चीन से आयातित सामानों पर अमेरिकी टैरिफ दोगुना, क्या भारत के लिए खुल गए हैं नए व्यापार के द्वार?

ट्रंप के 100% टैरिफ से अमेरिका में चीन के सामान महंगे हो जाएंगे। इससे भारत के निर्यातकों को फायदा मिलेगा और अमेरिकी बाजार में उनकी मांग बढ़ सकती है।

Sonal Girhepunje
Published on: 11 Oct 2025 5:48 PM IST
चीन से आयातित सामानों पर अमेरिकी टैरिफ दोगुना, क्या भारत के लिए खुल गए हैं नए व्यापार के द्वार?
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US Tariff Opens Opportunities for India: अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध तेज़ हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले सामान पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। यह कदम 1 नवंबर, 2025 से लागू होगा। चीन से आने वाले सामान पर अब कुल टैरिफ 130% हो जाएगा। इस टैरिफ बढ़ोतरी का मुख्य कारण चीन की ओर से दुर्लभ पृथ्वी (Rare Earth) संसाधनों का निर्यात सीमित करना है। ये सामग्री अमेरिकी रक्षा, इलेक्ट्रिक वाहन और स्वच्छ ऊर्जा उद्योगों के लिए बहुत जरूरी हैं।

भारत के निर्यातकों को फायदा

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस के अध्यक्ष एस.सी. रालहान का कहना है कि इस टैरिफ वृद्धि से भारत के उत्पाद अमेरिका में सस्ते और पसंदीदा हो जाएंगे। चीन के सामान महंगे होने की वजह से अमेरिकी खरीदार अब भारत के उत्पादों पर ध्यान देंगे।

भारत ने 2024-25 में अमेरिका को करीब 86 अरब डॉलर के वस्त्र और अन्य उत्पाद निर्यात किए हैं। अब भारत को अमेरिकी बाजार में नई प्रतिस्पर्धा का मौका मिलेगा।

टेक्सटाइल और खिलौना जैसे क्षेत्र के निर्यातकों का भी मानना है कि चीन के टैरिफ बढ़ने से भारत का कारोबार बढ़ेगा। खिलौना निर्माता मनु गुप्ता कहते हैं कि अब अमेरिका की बड़ी दुकानों जैसे टारगेट भी भारत से नए खिलौने खरीदना चाहते हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स और सौर पैनल की कीमतों में वृद्धि

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंस्टिट्यूट के अनुसार, इस टैरिफ बढ़ोतरी से इलेक्ट्रॉनिक्स, पवन टरबाइन और सेमीकंडक्टर पार्ट्स की कीमतें बढ़ेंगी। अमेरिका चीन से बहुत सारे वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, फुटवियर, व्हाइट गुड्स और सौर पैनल आयात करता है। इसलिए यह टैरिफ चीन के लिए नुकसानदेह साबित होगी।

भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंध

पिछले चार साल में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साथी बन गया है। दोनों देशों के बीच व्यापार कुल 131.84 अरब डॉलर का है, जिसमें भारत का निर्यात करीब 86.5 अरब डॉलर है। भारत का कुल निर्यात का लगभग 18% हिस्सा अमेरिका में जाता है। दोनों देश अब द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भी बातचीत कर रहे हैं। इससे भविष्य में भारत-यूएस व्यापार और बढ़ सकता है।

व्यापार युद्ध के अन्य देशों पर असर

इस व्यापार युद्ध से मेक्सिको, कनाडा, दक्षिण कोरिया, जापान और सिंगापुर जैसे देश भी प्रभावित होंगे। सप्लाई चेन में रुकावट की वजह से इन देशों की आर्थिक वृद्धि धीमी हो सकती है, खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स और तकनीकी उद्योगों में।

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