Ola Success Story: ओला की सफलता की कहानी-कैसे बनी भारत के लोगों की पहली पसंद

Ola Success Story: एक छोटे से आईडिया से भारत की सबसे बड़ी कैब सर्विसेस बनने तक का ऐसा सफर जिसने शहरों के बिच का और शहर के भीतर की यात्रा का चेहरा ही बदल दिया।

Sonal Girhepunje
Published on: 9 Aug 2025 9:00 AM IST (Updated on: 9 Aug 2025 9:01 AM IST)
Ola Success Story
X

Ola Success Story (Photo - Social Media)

Ola Success Story: ओला भारत के शहरी विभागो में एक सबसे बड़ा पर्याय बन चूका है।10 सालों पहले टैक्सी और ऑटो शहरी विभाग में पकड़ना महंगा और परेशानी भरा होता था। इसी से भाविश अग्रवाल और अंकित भाटी ने इस समस्या का समाधान करने के लिए उन्होंने साथ मिलकर 2010 में कंपनी की स्थापना की थी। एक दशक में, ओला ने न केवल भारत में बल्कि एशिया में भी राइड-हेलिंग मार्केट में अपनी पहचान बनाई।

मुंबई से शुरू हुई ये छोटी सी शुरुआत आज भारत में ही नहीं बल्कि एशिया की सबसे बड़ी कैब एग्रीगेटर कंपनियों में शुमार है, जिसने लोगों की यात्रा का तरीका ही बदल दिया।

एक समस्या से शुरू हुआ सफ़र

एक बार भाविश अग्रवाल टैक्सी में सफर कर रहे थे , पर उन्हें असंतोषजनक सेवाएं मिली-बीच रास्ते में ड्राइवर ने गाड़ी रोकने के बाद उनकी यात्रा अधूरी रह गई। इसी घटना से उन्हें यह आईडिया आया कि वे ऐसा एक प्लेटफार्म तैयार करेंगे जिसमें सुरक्षा के साथ-साथ लोगों को सुविधा भी उपलब्ध कराई जाए तो सबकी यात्रा अच्छी होगी।

शुरुआती कदम और संघर्ष

ANI Technologies Pvt. Ltd. के जरिये ओला की शरुवात हुई थी। कंपनी के पास खुद की गाड़ियाँ नहीं थीं, बल्कि यह ड्राइवर-ओनर्स और यात्रियों को एक ऐप-आधारित प्लेटफॉर्म के जरिए जोड़ती थी। यह मोडल ओला के लिए बहुत बड़ा टर्न पॉइंट बन गया।

भले ही शुरवाती दिनों में बहुत सी समस्या आयी, जैसे की लोग डिजिटल पेमेंट और बुकिंग के लिए संकोच करते थे, इस वजह से बुकिंग की संख्या बहुत कम थी।

तेज़ रफ्तार ग्रोथ

टाइगर ग्लोबल से ओला को 2011 में फंडिंग मिली , इससे ओला को आगे बढ़ने के लिए मदत मिली। ऐप को और भी सुरक्षति बनाने के लिए ऐप में लगातार सुधार हुए,जैसे कैश और डिजिटल पेमेंट ऑप्शन, लाइव ट्रैकिंग, और आसान बुकिंग इंटरफ़ेस।

धीरे-धीरे कंपनी ने अपनी सेवा सूची बढ़ाई-ओला ऑटो, ओला बाइक, आउटस्टेशन राइड्स, रेंटल्स जिससे कम खर्च और छोटे शहरों तक इसकी पहुँच बढ़ गयी।

चुनौतियों से जूझना

सरकारी नियम, प्रतिस्पर्धा और स्थानीय मुद्दे ओला के लिए बड़ी मुश्किलें बढ़ाई। 2013 में ओला का उबर से सामना हुआ और दोनों में ही कड़ा मुकाबला हुआ। कई शहरों में लाइसेंसिंग, कीमत नियंत्रण और अस्थायी बैन जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ा। पर ओला का लचीलापन देख प्रशासन और सरकार ने साथ मिलकर बिज़नेस मॉडल को स्थानीय जरूरतों के अनुसार ढाला।

तकनीक के साथ प्रभाव और मुनाफ़ा

पीएस-आधारित ट्रैकिंग, SOS सुरक्षा फीचर, यूज़र-फ्रेंडली ऐप इंटरफ़ेस और डिजिटल वॉलेट (Ola Money) यही ओला की सबसे बड़ी ताकत है।

ओला का वैल्यूएशन 2021 में लगभग $7.3 बिलियन तक पंहुचा था। तब तक यह भारत में 250 से अधिक शहरों में सक्रिय थी और साथी ही 25 लाख से अधिक ड्राइवर भी जुड़ चुके थे। प्रतिस्पर्धा और बदलते बिज़नेस मॉडल के बीच 2024-25 में कंपनी ने मुनाफा करने की और ज्यादा ध्यान दिया। लागत घटाने और ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाने से घाटा कम हुआ और ओला मुनाफे की राह पर लौट आई।

1 / 7
Your Score0/ 7
Praveen Singh

Praveen Singh

Mail ID - [email protected]

Journalist (Director) - Newstrack, I Praveen Singh Director of online Website newstrack.com. My venture of Newstrack India Pvt Ltd.

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!