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GST करदाताओं में 50% हिस्सा सिर्फ 5 राज्यों का: SBI रिपोर्ट में खुलासा, उत्तर प्रदेश सबसे आगे
GST Taxpayer Share: देश के 50% एक्टिव GST करदाता सिर्फ 5 राज्यों से, जानिए कौन से राज्य आगे और कहां है टैक्स औपचारिकता की कमी।
GST Taxpayer Share (Photo - Social Media)
GST Taxpayer Share: भारत में वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लागू हुए आठ साल पूरे हो चुके हैं। इन वर्षों में देश ने टैक्स सिस्टम को अधिक पारदर्शी और समावेशी बनाने की दिशा में कई अहम कदम उठाए हैं। हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) रिसर्च द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह चौंकाने वाली बात सामने आई है कि पूरे देश के कुल सक्रिय GST करदाताओं में से लगभग 50 प्रतिशत सिर्फ पाँच राज्यों से आते हैं। यह न केवल टैक्स आधार की एकतरफा स्थिति को दर्शाता है, बल्कि यह भी संकेत देता है कि देश के कई अन्य राज्यों में टैक्स औपचारिकता की अभी भी भारी कमी है। इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, जो स्पष्ट करता है कि वहां टैक्स जागरूकता और अनुपालन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
शीर्ष 5 राज्य: GST पंजीकरण में सबसे आगे :
SBI रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में GST के तहत सक्रिय पंजीकृत करदाताओं में से आधे से अधिक केवल पांच राज्यों से आते हैं। ये राज्य हैं:
• उत्तर प्रदेश
• महाराष्ट्र
• गुजरात
• तमिलनाडु
• कर्नाटक
इनमें उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है, जहां से 13.2% सक्रिय करदाता हैं। इसके बाद महाराष्ट्र 12.1%, गुजरात 8.4%, तमिलनाडु 7.7% और कर्नाटक 6.9% के साथ आते हैं।
यह आंकड़ा स्पष्ट रूप से बताता है कि GST के तहत टैक्स अनुपालन और पंजीकरण की गतिविधि कुछ सीमित राज्यों में केंद्रित है। इसका एक प्रमुख कारण इन राज्यों की आबादी, औद्योगिक विकास, और हाल के वर्षों में टैक्स प्रबंधन में आए सुधार माने जा सकते हैं।
GDP के मुकाबले कम GST भागीदारी वाले राज्य :
हालांकि उपरोक्त राज्य पंजीकरण के मामले में आगे हैं, रिपोर्ट में एक महत्वपूर्ण बिंदु यह भी उठाया गया है कि कुछ आर्थिक रूप से सशक्त राज्य अपनी आर्थिक स्थिति के अनुपात में GST योगदान नहीं दे पा रहे हैं। इन्हें "अंडरपरफॉर्मिंग" राज्यों की श्रेणी में रखा गया है।
इन राज्यों में शामिल हैं:
• तेलंगाना
• तमिलनाडु
• केरल
• आंध्र प्रदेश
• कर्नाटक
इन राज्यों में राष्ट्रीय सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) में योगदान तो अधिक है, लेकिन उनके GST करदाता संख्या अपेक्षाकृत कम है। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में टैक्स औपचारिकरण (formalization) की संभावनाएं अभी भी काफी अधिक हैं।
SBI की रिपोर्ट का यह अवलोकन भविष्य की नीति-निर्माण के लिए बेहद उपयोगी है, क्योंकि यह उन क्षेत्रों की ओर इशारा करता है जहां कर प्रणाली को और सशक्त बनाया जा सकता है।
बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्य: कम GSDP, फिर भी अधिक GST भागीदारी :
दूसरी ओर, कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां जीएसडीपी में योगदान कम होने के बावजूद GST पंजीकरण का प्रतिशत अधिक है। ऐसे राज्यों में प्रमुख रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार और गुजरात आते हैं।
उदाहरण के लिए, बिहार की बात करें तो उसका राष्ट्रीय GSDP में योगदान मात्र 2.8% है, लेकिन वह कुल GST करदाताओं में 4.3% का योगदान देता है। यह इस बात का संकेत है कि वहां टैक्स अनुपालन और औपचारिकता में सुधार हुआ है।
यह ट्रेंड दर्शाता है कि कुछ राज्य अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के बावजूद कर प्रणाली को मजबूत करने में आगे बढ़े हैं, जो नीति-निर्माताओं के लिए एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करता है।
कम योगदान देने वाले राज्य: विस्तार की भारी संभावनाएं :
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कुछ राज्य जैसे:
• उत्तराखंड
• छत्तीसगढ़
• जम्मू-कश्मीर
• हिमाचल प्रदेश
कुल GST पंजीकृत करदाताओं में बहुत ही कम हिस्सा रखते हैं - प्रत्येक का योगदान 1.4% या उससे कम है।
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