TRENDING TAGS :
Tax overhauled : 17 दिन में रिफंड - भारत में आयकर प्रणाली में तेजी और पारदर्शिता
Tax Overhauled: ई-फाइलिंग, फेसलेस असेसमेंट, प्री-फिल्ड रिटर्न, ऑटोमैटेड प्रोसेसिंग और ऑनलाइन शिकायत निवारण जैसी पहलें मुख्य भूमिका निभा रही हैं।
Tax overhauled (Image Credit-Social Media)
Tax Overhauled : पिछले एक दशक में भारत ने कर प्रशासन में अत्यधिक सुधार किए हैं, जिससे आयकर रिफंड की प्रक्रिया में भी क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिला है। अब तक जहां रिफंड आने में औसतन 93 दिन लगते थे, वहीं यह समय घटकर सिर्फ 17 दिन रह गया है। इसी अवधि में रिफंड की राशि पांच गुना से अधिक बढ़ चुकी है । 2013-14 में 83,008 करोड़ से 2024-25 तक 4,76,743 करोड़ रुपए तक पहुंचा। इसमें ई-फाइलिंग, फेसलेस असेसमेंट, प्री-फिल्ड रिटर्न, ऑटोमैटेड प्रोसेसिंग और ऑनलाइन शिकायत निवारण जैसी पहलें मुख्य भूमिका निभा रही हैं। इस लेख में हम विस्तार से देखेंगे कि ये सुधार कैसे काम कर रहे हैं और उनके क्या नतीजे सामने आए हैं।
1. डिजिटल बदलाव ने रफ़्तार दी रद्द मामलों में :
• ई-फाइलिंग और पूर्व-भरा रिटर्न:
पूरे इंडियन टैक्स सिस्टम में ई-फाइलिंग को बढ़ावा दिया गया। जिसमें अब फॉर्म पहले से डेटा लेकर तैयार होते हैं, जिससे त्रुटियाँ घटती हैं।
• फेसलेस असेसमेंट:
कार्यालय चले बिना ही कर का आकलन होता है। यह पारदर्शिता और निष्पक्षता दोनों में सुधार करता है।
• ऑटोमैटेड रिफंड प्रोसेसिंग और रियल-टाइम TDS एडजस्टमेंट:
टेक्नोलॉजी के सहारे रिफंड जल्दी और सटीक मिलते हैं, जिससे औसत समय घटकर मात्र 17 दिन ही रह गया है।
2. कर संग्रह में तीन गुणा वृद्धि :
इसी दशक में सकल प्रत्यक्ष कर की वसूली लगभग तीन गुना बढ़ी। 2013 - 14 में यह करीब 7.2 लाख करोड़ रुपए थी, जो अब बढ़कर लगभग 27 लाख करोड़ हुई। यह वृद्धि कर प्रणाली की विश्वसनीयता और पारदर्शकता को दर्शाती है।
3. रिफंड बढ़ा, रिफंड के अनुपात में भी तेजी :
2013 - 14 में सकल कर संग्रह का 11.5 % हिस्सा रिफंड था, जो अब वित्त वर्ष 2024 - 25 में 17.6 % हो गया है। यह दर्शाता है कि अब लोग स्वेच्छा से अधिक टैक्स भर रहे हैं, और सिस्टम उन्हें समय पर उनकी जमा राशि वापस कर रहा है-जो अर्थव्यवस्था का सकारात्मक संकेत है।
4. पुरानी धीमी प्रक्रिया से दूर, विश्वास की नई राह :
पहले सरकार अक्सर रिफंड में देरी करती थी, ताकि शुद्ध वसूली आंकड़े अधिक दिखें। लेकिन अब मोदी सरकार ने यह रुख बदल दिया है। इसका असर व्यवसायों और आम जनता के नकदी प्रवाह पर सकारात्मक रहा, जिससे आर्थिक गतिविधियों में सुधार हुआ है। यह बदलाव करदाता के विश्वास को मजबूत करता है, भले इसका असर जमा आंकड़ों पर थोड़ा ही क्यों न हो।
निष्कर्ष :
• समय में भारी कमी: रिफंड समय घटकर 93 से 17 दिन रह गया—81 % की कमी।
• रिफंड राशि में 5 गुना वृद्धि: मात्र एक दशक में 83,000 करोड़ से 4.76 लाख करोड़ रुपए तक।
• सकल कर संग्रह में 3 गुना वृद्धि: 7.2 लाख करोड़ से बढ़कर लगभग 27 लाख करोड़ रुपए।
• रिफंड का अनुपात बढ़ा: 11.5 % से 17.6 %।
• पारदर्शिता और विश्वास: पुरानी धीमी प्रक्रियाओं को बदलकर, सिस्टम ने कर भरोसे को बढ़ाया।
इस प्रकार, डिजिटल टैक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर और प्रशासनिक सुधारों ने न सिर्फ आयकर रिफंड जितना बढ़ाया, बल्कि उनके वितरण की गति भी बहुत तेज की। इससे करदाता संतुष्टि बढ़ी, नकदी प्रवाह बेहतर हुआ और भारतीय कर प्रणाली अधिक प्रभावी बनकर उभरी।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!