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टाटा स्टील ने किया पहला पूरी तरह डिजिटल इम्पोर्ट ट्रांजैक्शन, नए युग की शुरुआत
Tata Steel First Digital Import via e-Bill of Lading : इस पहल से टाटा स्टील न केवल व्यापारिक प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बना रहा है, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।
Tata Steel First Digital Import via e-Bill of Lading (Image Credit-Social Media)
Tata Steel First Digital Import via e-Bill of Lading: भारत की जानी-मानी स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील ने हाल ही में व्यापार की दुनिया में एक नया इतिहास रचा है। कंपनी ने अपने पहले आयात (Import) लेनदेन को पूरी तरह डिजिटल माध्यम से सफलतापूर्वक पूरा किया है। इस डिजिटल ट्रांजैक्शन में कंपनी ने इलेक्ट्रॉनिक बिल ऑफ लेडिंग (eB/L) का इस्तेमाल किया, जिससे पारंपरिक पेपरवर्क की जरूरत खत्म हो गई। यह आयात कोयले की खेप का था, जो क्वींसलैंड (ऑस्ट्रेलिया) से ओडिशा के धामरा पोर्ट तक पहुंचा। इस पहल से टाटा स्टील न केवल व्यापारिक प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बना रहा है, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है।
Paperless Trade: eB/L से डिजिटल बदलाव
इस डिजिटल लेनदेन में टाटा स्टील, आईसीआईसीआई बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (सिंगापुर), टीएस ग्लोबल प्रोक्योरमेंट और डिजिटल प्लेटफॉर्म ICE Digital Trade शामिल रहे। इलेक्ट्रॉनिक बिल ऑफ लेडिंग (eB/L) एक ऐसा दस्तावेज है जो पारंपरिक कागज आधारित बिल ऑफ लेडिंग की डिजिटल रूप में प्रस्तुति करता है और वैश्विक शिपिंग में इसका उपयोग किया जाता है।
eB/L के जरिए टाटा स्टील ने पारंपरिक व्यापारिक अड़चनों को पीछे छोड़ते हुए तेज, सुरक्षित और पर्यावरण हितैषी आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) की ओर कदम बढ़ाया है। कंपनी का उद्देश्य है कि वर्ष 2045 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
डिजिटल ट्रांजैक्शन: समय, कागज और जोखिम की बचत
टाटा स्टील के उपाध्यक्ष पीयूष गुप्ता ने कहा, “यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। eB/L के ज़रिए हम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को और अधिक स्मार्ट, पारदर्शी और पर्यावरण के अनुकूल बना रहे हैं।" वहीं, कंपनी के फाइनेंशियल कंट्रोल और बिजनेस एनालिटिक्स प्रमुख संदीप भट्टाचार्य ने इसे आधुनिक वित्तीय प्रणाली की ज़रूरतों के अनुरूप बताया।
इस पेपरलेस प्रक्रिया से दस्तावेजों की पहुँच तेज़ होती है, अनुपालन बेहतर होता है और भौतिक कूरियर की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। इसका सीधा फायदा समय की बचत और जोखिम में कमी के रूप में सामने आता है।
बैंकिंग और ब्लॉकचेन: तकनीक के साथ व्यापार का भविष्य
ICICI बैंक की अनुभूति सांघई ने इसे बैंक-टू-बैंकटेक की यात्रा बताया। उन्होंने कहा कि eB/L डिजिटल इनोवेशन और वैश्विक साझेदारियों के ज़रिए व्यापार को नया आकार देता है, जो पूरी तरह कंप्लायंस के अनुरूप होता है।
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की वैश्विक प्रमुख मैसी चोंग ने कहा कि यह ट्रांजैक्शन व्यापार वित्त की दिशा में मील का पत्थर है। इससे व्यापार में पारदर्शिता, गति और सुरक्षा तीनों में सुधार हुआ है।
भविष्य की दिशा में पहल
टाटा स्टील अब ऐसे ही और ब्लॉकचेन आधारित डिजिटल लेनदेन पर काम कर रहा है, जिसमें बांग्लादेश, यूरोप और मिडिल ईस्ट जैसे क्षेत्रों में अलग-अलग शिपमेंट मोड्स जैसे रोड, ब्रेकबल्क और कंटेनर को शामिल किया जाएगा।
निष्कर्ष:
टाटा स्टील का यह डिजिटल कदम न केवल कंपनी की व्यापारिक दक्षता को दर्शाता है बल्कि भारत की इंडस्ट्री में तकनीकी नवाचार की दिशा में एक प्रेरणादायक शुरुआत भी है। पेपरलेस और पर्यावरण-संवेदनशील व्यापार मॉडल की यह पहल आने वाले समय में दूसरे उद्योगों के लिए भी एक आदर्श बन सकती है।
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