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Mazagon Dock History: सरकारी डिफेंस कंपनी मझगांव डॉक की अंतरराष्ट्रीय छलांग: कोलंबो डॉकयार्ड में 51% हिस्सेदारी खरीदकर रचा इतिहास, शेयरों पर दिखेगा असर

Mazagon Dock History: भारत की सरकारी डिफेंस कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders) ने पहली बार किसी विदेशी कंपनी का अधिग्रहण किया है।

Admin 2
Published on: 28 Jun 2025 8:43 PM IST
Government Defense Company Mazagon Dock History
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भारत की सरकारी डिफेंस कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (Mazagon Dock Shipbuilders) ने पहली बार किसी विदेशी कंपनी का अधिग्रहण किया है। कंपनी ने श्रीलंका की प्रसिद्ध कोलंबो डॉकयार्ड पीएलसी (Colombo Dockyard PLC) की 51% हिस्सेदारी को 452 करोड़ रुपये में खरीदने का फैसला किया है। यह सौदा पूरी तरह नकद में किया गया है और यह भारत की शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री के लिए एक ऐतिहासिक कदम है।

इस अधिग्रहण के पीछे क्या मकसद है?

मझगांव डॉक ने बताया कि यह अधिग्रहण उसकी लंबी अवधि की विकास रणनीति का हिस्सा है। इस सौदे से कंपनी को वैश्विक शिपबिल्डिंग और मरम्मत के क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने में मदद मिलेगी। कोलंबो डॉकयार्ड के साथ मिलकर कंपनी को नए अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच, रिसर्च क्षमताओं में बढ़ोतरी और संचालन में मजबूती मिलेगी।

कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कैप्टन जगमोहन ने इसे सिर्फ अधिग्रहण नहीं, बल्कि एक रणनीतिक प्रवेश द्वार (Strategic Gateway) बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम मझगांव डॉक को एक ग्लोबल मरीन प्लेयर बनाने की दिशा में निर्णायक है।

कोलंबो डॉकयार्ड क्यों है खास?

कोलंबो डॉकयार्ड श्रीलंका के कोलंबो पोर्ट पर स्थित है और पिछले 50 वर्षों से शिपबिल्डिंग और मरम्मत के क्षेत्र में काम कर रही है। यह कंपनी जापान, फ्रांस, नॉर्वे, भारत और UAE जैसे देशों के लिए स्पेशल जहाजों का निर्माण कर चुकी है। इसके प्रमुख उत्पादों में ऑफशोर सर्विस वेसल्स, टैंकर्स, पेट्रोल शिप्स आदि शामिल हैं। कंपनी पूरी तरह इन-हाउस डिजाइन और एडवांस स्टील फैब्रिकेशन सेवाएं भी देती है।

इस सौदे से भारत को क्या लाभ होगा?

1. हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की ताकत बढ़ेगी – कोलंबो पोर्ट की रणनीतिक स्थिति से भारत को समुद्री और रक्षा नजरिए से बड़ा लाभ मिलेगा।

2. ग्लोबल मुकाबले की क्षमता बढ़ेगी – मझगांव डॉक अब कोरिया, जापान और चीन जैसी कंपनियों की बराबरी कर सकेगी।

3. ‘मेक इन इंडिया’ को मिलेगा बूस्ट – भारतीय तकनीक, संसाधन और सप्लाई चेन अब विदेशों में भी फैल पाएंगे।

कोलंबो डॉकयार्ड को क्या फायदा होगा?

कोलंबो डॉकयार्ड ने 2024 में लगभग 2.48 अरब श्रीलंकाई रुपये (₹70.7 करोड़) का घाटा दिखाया था। यह सौदा उसे वित्तीय सुधार और स्थिरता दिलाने में मदद करेगा। भारतीय टेक्नोलॉजी और अनुभव के साथ, कंपनी नए बाजारों में प्रवेश कर सकती है।

अब निवेशकों की नजरें शेयर पर

इस अधिग्रहण की घोषणा के बाद अब सभी की नजरें सोमवार 30 जून को मझगांव डॉक के शेयरों के प्रदर्शन पर होंगी। देखना दिलचस्प होगा कि यह सौदा बाजार में कंपनी के शेयर मूल्य को किस तरह प्रभावित करता है।

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