Meerut News: एक ही ट्रैक पर दौड़ेंगी 'नमो भारत' और 'मेरठ मेट्रो', NCR में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की तस्वीर बदलेगी

Meerut News: एनसीआरटीसी की यह पहल न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से एक मिसाल बनेगी, बल्कि शहरी और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। यह मॉडल आने वाले वक्त में देश के अन्य शहरों के लिए भी आदर्श बन सकता है।

Sushil Kumar
Published on: 20 May 2025 8:04 PM IST (Updated on: 20 May 2025 8:06 PM IST)
Meerut News: एक ही ट्रैक पर दौड़ेंगी नमो भारत और मेरठ मेट्रो, NCR में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की तस्वीर बदलेगी
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एक ही ट्रैक पर दौड़ेंगी 'नमो भारत' और 'मेरठ मेट्रो'  (photo: social media )

Meerut News: देश में सार्वजनिक परिवहन को लेकर एक बड़ा और अनोखा प्रयोग जल्द ही उत्तर प्रदेश के मेरठ में जमीन पर उतरने जा रहा है। अब एक ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर दो अलग-अलग परिवहन सेवाएं—दिल्ली-मेरठ को जोड़ने वाली सेमी-हाई-स्पीड ‘नमो भारत’ ट्रेन और मेरठ शहर के भीतर चलने वाली ‘मेरठ मेट्रो’—साथ-साथ दौड़ती नजर आएंगी।

एनसीआरटीसी की यह पहल न सिर्फ तकनीकी दृष्टि से एक मिसाल बनेगी, बल्कि शहरी और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। यह मॉडल आने वाले वक्त में देश के अन्य शहरों के लिए भी आदर्श बन सकता है।

क्या होगा बदलाव?

जानकारों के मुताबिक, अब यात्रियों को इंटरसिटी और इंट्रा-सिटी ट्रैवल के लिए अलग-अलग साधन या टिकट लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उदाहरण के तौर पर यदि कोई यात्री मोदीनगर नॉर्थ से मेरठ नॉर्थ जाना चाहता है, तो वह पहले नमो भारत से बेगमपुल तक सफर करेगा और फिर उसी प्लेटफॉर्म से मेरठ मेट्रो पकड़ सकता है। आइलैंड प्लेटफॉर्म की व्यवस्था से यह संभव होगा, जहां दोनों दिशाओं की ट्रेनें एक ही प्लेटफॉर्म के दोनों ओर मिलेंगी।


फ्रीक्वेंसी और सुविधा का रखा गया ध्यान

नमो भारत की ट्रेनें फिलहाल हर 15 मिनट पर चल रही हैं। पूरे कॉरिडोर के शुरू होने पर यह अंतराल 10 मिनट तक घटाया जा सकेगा।

मेरठ मेट्रो हर 7 मिनट पर उपलब्ध होगी, जिससे शहर के भीतर आवागमन बेहद आसान हो जाएगा।

तकनीकी दृष्टि से अत्याधुनिक

एनसीआरटीसी ने दुनिया में पहली बार प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर को एलटीई नेटवर्क पर आधारित ETCS लेवल-2 सिग्नलिंग सिस्टम के साथ इंटीग्रेट किया है। इससे ट्रेन संचालन न सिर्फ ज्यादा सुरक्षित होगा, बल्कि फुली ऑटोमेटेड सिस्टम से समयपालन और नियंत्रण भी बेहतर रहेगा।


यात्री सुविधाओं का खास ध्यान

नमो भारत में छह कोच होंगे, जिनमें पहला कोच प्रीमियम और दूसरा महिलाओं के लिए आरक्षित होगा। वहीं मेरठ मेट्रो में तीन कोच होंगे, जिनमें बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए विशेष सीटें रहेंगी।

ट्रेन के रंगों से भी पहचान आसान बनाई गई है—नमो भारत पर मरून रंग की पट्टी और मेट्रो पर पैरट ग्रीन की पट्टी दी गई है। मेट्रो के फ्रंट पर तिरंगे की आकृति भी नजर आएगी।

टिकटिंग सिस्टम पूरी तरह डिजिटल

नमो भारत कनेक्ट ऐप के जरिए न सिर्फ इन ट्रेनों के टिकट खरीदे जा सकते हैं, बल्कि इसमें ‘जर्नी प्लानर’ की सुविधा भी है। यही नहीं, दिल्ली मेट्रो के टिकट भी इसी ऐप से मिलेंगे। डीएमआरसी और आईआरसीटीसी से समझौते के बाद जल्द ही एकीकृत टिकटिंग सिस्टम पूरी तरह लागू होगा।

कहां-कहां मिलेगी दोनों सेवाएं?

मेरठ में ऐसे चार स्टेशन होंगे—मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम, जहां दोनों सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। इनमें से मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपुल अंडरग्राउंड स्टेशन होंगे, जबकि बाकी एलिवेटेड। मोदीपुरम डिपो ग्राउंड लेवल पर बना है।

अब केवल कनेक्टिविटी नहीं, जीवनशैली में बदलाव

इस पूरे कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 किलोमीटर है, जिसमें 16 नमो भारत स्टेशन शामिल हैं। मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक 23 किलोमीटर लंबे मेट्रो रूट में 13 स्टेशन होंगे। मेट्रो के सभी स्टेशनों पर रुकते हुए भी यह दूरी महज 30 मिनट में पूरी हो सकेगी।

एनसीआरटीसी अधिकारियों का कहना है कि इस परियोजना का उद्देश्य सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट नेटवर्क बनाना नहीं, बल्कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लाखों लोगों की जीवनशैली में आमूल-चूल परिवर्तन लाना है।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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