आधिकारिक हैंडल और यहां तक कि अपनी बहन मीसा भारती तक को अनफॉलो कर दिया है। यह महज़ एक बटन दबाने का मामला नहीं था यह था राजनीतिक विद्रोह का संकेत वो भी परिवार के भीतर।

'डिजिटल विद्रोह' से मचा सियासी भूकंप

बिहार में तेज प्रताप के इस डिजिटल कदम को हल्के में नहीं लिया जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में कानाफूसी शुरू हो गई हैक्या तेज प्रताप यादव राजद से पूरी तरह अलग हो जाएंगे? क्या वह अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाएंगे? या फिर बीजेपी की तरफ बढ़ेंगे? विश्लेषक इस कदम को तेज प्रताप के भीतर पल रहे उस आक्रोश का नतीजा मान रहे हैं जो उन्हें लंबे समय से पार्टी और परिवार में "नजरअंदाज" किए जाने से मिला है। तेजस्वी यादव जो कि अब राजद के निर्विवाद नेता माने जाते हैं उनके नेतृत्व में पार्टी आगे बढ़ रही है। लेकिन तेज प्रताप जिनका अंदाज शुरू से ही अलग रहा है मानो धीरे-धीरे खुद को 'फिट नहीं' पा रहे थे। अब जबकि उन्होंने RJD तक को अनफॉलो कर दिया ये बात और साफ हो गई है कि लड़ाई अब 'सिर्फ घर की नहीं' सियासत की लड़ाई बन चुकी है।

सपना या संकेत?

इस पूरे घटनाक्रम में सबसे चौंकाने वाली बात थी तेज प्रताप का एक रहस्यमयी पोस्ट जो उन्होंने एक्स पर किया। उन्होंने लिखा "सपना आया... पीएम मोदी मुझे बीजेपी में शामिल होने का ऑफर दे रहे थे। मैंने जवाब दियामेरी खुद की पार्टी है आप ही हमारी पार्टी में आइए।" इस पोस्ट ने पूरे राजनीतिक परिदृश्य को जैसे सस्पेंस फिल्म में बदल दिया। क्या ये वाकई सिर्फ एक सपना था? या तेज प्रताप मोदी के नाम का सहारा लेकर अपनी महत्वाकांक्षा की जमीन तैयार कर रहे हैं? राजनीति में सपनों के पीछे इरादे छिपे होते हैंयह तो सब जानते हैं। और तेज प्रताप के इस सपने की टाइमिंग बताती है कि यह संयोग नहीं रणनीति हो सकती है।

परिवार से मोहभंग या पूरी योजना?

तेज प्रताप ने जिन लोगों को अनफॉलो किया है उनमें मीसा भारती राजलक्ष्मी यादव हेमा यादव जैसे अपने ही खून के रिश्तेदार शामिल हैं। ये वही मीसा भारती हैं जो राज्यसभा सांसद हैं और राजद की अगली पंक्ति में मानी जाती हैं। तेज प्रताप का यह 'डिजिटल बिछोह' ये संकेत देता है कि वे अब खुद को यादव परिवार की राजनीति के परिधि पर खड़ा महसूस कर रहे हैं। इससे पहले भी तेज प्रताप सार्वजनिक रूप से पार्टी से नाराजगी जता चुके हैं। कभी टिकट बंटवारे पर कभी भाई के रवैये परपर अब जो हुआ है वह स्थायी दूरियों की शुरुआत भी हो सकती है।

क्या बीजेपी के लिए दरवाज़ा खुला है?

तेज प्रताप और बीजेपी? पहली नज़र में यह अटपटा लग सकता है लेकिन राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। तेज प्रताप के इस 'सपने' के बहाने बीजेपी को भी एक मौका दिख सकता हैआरजेडी में फूट डालने और यादव वोट बैंक में सेंध लगाने का। और अगर तेज प्रताप ने वाकई पार्टी छोड़कर अपनी अलग राह चुनी तो यह तेजस्वी यादव के मिशन 2025 के लिए सबसे बड़ा झटका साबित हो सकता है। क्योंकि भले ही तेज प्रताप को 'संकट मोचक' के तौर पर ना देखा जाए लेकिन उनकी 'उलझी हुई छवि' भी भीड़ खींचने का माद्दा रखती है।

बिहार का ‘कृष्ण’ अब किस ओर?

तेज प्रताप ने हमेशा खुद को ‘कृष्ण’ कहा है और राजनीति को ‘धर्मयुद्ध’ पर अब सवाल ये हैये कृष्ण किसके पक्ष में सुदर्शन उठाएंगे? क्या वह एकलव्य की तरह जंगल में खुद की सेना बनाएंगे या फिर अर्जुन की सेना में शामिल किसी ‘शिखंडी’ के खिलाफ युद्घ छेड़ेंगे? एक बात तो तय हैबिहार की राजनीति जो पहले ही जाति वंश और गठबंधनों के समीकरणों से जकड़ी हुई है उसमें तेज प्रताप की यह हरकत एक अनदेखा मोड़ ला सकती है।

तेज प्रताप यादव ने सिर्फ एक्स पर कुछ अनफॉलो नहीं किया हैउन्होंने बिहार की राजनीति के दिल में एक बड़ा सवाल छोड़ दिया है। क्या ये विद्रोह है या नया आरंभ? क्या ये सपना है या साजिश?आने वाले हफ्ते तय करेंगे कि यह डिजिटल तूफान तेजस्वी की नाव डुबोता है या तेज प्रताप की नई कश्ती को किनारा देता है।

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Harsh Srivastava

News Coordinator and News Writer

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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