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Mutual Fund में ‘No Risk’ समझना भूल है! ये हैं वो फंड्स जिनमें रिस्क सबसे कम
जानिए किन Mutual Funds में आपका पैसा रहता है सबसे सुरक्षित और कम रिस्क वाला, ताकि आप जोखिम से बचकर लंबे समय तक स्थिर और भरोसेमंद रिटर्न पा सकें।
Safe Mutual Funds in India: अगर आप अपने पैसों को सुरक्षित रखते हुए अच्छा रिटर्न कमाना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड आपके लिए एक समझदारी भरा विकल्प हो सकता है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है,“कौन-से म्यूचुअल फंड सबसे सुरक्षित हैं?” यह सवाल हर उस इन्वेस्टर के मन में आता है जो शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से बचना चाहता है और स्थिर, भरोसेमंद रिटर्न की तलाश में है। म्यूचुअल फंड की खासियत यह है कि आपका पैसा कई जगहों पर निवेश किया जाता है और इसे पेशेवर फंड मैनेजर संभालते हैं, जिससे जोखिम कम हो जाता है। फिर भी, हर फंड एक जैसा नहीं होता, कुछ फंड कम जोखिम वाले होते हैं जबकि कुछ फंड अधिक रिटर्न के साथ थोड़ा ज्यादा जोखिम भी लाते हैं। इसलिए निवेश से पहले यह समझना जरूरी है कि भारत में कौन-से म्यूचुअल फंड सबसे सुरक्षित हैं और उन्हें चुनते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
म्यूचुअल फंड की सुरक्षा कैसे तय होती है?
किसी भी म्यूचुअल फंड की सुरक्षा इन तीन बातों पर निर्भर करती है, फंड का प्रकार, निवेश की अवधि और आपकी जोखिम सहने की क्षमता। अगर आपका लक्ष्य पूंजी को सुरक्षित रखना और थोड़ी बहुत कमाई करना है, तो आपको ऐसे फंड चुनने चाहिए जो कम अवधि के और कम जोखिम वाले हों। आमतौर पर ओवरनाइट फंड और लिक्विड फंड सबसे सुरक्षित विकल्प माने जाते हैं क्योंकि ये पैसा बहुत ही अल्पकालिक (Short-Term) सरकारी बॉन्ड्स, ट्रेजरी बिल्स और अन्य डेट इंस्ट्रूमेंट्स में लगाते हैं। ऐसे फंड मार्केट की अचानक गिरावट से कम प्रभावित होते हैं और स्थिर, भरोसेमंद रिटर्न देने की कोशिश करते हैं। इनका रिटर्न आम तौर पर बैंक के सेविंग अकाउंट से बेहतर होता है, जिससे ये सुरक्षित निवेश चाहने वालों के लिए एक समझदारी भरा विकल्प बन जाते हैं।
सबसे सुरक्षित म्यूचुअल फंड के प्रकार
ओवरनाइट फंड (Overnight Fund)
ओवरनाइट फंड म्यूचुअल फंड की सबसे सुरक्षित कैटेगरी में गिने जाते हैं। इन फंड्स में निवेश ऐसे डेट इंस्ट्रूमेंट्स में किया जाता है जो सिर्फ एक बिजनेस दिन में परिपक्व हो जाते हैं। इसका मतलब यह है कि हर दिन फंड का निवेश “रीसेट” होता है, जिससे डिफॉल्ट या बाजार में अचानक गिरावट का असर लगभग नहीं के बराबर होता है। इन फंड्स का अधिकतर पैसा सरकारी बॉन्ड्स और ट्रेजरी बिल्स में लगाया जाता है, जो पूरी तरह भरोसेमंद होते हैं। लगभग शून्य जोखिम, तेज़ लिक्विडिटी और सेविंग अकाउंट से बेहतर रिटर्न, इसलिए यह छोटे समय के सुरक्षित निवेश के लिए सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है।
लिक्विड फंड (Liquid Fund)
