TRENDING TAGS :
Tata’s Next Big Move? : क्या टाटा ग्रुप करेगा Resurgent Power में शेष निवेशकों की हिस्सेदारी का अधिग्रहण?
Tata's Next Big Move: टाटा ग्रुप की योजना Resurgent Power Ventures Pte में अन्य निवेशकों की हिस्सेदारी खरीदने की है।
Tata's Next Big Move (Image Credit-Social Media)
Tata’s Next Big Move? : भारत का अग्रणी औद्योगिक समूह टाटा ग्रुप एक बार फिर सुर्खियों में है। सूत्रों के मुताबिक, समूह की योजना अब Resurgent Power Ventures Pte में अन्य निवेशकों की हिस्सेदारी खरीदने की है। बताया जा रहा है कि इस संभावित अधिग्रहण के लिए टाटा ग्रुप ने एक पेशेवर सलाहकार को नियुक्त किया है, जो सौदे की प्रक्रिया को सुचारु रूप से आगे बढ़ाने में सहायता कर रहा है।
मौजूदा निवेशकों की स्थिति क्या है?
Resurgent Power में वर्तमान समय में तीन बड़े निवेशकों का कुल मिलाकर 74% स्वामित्व है:
1. ICICI Venture Funds Management Co.
2. Kuwait Investment Authority (KIA)
3. Oman Investment Authority (OIA)
वहीं, टाटा पावर के पास शेष 26% हिस्सेदारी है। जानकार सूत्रों की मानें तो ये तीनों निवेशक कंपनी की कुल कीमत लगभग 2.1 बिलियन डॉलर (करीब ₹17,500 करोड़, जिसमें ऋण भी शामिल है) आंक रहे हैं। इसी के आधार पर शेयर बिक्री को लेकर बातचीत चल रही है।
सौदा किस स्तर पर है?
यह अधिग्रहण अभी प्रारंभिक बातचीत के दौर में है। चर्चा पूरी तरह गोपनीय है और किसी भी पक्ष से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। सौदे को लेकर टाटा पावर, ICICI वेंचर और OIA ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, जबकि KIA ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
इस समय करार की पुष्टि करना जल्दबाज़ी होगी, क्योंकि बातचीत शुरुआती चरण में है।
Resurgent Power का परिचय
Resurgent Power भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक तेजी से बढ़ती हुई कंपनी है। इसके पास Prayagraj Power Generation Company में लगभग 75% हिस्सेदारी है, जो उत्तर भारत की एक प्रमुख बिजली उत्पादन परियोजना है। साथ ही, यह कंपनी कई पावर ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट्स का संचालन भी करती है, जो उत्तरी भारत के विभिन्न हिस्सों में फैले हुए हैं।
ICICI वेंचर के अनुसार, कंपनी की संपत्तियां आर्थिक दृष्टि से मजबूत हैं और लंबी अवधि तक सतत लाभ प्रदान करने की क्षमता रखती हैं।
निवेश का इतिहास
Kuwait Investment Authority (KIA) और Oman Investment Authority (OIA) ने वर्ष 2019 में Resurgent Power में निवेश किया था। उन्होंने यह हिस्सेदारी कनाडा की निवेश कंपनी Caisse de dépôt et placement du Québec (CDPQ) की एक इकाई से खरीदी थी।
बाद में 2020 में ओमान सरकार की दो बड़ी निवेश संस्थाएं - State General Reserve Fund (SGRF) और Oman Investment Fund - का विलय हुआ, जिसके बाद OIA का गठन हुआ। अब वही OIA, Resurgent Power की हिस्सेदार है।
टाटा ग्रुप की रणनीति क्या है?
टाटा ग्रुप इस अधिग्रहण को अपनी ऊर्जा क्षेत्र में पकड़ मज़बूत करने की दीर्घकालिक रणनीति के रूप में देख रहा है। देश में लगातार बढ़ती बिजली की मांग के मद्देनज़र, टाटा पावर पहले से ही सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और थर्मल पावर जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है।
अगर यह डील पूरी होती है, तो Resurgent Power पूरी तरह टाटा पावर की सहायक कंपनी बन सकती है। इससे न केवल टाटा ग्रुप की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी, बल्कि उसे ट्रांसमिशन नेटवर्क और क्षेत्रीय विस्तार का भी सीधा लाभ मिलेगा।
सारांश :
यह अधिग्रहण न केवल टाटा ग्रुप के लिए एक रणनीतिक उपलब्धि हो सकता है, बल्कि भारतीय ऊर्जा बाजार में भी एक बड़ा बदलाव ला सकता है। विदेशी निवेशक जहां अपने निवेश से निकलने की सोच रहे हैं, वहीं टाटा ग्रुप इसे एक लंबी अवधि के अवसर के रूप में देख रहा है।
हालांकि फिलहाल यह सौदा तय नहीं हुआ है, लेकिन अगर यह करार हो जाता है, तो इससे टाटा ग्रुप की ऊर्जा क्षेत्र में स्थिति और मजबूत होगी और Resurgent Power को भी दीर्घकालिक स्थायित्व मिल सकता है।
Start Quiz
This Quiz helps us to increase our knowledge