म्यूचुअल फंड ओवरलैप: क्या है और यह आपके पोर्टफोलियो को कैसे प्रभावित करता है?

Mutual Fund Overlap: यहां समझें ओवरलैप क्या है, यह आपके पोर्टफोलियो को कैसे प्रभावित करता है और इसे कम करने के आसान तरीके।

Sonal Girhepunje
Published on: 23 Aug 2025 12:44 PM IST
Mutual Fund Overlap
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Mutual Fund Overlap: म्यूचुअल फंड में जुलाई 2025 में इन्वेस्टमेंट 81% हर साल की तुलना में ₹427 अरब तक पहुंच गया। लोग अब म्यूचुअल फंड के तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे है। पहले बहुत से लोग FD करते थे, पर अभी लोग म्यूच्यूअल फंड में अच्छे रिटर्न मिल सके इसलिए निवेश कर रहे है। 85% लोग इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड ले रहे हैं। समस्या का कारन यह है की, बहुत ज्यादा लोगो के पोर्टफोलियो "ओवर-डायवर्सिफाइड" हो गए है। लोग अक्सर अभी के समय में रिश्तेदारों से, दोस्त या कलीग से फंड की सलाह लेते है और नया फंड ऑफर (NFO) या जो भी स्कीम अच्छा रिटर्न देती है वह लेते है। इस कारण पोर्टफोलियो ओवरलैपिंग म्यूचुअल फंड्स की समस्या पैदा कर देता है।

म्यूचुअल फंड ओवरलैप क्या है?

आप अगर एक जैसे सेक्टर या शेयरों में पैसा लगा रहे हो, तो उसे कहते है ओवरलैपिंग म्यूचुअल फंड। बस शेयर में ही ओवरलैपिंग नहीं होती है, जैसे की उनके weightage और सेक्टर एक्सपोज़र में भी हो सकती है। किसी भी एक ही सेक्टर में ज़्यादा एक्सपोज़र हो गया तो पोर्टफोलियो रिस्क बढ़ जाती है। ज़्यादातर तब जब मार्किट में गिरावट देखि जाये तब।

अगर आपके पोर्टफोलियो में दो या तीन लार्ज कैप फंड हैं, तो करीब सभी में वही 100 बड़ी कंपनिया होंगी। ऐसे में नया फंड ऐड करने से कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा। तुम्हारा पोर्टफोलियो सिर्फ बड़ा दिखेगा, लेकिन असल में अलग नहीं होगा।

पोर्टफोलियो ओवरलैप कैसे चेक करें?

आप ऑनलाइन पोर्टफोलियो ओवरलैप टूल्स या स्क्रीनर के जरिये चेक कर सकते है। आपको उसमे दो से ज्यादा स्कीम्स डालनी होगी। आपको टूल से पता चल जायेगा की कितने शेयर कॉमन हैं, उनका weightage कितना है और कौन से शेयर अलग हैं।

ध्यान रखें की लार्ज कैप और स्मॉल कैप की तुलना न करे, उनका तरीक़ा बहुत अलग है। फंड्स का पोर्टफोलियो समय-समय पर बदलता रहता है। इसलिए ओवरलैप साल में 1-2 बार ज़रूर चेक करना चाहिए। अगर ओवरलैप 55-60% से ज़्यादा है, तो उसे ठीक करना जरुरी है।

ज्यादा ओवरलैप हो तो क्या करें?

जो फंड हमेशा ख़राब रिजल्ट दे रहा है, तो उसे हटाना बेहतर रहेग और एक ही तरह के बहुत फंड मत रखें। जिस भी फंड में निवेश करने की शैली लगभग एक जैसी होती है तो, एक ही कंपनी या फंड मैनेजर के बहुत फंड मत लीजिये। आपकी जरुरत की हिसाब से फंड चुने। जो आपके लक्ष्य और समय से मेल नहीं खाते, उन्हें छोड़ दें। हर श्रेणी में एक या दो फंड पर्याप्त हैं। पूरे पोर्टफोलियो में दस से पंद्रह फंड ही रखें।

कुछ ध्यान में रखने वाली बाते, जैसे की आप किस फंड हाउस (AMC) में निवेश कर रहे हैं, कितनी धनराशि लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप फंड में लगाई गई है, किस क्षेत्र में अधिक धन लगाया गया है, फंड ने बुल और बियर मार्केट दोनों में कैसा प्रदर्शन किया है और उसका रिस्क लेवल कितना है?

मौजूदा मार्केट स्थिति में

वर्तमान में मिडकैप और स्मॉलकैप फंड बहुत महंगे दिखते हैं। यदि आपकी रिस्क लेने की क्षमता कम है और आपके पास 7 से 8 साल का लंबा समय नहीं है, तो आप इन फंड्स में निवेश नहीं करना चाहिए। आप फ्लेक्सी कैप फंड, वैल्यू फंड, डिविडेंड यील्ड फंड या लार्ज कैप फंड को इसकी जगह दे सकते हैं। मल्टी-एसेट फंड भी अलग-अलग एसेट श्रेणियों में निवेश करने के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें, फंड बदलते समय कैपिटल गेन टैक्स और एग्ज़िट लोड पर ध्यान दें।

पोर्टफोलियो ओवरलैप चेक करने के फायदे

पोर्टफोलियो ओवरलैप चेकिंग के कई लाभ हैं। इससे आपका एसेट एलोकेशन सही रहता है और आपका पोर्टफोलियो संतुलित रहता है, यानि रिबैलेंस। नकारात्मक प्रदर्शन वाले निवेश को हटाकर बेहतर निवेश को शामिल किया जा सकता है। इससे सही डाइवर्सिफिकेशन मिलता है और आपके निवेश लक्ष्य और रिस्क प्रोफाइल के अनुसार पोर्टफोलियो ढलता है। साथ ही, रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न बेहतर होते हैं, लिक्विडिटी बनी रहती है और लंबी अवधि में संपत्ति बनाने में मदद करते हैं।

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