उपराष्ट्रपति का "समाजवाद" और "धर्मनिरपेक्षता" पर बयान शर्मनाक, संविधान का अपमान: कांग्रेस

Lucknow News: डॉ. राय ने कहा कि दोनों शब्द वर्ष 1976 में 42वें संविधान संशोधन के तहत पूरी संवैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से जोड़े गए थे। संसद और राज्य विधानसभाओं की स्वीकृति के बाद प्रस्तावना में शामिल किया गया था।

Prashant Vinay Dixit
Published on: 29 Jun 2025 8:14 PM IST
Congress statement on VC Jagdeep Dhankhar
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Congress statement on VC Jagdeep Dhankhar (Photo: Social Media)

Lucknow News: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा संविधान की प्रस्तावना में शामिल "समाजवाद" और "धर्मनिरपेक्षता" को "नासूर" कहे जाने पर विवाद गहराता जा रहा है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन डॉ. सीपी राय ने बयान को न केवल शर्मनाक बताया है, बल्कि इसे देश की जनता और संविधान का सीधा अपमान करार दिया है।

स्वीकृति के बाद प्रस्तावना में शामिल

डॉ. राय ने कहा कि दोनों शब्द वर्ष 1976 में 42वें संविधान संशोधन के तहत पूरी संवैधानिक प्रक्रिया के माध्यम से जोड़े गए थे। संसद और राज्य विधानसभाओं की स्वीकृति के बाद प्रस्तावना में शामिल किया गया था। उन्होंने कहा कि समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता भारतीय संविधान की आत्मा और सामाजिक न्याय तथा धार्मिक सद्भाव की बुनियाद हैं।

उपराष्ट्रपति पर साधा कांग्रेस ने निशाना

कांग्रेस नेता ने तीखा हमला करते हुए कहा, देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति ऐसा बयान देकर न सिर्फ अपने पद की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है, बल्कि यह बयान संविधान की आत्मा पर सीधा हमला है। यह आरएसएस और भाजपा की साजिश का हिस्सा है, जो देश को बांटने और संविधान को कमजोर करने की कोशिश है।

संविधान की शपथ का सम्मान करें

डॉ. राय ने उपराष्ट्रपति से सवाल किया कि क्या उन्हें अपने संवैधानिक पद की मर्यादा का जरा भी खयाल है? यदि उपराष्ट्रपति संविधान की शपथ का सम्मान नहीं कर सकते, तो उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। यह पहला मौका नहीं है जब उपराष्ट्रपति ने संविधान के प्रावधानों को लेकर विवादित बयान दिया है।

न्यायपालिका पर टिप्पणी कर चुके

वे अनुच्छेद 142 पर सवाल उठाकर न्यायपालिका पर भी टिप्पणी कर चुके हैं। अब संविधान की प्रस्तावना पर टिप्पणी कर उन्होंने संवैधानिक मूल्यों को चुनौती दी है। कांग्रेस नेता ने उपराष्ट्रपति से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की है। डॉ. राय ने दावा किया कि उपराष्ट्रपति आरएसएस नेता दत्तात्रेय होसबाले की भाषा बोल रहे हैं।

सरकार विफलताओं को रही छिपा

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 से सरकार विफलताओं को छिपाने के लिए संविधानिक मूल्यों पर हमला कर रही है। बेरोजगारी चरम पर है, महंगाई ने आम जनता की कमर तोड़ दी है, किसान और नौजवान हताश हैं, अच्छे दिन, 2 करोड़ नौकरियां और किसानों की आय दोगुनी जैसे वादे जुमले साबित हैं।

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