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कम टैक्स, ज्यादा बचत! न्यू टैक्स रिजीम में अपनाएं ये 4 आसान तरीके और करें 12.75 लाख तक की इनकम टैक्स फ्री
Save Income Tax 2025: बजट 2025 के बाद आयकरदाताओं के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। कुछ स्मार्ट रणनीतियों से और भी ज्यादा टैक्स बचा सकते हैं। आइए आपको बताते हैं ऐसे ही चार आसान और प्रभावी उपाय—
Save Income Tax 2025 (photo credit: social media)
Save Income Tax 2025: बजट 2025 के बाद आयकरदाताओं के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार ने न्यू टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाते हुए 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स फ्री कर दिया है। यदि विभिन्न डिडक्शन को जोड़ दिया जाए तो यह सीमा 12.75 लाख रुपये तक पहुंच जाती है। ऐसे में अगर आप भी इस वित्तीय वर्ष में न्यू टैक्स रिजीम को अपनाने की सोच रहे हैं, तो कुछ स्मार्ट रणनीतियों से और भी ज्यादा टैक्स बचा सकते हैं। आइए आपको बताते हैं ऐसे ही चार आसान और प्रभावी उपाय—
NPS में निवेश करें
नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) रिटायरमेंट प्लान के साथ-साथ टैक्स बचत का भी बेहतरीन जरिया है। यदि आपका नियोक्ता आपके बेसिक वेतन का 14% तक योगदान करता है, तो वह सेक्शन 80CCD(2) के अंतर्गत पूरी तरह टैक्स फ्री होता है। कई लोग इस सुविधा का पूरा फायदा नहीं उठाते। यदि आप SIP के माध्यम रिटायरमेंट या बच्चों की पढ़ाई के लिए पहले से ही निवेश कर रहे हैं, तो बेहतर होगा कि उसका एक भाग NPS में शिफ्ट कर दें। NPS से न केवल टैक्स की बचत होती है, बल्कि रिटायरमेंट के वक़्त मिलने वाला कॉर्पस का 60% हिस्सा टैक्स फ्री होता है।
EPF में बढ़ाएं स्वैच्छिक योगदान
यदि आप सैलरीड कर्मचारी हैं, तो EPF आपके लिए एक सुरक्षित और लाभकारी विकल्प है। सामान्यतः कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 1,800 रुपये (12% ₹15,000 बेसिक) होता है, लेकिन आप चाहें तो अपनी असली बेसिक सैलरी का 12% तक EPF में योगदान कर सकते हैं। इसके लिए अपने HR विभाग से सैलरी स्ट्रक्चर में परिवर्तन की मांग करें। इससे टेक-होम सैलरी थोड़ी कम होगी, पर आपकी रिटायरमेंट सेविंग्स मजबूत होंगी।
माता-पिता के नाम करें निवेश
यदि आपके माता-पिता की कोई आय नहीं है, तो आप अपने पैसे उन्हें गिफ्ट करके उनके नाम पर FD या अन्य निवेश करा सकते हैं। ऐसे निवेश से जो ब्याज मिलेगा, वह उनके इनकम में जुड़ा माना जाएगा। यदि उनकी कुल सालाना आय ₹3 लाख से कम है (नई रिजीम में टैक्स फ्री सीमा), तो उन्हें इस पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। इससे आपकी टैक्स देनदारी भी घटेगी। हालांकि, यह तरीका अपनाते समय गिफ्ट और ट्रांसफर की प्रक्रिया को विधिवत दिखाना आवश्यक है।
प्रोफेशनल्स के लिए प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन स्कीम
जो लोग सैलरीड नहीं हैं—जैसे फ्रीलांसर, कंसल्टेंट, डॉक्टर, वकील आदि—वे NPS या EPF का लाभ नहीं ले पाते, लेकिन उनके पास सेक्शन 44ADA के तहत प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन का विकल्प मौजूद है। इसमें प्रोफेशनल्स अपनी कुल आय का केवल 50% ही टैक्सेबल इनकम के रूप में दिखा सकते हैं, जिससे टैक्स लायबिलिटी काफी कम हो जाती है। इसमें खर्चों का हिसाब रखने की भी जरूरत नहीं होती।
बता दे, न्यू टैक्स रिजीम को अपनाने के बाद भी आप स्मार्ट प्लानिंग करके टैक्स में काफी बचत कर सकते हैं। ऊपर दिए गए उपायों को अपनाकर आप न सिर्फ टैक्स से राहत पा सकते हैं, बल्कि दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा भी सुनिश्चित कर सकते हैं।
Disclaimer: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी टैक्स योजना को अपनाने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या टैक्स एक्सपर्ट से परामर्श अवश्य करें।
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