लिक्विड फंड उन निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प हैं जो अपने पैसे को कुछ हफ्तों या महीनों के लिए सुरक्षित रखना चाहते हैं और साथ ही सेविंग अकाउंट से ज्यादा रिटर्न कमाना चाहते हैं। ये फंड 91 दिनों से कम अवधि वाले मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स जैसे, ट्रेजरी बिल्स, कमर्शियल पेपर्स और सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट में निवेश करते हैं। चूंकि इनकी अवधि छोटी होती है, इसलिए इनमें ब्याज दर (Interest Rate) का जोखिम कम रहता है। हालांकि ये ओवरनाइट फंड से थोड़ा अधिक जोखिम वाले होते हैं, लेकिन आमतौर पर बेहतर रिटर्न देते हैं। शॉर्ट टर्म जरूरतों, इमरजेंसी फंड या अस्थायी कैश पार्किंग के लिए सबसे सही विकल्प। औसतन 6-7% तक, जो बैंक सेविंग अकाउंट से अधिक होता है और स्थिरता भी बनाए रखता है।
कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड (Conservative Hybrid Fund)
अगर आप निवेश में थोड़ी ग्रोथ के साथ सुरक्षा भी चाहते हैं, तो कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकते हैं। इन फंड्स में लगभग 80-90% निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट्स जैसे सरकारी बॉन्ड्स और कॉर्पोरेट डिबेंचर्स में होता है, जबकि 10-20% निवेश इक्विटी यानी शेयरों में किया जाता है। यह संतुलन फंड को स्थिर रिटर्न के साथ थोड़ा ग्रोथ पोटेंशियल भी देता है। डेट हिस्सेदारी से रिस्क कम रहता है और इक्विटी हिस्सा लंबी अवधि में पूंजी बढ़ाने में मदद करता है। सुरक्षा और विकास दोनों का बेहतरीन संतुलन। मध्यम, यानी न बहुत कम और न बहुत ज्यादा, स्थिरता के साथ थोड़ा ग्रोथ चाहने वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त।
गिल्ट फंड (Gilt Fund)
गिल्ट फंड उन निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प हैं जो पूंजी की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं। ये फंड अपने कुल निवेश का कम से कम 80% हिस्सा सरकारी सिक्योरिटीज (Government Securities) में लगाते हैं। चूंकि इन सिक्योरिटीज पर सरकार की गारंटी होती है, इसलिए डिफॉल्ट रिस्क लगभग शून्य होता है। गिल्ट फंड्स का मुख्य उद्देश्य सुरक्षित और स्थिर रिटर्न देना होता है, जिससे ये लंबी अवधि के सुरक्षित निवेश के लिए उपयुक्त बन जाते हैं। हालांकि, ध्यान देने वाली बात यह है कि ये फंड इंटरेस्ट रेट में बदलाव के प्रति काफी संवेदनशील होते हैं। जब ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो इनका रिटर्न घट सकता है, और जब ब्याज दरें घटती हैं, तो रिटर्न बेहतर हो सकता है। पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी निवेश विकल्प। ब्याज दर बढ़ने पर रिटर्न घट सकता है, इसलिए लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह अधिक उपयुक्त है।
निवेश करते समय सावधानी जरूरी
हालांकि म्यूचुअल फंड शेयर बाजार की तुलना में ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं, लेकिन इनमें पूरी तरह से जोखिम खत्म नहीं होता। इसलिए निवेश करने से पहले अपने लक्ष्य, निवेश की अवधि और जोखिम क्षमता को जरूर समझें। साथ ही, जिस फंड में निवेश करना चाह रहे हैं उसकी पिछली परफॉर्मेंस और रेटिंग देखें, और बेहतर निर्णय के लिए किसी सर्टिफाइड फाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह लेना हमेशा समझदारी भरा कदम होता है।
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