TRENDING TAGS :
क्या पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ सकते हैं? ट्रंप के तेल प्रतिबंधों का असर सीधे आपकी जेब पर!
अमेरिका ने रूस की प्रमुख तेल कंपनियों रोजनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगाए हैं। यह कदम रूस पर यूक्रेन युद्ध रोकने का दबाव बढ़ाने के लिए लिया गया है। इससे वैश्विक तेल बाजार और भारत सहित कई देशों की ऊर्जा आपूर्ति प्रभावित हो सकती है
Trump Sanctions Russia Oil: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों रोजनेफ्ट और लुकोइल पर नए प्रतिबंध लगाए हैं। यह कदम रूस पर दबाव बनाने और यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए उठाया गया है। इन प्रतिबंधों के कारण रूस की तेल कंपनियों की कमाई कम हो जाएगी और उसकी अर्थव्यवस्था कमजोर होगी। भारत जैसे देश, जो रूस से तेल आयात करते हैं, इन प्रतिबंधों से प्रभावित हो सकते हैं। इसके कारण भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं। वैश्विक स्तर पर भी रूस की तेल आपूर्ति कम होने से तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं।
रोजनेफ्ट और लुकोइल पर अमेरिका के नए प्रतिबंध
ये प्रतिबंध अमेरिका के OFAC द्वारा लगाए गए हैं और इन्हें Executive Order 14024 के तहत लागू किया गया है। रोजनेफ्ट रूस की सबसे बड़ी तेल कंपनी है। यह कंपनी तेल और गैस खोजने, निकालने, शोधन करने और बेचने का काम करती है। लुकोइल रूस की एक और बड़ी तेल और गैस कंपनी है। यह भारत और दुनिया के कई देशों में सक्रिय है और तेल कारोबार करती है। इन दोनों कंपनियों के 50% से ज्यादा हिस्सेदारी वाले सभी छोटे और सहायक संगठन भी इन प्रतिबंधों में शामिल किए गए हैं।
भारत और दुनिया पर असर
भारत रूस से बहुत सारा तेल खरीदता है। इस नए प्रतिबंध के कारण भारत की तेल खरीद प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी बड़ी कंपनियों के पुराने अनुबंधों पर असर पड़ सकता है। यूएस के दबाव के कारण भारत को रूस से तेल आयात कम करना पड़ सकता है। इसके कारण भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं और ऊर्जा सुरक्षा पर नई चुनौतियां सामने आ सकती हैं।
वैश्विक स्तर पर भी तेल की कीमतों में उछाल आ सकता है क्योंकि रूस दुनिया का बड़ा तेल उत्पादक देश है। इससे अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ सकता है।
ट्रंप प्रशासन की रणनीति और अगले कदम
अमेरिका के ट्रेजरी सचिव ने कहा है कि अगर रूस यूक्रेन युद्ध जारी रखता है तो अमेरिका और उसके सहयोगी और सख्त प्रतिबंध लगा सकते हैं। ट्रंप ने रूस के साथ शांति वार्ता की कई कोशिशें की, लेकिन रूस की तरफ से सहयोग नहीं मिला।
ट्रंप ने चीन से रूस के तेल आयात पर भी चिंता जताई है और एपीईसी सम्मेलन में इस मुद्दे को उठाने की योजना बनाई है।
इन प्रतिबंधों का मुख्य मकसद रूस की युद्ध वित्तपोषण क्षमता को कमजोर करना और यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए दबाव बढ़ाना है।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!