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Petrol Pump Fraud: पेट्रोल पंप पर जीरो नहीं, घनत्व मीटर है असली खेल
Petrol Pump Fraud: सिर्फ मीटर पर जीरो देखना काफी नहीं, पेट्रोल-डीजल की शुद्धता जानने के लिए घनत्व मीटर की जांच जरूरी, वरना हो सकती है जेब पर चोट।
Petrol Pump Fraud: Density Meter Matters More Than Zero(Image from Social Media))
Petrol Pump Fraud: पेट्रोल लेने जाएं तो जीरो की जांच काफी नहीं, जानें असली खेल कहां है। चाहे लखनऊ हो या दिल्ली, मुम्बई हो कोलकाता। सब जगह एक ही हाल है जब आप पेट्रोल लेने जाते हैं जो तेल भरने वाला कहता है मीटर में जीरो देख लीजिए। कुछ लोग देखते हैं कुछ लोग टाल जाते हैं। कुछ कह देते हैं कि मीटर क्या देखें। तुम्हें जितना देना है उतना दोगे। प्रति दिन बदलते रेट किसी को पता नहीं होते जो रेट लिखा है उससे कैलकुलेट करना हर किसी की क्षमता में नहीं। जो मिल गया वह ठीक है। कुछ लोगों का टोटका रहता है कि पेट्रोल भरवाते समय अगर सौ, दो सौ का भरवाएंगे तो पहले से सेट मीटर में गड़बड़ी हो सकती है इसलिए 117, 213 आदि का पेट्रोल भरवा कर मन को संतुष्ट कर लेते हैं। पहले हर पेट्रोल पम्प पर नाप से मिलता था तो पता चल जाता था। अब सब मीटर के भरोसे है।
लेकिन खेल पेट्रोल पंपों पर शून्य की जाँच करने में है या ये काफी नहीं है, जानकार बताते हैं कि असली खेल घनत्व मीटर में है। जहां से ग्राहक को हंसते हुए चूना लगाया जा रहा है। गाड़ियां इतनी ज्यादा हैं कि आप पेट्रोल पम्प पर कोई बहस नहीं कर सकते क्योंकि कतार बहुत लम्बी है। हर आदमी को जल्दी है। ज्यादा जांच करने में उलझेंगे तो पेट्रोल मिलेगा ही नहीं।
जानकारी के लिए बता दें कि जब आप अपनी बाइक या कार में ईंधन भरवाने जाएं तो मीटर रीडिंग और ईंधन घनत्व, दोनों पर नज़र रखें। जैसे पेट्रोल के रेट सुबह तय होते हैं वैसे ही घनत्व का अपडेट भी सुबह के समय होता है और मानक सीमा से बाहर के मानकों पर सवाल उठाया जाना चाहिए।
कई वाहन चालक जो रोज़ाना कार या बाइक से काम पर या बाज़ार जाते हैं, पेट्रोल पंपों पर ईंधन भरवाने की दिनचर्या से परिचित हैं। पंप अटेंडेंट से पेट्रोल या डीज़ल माँगने पर, उन्हें मीटर पर शून्य दिखा दिया जाता है और वह आश्वस्त हो जाते हैं कि सब कुछ ठीक है। हालाँकि, यह आश्वासन अक्सर एक गहरे मुद्दे को छुपाता है। पेट्रोल पंपों पर धोखाधड़ी जितना आप सोचते हैं, उससे कहीं ज़्यादा आम है।
पेट्रोल घनत्व क्या है
पेट्रोल घनत्व मीटर (डेंसिटी मीटर) पेट्रोल की शुद्धता और गुणवत्ता मापने वाला एक उपकरण है, जो यह दर्शाता है कि ईंधन कितना गाढ़ा या शुद्ध है. यह एक विशेष उपकरण का उपयोग करता है जिसे हाइड्रोमीटर कहते हैं, जो ईंधन के घनत्व को मापकर यह बताता है कि उसमें कोई मिलावट है या नहीं। पेट्रोल का घनत्व 730 से 800 किलोग्राम प्रति घन मीटर (kg/m) और डीज़ल का 830 से 900 kg/m होना चाहिए; अगर यह रेंज से बाहर है, तो इसका मतलब है कि ईंधन में मिलावट है।
इसीलिए सिर्फ़ मीटर पर शून्य देखना ही काफी नहीं है। असली चाल घनत्व मीटर में है यह समझना होगा, यह एक ऐसा पहलू है जिसे आमतौर पर ग्राहक नज़रअंदाज़ कर देते हैं या उन्हें जानकारी ही नहीं है। घनत्व ईंधन की शुद्धता दर्शाता है, जिससे पता चलता है कि वाहन में डाला जा रहा पेट्रोल या डीज़ल मिलावटी है या नहीं।
पेट्रोल पंप मशीनों में कीमत, मात्रा और घनत्व के आँकड़े प्रदर्शित करने वाली स्क्रीन होती हैं। फिर भी, अटेंडेंट आमतौर पर ग्राहकों से सिर्फ़ शून्य की जाँच करने को कहते हैं, उन्हें घनत्व पर ध्यान देने की सलाह कभी नहीं देता और यहीं पर धोखाधड़ी हो सकती है।
ईंधन भरते समय अतिरिक्त सावधानियां
ईंधन भरते समय, मीटर रीडिंग और ईंधन के घनत्व, दोनों पर नज़र रखना ज़रूरी है। पेट्रोल पंप सुबह-सुबह घनत्व अपडेट करते हैं क्योंकि कीमतों में रोज़ाना उतार-चढ़ाव होता रहता है। अगर घनत्व निर्दिष्ट सीमा से बाहर हो, तो तुरंत पूछताछ की जानी चाहिए।
पेट्रोल और डीज़ल की स्थिर कीमतों के बावजूद, सतर्कता से वित्तीय नुकसान को रोका जा सकता है। कर्मचारियों से घनत्व की जाँच करने के लिए कहा जा सकता है, और अगर कोई संदेह हो, तो पंप प्रबंधक से सलाह ली जा सकती है।
यह छोटा सा कदम वाहन की सेहत और वित्तीय स्थिति, दोनों को सुरक्षित रखने में मदद करता है। केवल मीटर की जांच करना पर्याप्त नहीं है; ईंधन घनत्व की जांच करने से यह सुनिश्चित होता है कि पैसा बर्बाद नहीं हो रहा है।
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