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Corporate Tax Cut Report: कॉर्पोरेट टैक्स में ₹99,000 करोड़ की छूट - वित्त राज्यमंत्री का बड़ा खुलासा
Corporate Tax Cut Report: सरकार ने FY24 में ₹99,000 करोड़ का राजस्व छोड़ा, जानें टैक्स छूटों से जुड़ी पूरी जानकारी और अब तक के आंकड़े।
Corporate Tax Cut (Photo - Social Media)
Corporate Tax Cut Report: सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग ₹99,000 करोड़ का राजस्व कॉर्पोरेट टैक्स में दी गई छूटों के कारण नहीं वसूला। यह जानकारी मंगलवार को राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साझा की। कॉर्पोरेट टैक्स दरों में पिछले कुछ वर्षों से लगातार कटौती की जा रही है ताकि निवेश को बढ़ावा मिल सके और कंपनियों को राहत दी जा सके।
पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने टैक्स दरों में छूट देकर कंपनियों को आकर्षित करने और देश में रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। हाल ही में पेश किए गए आंकड़े बताते हैं कि इन नीतियों के चलते सरकारी खजाने को हर साल हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। लेकिन सरकार का मानना है कि इन छूटों से दीर्घकालिक विकास और आर्थिक मजबूती को बल मिलेगा।
2019 से अब तक कितनी टैक्स छूट दी गई? :
राज्यसभा में दिए गए लिखित उत्तर में मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 से 2023-24 तक कुल ₹3.67 लाख करोड़ से अधिक की कॉर्पोरेट टैक्स छूट दी गई है। इस दौरान हर वर्ष सरकार ने निम्नानुसार राजस्व नहीं वसूला:
• 2023-24: ₹98,999 करोड़
• 2022-23: ₹88,109 करोड़
• 2021-22: ₹96,892 करोड़
• 2020-21: ₹75,218 करोड़
• 2019-20: ₹8,043 करोड़
इन आंकड़ों से साफ है कि 2023-24 में टैक्स छूट का आंकड़ा सबसे अधिक रहा। यह AAP सांसद राघव चड्ढा के सवाल के जवाब में बताया गया, जिसमें उन्होंने 2019-20 से 2024-25 तक कॉर्पोरेट टैक्स कटौती के कारण सरकारी खजाने को हुए नुकसान का विवरण मांगा था।
हालांकि, 2024-25 के आंकड़े अब तक उपलब्ध नहीं हैं।
टैक्स कटौती की पृष्ठभूमि: क्यों की गई इतनी बड़ी छूट? :
सरकार की यह नीति कोई अचानक लिया गया निर्णय नहीं है। कॉर्पोरेट टैक्स दरों में छूट देने की शुरुआत वित्त अधिनियम, 2016 से हुई, जिसमें कंपनियों की कुल आय पर टैक्स दर को 30% से घटाकर 29% किया गया था। इसका उद्देश्य था-व्यापारिक वृद्धि को प्रोत्साहन, निवेश को बढ़ावा और रोजगार के अवसर पैदा करना।
2017 में, सरकार ने यह दर घटाकर 25% कर दी, लेकिन यह छूट उन्हीं घरेलू कंपनियों के लिए थी जिनका वार्षिक कारोबार ₹50 करोड़ से कम था। इसका उद्देश्य छोटे कारोबारों को मजबूती देना और उन्हें कंपनी ढांचे में लाने के लिए प्रोत्साहित करना था।
सितंबर 2019 में, सरकार ने बड़ी घोषणा करते हुए मौजूदा कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स को 30% से घटाकर 22% कर दिया। इसके साथ, नए मैन्युफैक्चरिंग फर्म्स के लिए, जो 1 अक्टूबर 2019 के बाद पंजीकृत हुए, टैक्स दर को 15% निर्धारित किया गया। शर्त यह रखी गई कि वे सभी टैक्स छूटों और प्रोत्साहनों को छोड़ दें।
विदेशी कंपनियों के लिए भी राहत: वित्त अधिनियम 2024 का प्रावधान :
वित्त अधिनियम, 2024 के तहत सरकार ने विदेशी कंपनियों के लिए भी टैक्स दर में कटौती की घोषणा की। विशेष दरों को छोड़कर, विदेशी कंपनियों पर लगने वाला टैक्स 40% से घटाकर 35% कर दिया गया है। सरकार का उद्देश्य विदेशी निवेश को आकर्षित करना और देश में अधिक रोजगार के अवसर बनाना है।
यह कदम भारत को वैश्विक निवेश के लिए अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह भी उम्मीद की जा रही है कि इससे विदेशी कंपनियां भारत में लंबे समय तक व्यवसाय करना चाहेंगी।
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