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कर सीज़न शुरू: ITR-1 और ITR-4 ऑनलाइन भरें, पात्रता और विवरण जानें
How to file ITR 1 and ITR 4: इनकम टैक्स विभाग ने ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम) फॉर्म को ई-फाइलिंग पोर्टल पर ऑनलाइन भरने के लिए उपलब्ध करा दिया है।
How to file ITR 1 and ITR 4 Online
How to file ITR 1 and ITR 4: वित्तीय वर्ष 2024–25 (असेसमेंट ईयर 2025–26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से शुरू हो गई है। इनकम टैक्स विभाग ने ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम) फॉर्म को ई-फाइलिंग पोर्टल पर ऑनलाइन भरने के लिए उपलब्ध करा दिया है। कर सीज़न की इस शानदार शुरुआत में पहले पांच दिनों में एक लाख से अधिक रिटर्न दाखिल किए जा चुके हैं, जिसका श्रेय इस बार नई ‘प्री-फिल्ड डाटा’ सुविधा को दिया जा रहा है, जिससे प्रक्रिया तेज़ और त्रुटिरहित हुई है।
नई व्यवस्था की प्रमुख बातें:
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 30 मई 2025 को ITR-1 और ITR-4 के लिए एक्सेल यूटिलिटी जारी की थी, और 4 जून 2025 को प्री-फिल्ड डेटा के साथ ऑनलाइन फाइलिंग को सक्रिय कर दिया गया।
इस नई प्रणाली में वेतन विवरण, ब्याज आय और टैक्स डिडक्शन जैसी जानकारियाँ Form 16, Form 26AS और AIS (Annual Information Statement) से स्वतः भर दी जाती हैं। इससे करदाताओं को केवल सत्यापन करना होता है, जिससे मैन्युअल एंट्री और गलतियों की संभावना घटती है।
कौन भर सकता है ITR-1 और ITR-4?
ITR-1 (सहज):
यह फॉर्म उन निवासी व्यक्तियों के लिए है जिनकी कुल आय ₹50 लाख तक है और जो निम्न स्रोतों से आय अर्जित करते हैं:
• वेतन
• एक मकान संपत्ति
• अन्य स्रोत (जैसे ब्याज)
• सेक्शन 112A के अंतर्गत ₹1.25 लाख तक की दीर्घकालिक पूंजीगत आय
• ₹5,000 तक की कृषि आय
सर्वोत्तम फॉर्म उन वेतनभोगी, पेंशनर्स और सीधे आय स्रोत वाले लोगों के लिए।
ITR-4 (सुगम):
यह फॉर्म निवासी व्यक्ति, HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) और फर्म (LLP को छोड़कर) के लिए है जिनकी कुल आय ₹50 लाख तक है और वे निम्नलिखित से आय अर्जित करते हैं:
• व्यवसाय या पेशा (सेक्शन 44AD, 44ADA, या 44AE के तहत प्रिज़म्पटिव टैक्सेशन स्कीम)
• ₹1.25 लाख तक की दीर्घकालिक पूंजीगत आय
उपयुक्त फॉर्म छोटे व्यापारियों और पेशेवरों के लिए जो सरल कर गणना चाहते हैं।
अंतिम तिथि और जुर्माना
• नॉन-ऑडिट टैक्सपेयर्स के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 तय की गई है (पहले 31 जुलाई थी)।
• अंतिम तिथि चूकने पर 31 दिसंबर 2025 तक विलंबित रिटर्न दाखिल किया जा सकता है।
• धारा 234F के तहत विलंब शुल्क ₹5,000 है (यदि कुल आय ₹5 लाख से कम है तो ₹1,000)।
• धारा 234A के तहत हर महीने 1% ब्याज भी देना होगा।
• अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) 4 वर्षों तक दाखिल किया जा सकता है — 31 मार्च 2029 तक। हालांकि अतिरिक्त टैक्स और जुर्माने लग सकते हैं।
फाइलिंग की आसान प्रक्रिया
www.incometax.gov.in ई-फाइलिंग पोर्टल पर टैक्स रिटर्न दाखिल करना अब और भी सरल हो गया है। मुख्य चरण:
1. पैन और पासवर्ड से लॉग इन करें
2. उपयुक्त ITR फॉर्म चुनें
3. पहले से भरे डाटा की समीक्षा करें
4. कटौतियाँ जोड़ें
5. आधार OTP, EVC या ITR-V के ज़रिए सत्यापन करें
पोर्टल का “Help me decide which ITR Form to file” फीचर सही फॉर्म चुनने में मदद करता है।
ज़रूरी सलाह
• AIS और Form 26AS डाउनलोड करें और यह सुनिश्चित करें कि आपके नियोक्ता/बैंक से टैक्स की जानकारी मेल खाती है।
• ITR फॉर्म के साथ कोई डॉक्यूमेंट संलग्न नहीं करना होता, लेकिन Form 16, किराया रसीद, निवेश प्रमाण जैसे दस्तावेज़ संभाल कर रखें — ऑडिट या पूछताछ के लिए ज़रूरी हो सकते हैं।
• समय पर रिटर्न दाखिल करने से आपको टैक्स रिफंड, लॉस फॉरवर्डिंग और इनकम प्रूफ जैसे लाभ मिलते हैं (जैसे लोन, वीजा आदि में)।
• नया टैक्स सिस्टम डिफ़ॉल्ट रूप में लागू है, लेकिन आप पुराने टैक्स सिस्टम को चुन सकते हैं (धारा 80C, 80D, 24(b) के तहत छूट लेने के लिए)। ITR फॉर्म में विकल्प चुनना होगा।
अन्य जानकारी
• अन्य फॉर्म्स जैसे ITR-2, ITR-3, ITR-5, ITR-6, और ITR-7 भी चरणबद्ध रूप से जारी किए जाएंगे।
• ClearTax, IndiaFilings जैसे प्लेटफॉर्म पर विशेषज्ञ सहायता भी उपलब्ध है।
• अधिक जानकारी के लिए www.incometax.gov.in पर जाएँ या किसी कर सलाहकार से संपर्क करें।
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