भारत के स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की एंट्री, अब कक्षा 3 के बच्चे पढ़ेंगे AI पाठ्यक्रम

भारत सरकार 2026-27 से कक्षा 3 के छात्रों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शिक्षा शुरू करने जा रही है। जानिए कैसे यह पहल बच्चों को भविष्य की नौकरियों, डिजिटल कौशल और तकनीकी युग के लिए तैयार करेगी।

Jyotsna Singh
Published on: 11 Oct 2025 8:15 PM IST
AI in Indian schools
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AI in Indian schools (Image Credit-Social Media)

AI in Indian Schools: किसी भी देश की शिक्षा का स्तर उस देश के विकास की तस्वीर को गढ़ता है। इसी परिपाटी पर आगे बढ़ते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्रांति के साथ भारत शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग में प्रवेश करने जा रहा है। केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक फैसला किया है कि 2026-27 के शैक्षणिक सत्र से कक्षा 3 के छात्रों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य बच्चों और शिक्षकों को डिजिटल दुनिया और भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करना है। नीति आयोग की हालिया 'AI और रोजगार' रिपोर्ट के प्रकाशन के साथ पर तकनीकी शिक्षा की ओर बढ़ता ये यह कदम और भी महत्वपूर्ण हो गया। आइए जानते हैं इस विषय पर विस्तार से -

AI और रोजगार के संबंध में क्या कहती है नीति आयोग की रिपोर्ट ?


नीति आयोग की रिपोर्ट बताती है कि AI के बढ़ते प्रभाव से आने वाले वर्षों में लगभग 20 लाख नौकरियां खत्म हो सकती हैं। लेकिन अगर सही तैयारी और इकोसिस्टम तैयार किया जाए, तो 80 लाख नई नौकरियां भी बनाई जा सकती हैं। वर्तमान में देश के 18,000 से अधिक CBSE स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक AI पढ़ाया जा रहा है। कक्षा 6 से 8 में इसे 15 घंटे के मॉड्यूल के रूप में पढ़ाया जाता है, जबकि कक्षा 9 से 12 में इसे वैकल्पिक विषय के रूप में शामिल किया गया है। रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि भारत AI प्रतिभा मिशन और भारत AI मिशन को मिलाकर एक मजबूत सहयोगी ढांचा तैयार करे। जिससे शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों के लिए बेहतर अवसर बनें और सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के बीच साझेदारी मजबूत हो।

इस दिशा में क्या है शिक्षा विभाग की तैयारी और अगले कदम

स्कूल शिक्षा सचिव संजय कुमार ने कहा कि सरकार को तेजी से कदम बढ़ाने की जरूरत है। उनका कहना है कि अगले 2 से 3 सालों में छात्रों और शिक्षकों को AI की समझ देने के लिए व्यापक तैयारी करनी होगी। मुख्य चुनौती यह है कि देशभर में 1 करोड़ से अधिक शिक्षकों तक AI से जुड़ी अवधारणाओं की पहुंच सुनिश्चित की जाए। CBSE इस पहल के लिए रूपरेखा तैयार कर रहा है जिसमें पाठ्यक्रम मॉड्यूल, शिक्षक प्रशिक्षण, डिजिटल संसाधन और प्रैक्टिकल वर्कशॉप शामिल हैं। शिक्षकों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि वे बच्चों को प्रभावी तरीके से AI की शिक्षा दे सकें।

आखिर क्या है कक्षा 3 में AI शिक्षा को शामिल करने का उद्देश्य?


कक्षा 3 से AI शिक्षा का उद्देश्य बच्चों को शुरुआती स्तर पर ही तकनीकी अवधारणाओं से परिचित कराना है। इसमें शामिल होंगे बुनियादी AI अवधारणाएं, कंप्यूटर कैसे सोचता है, डेटा का महत्व, मशीन की सरल समझ, एल्गोरिदम की शुरुआती समझ, छोटे-छोटे उदाहरणों और खेलों के माध्यम से, प्रोजेक्ट आधारित सीखना जैसे डिजिटल डिटेक्टिव और AI-पहचान वाले खेल और डेटा की समझ कि यह कैसे काम करता है। AI उसे कैसे उपयोग करता है। इस तरह छात्रों में समस्या सुलझाने की क्षमता, तार्किक सोच और डिजिटल कौशल मजबूत होंगे।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे रखने और तकनीकी कौशल में सुधार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है भारत की यह पहल

दुनिया के कई देशों ने AI को प्राथमिक शिक्षा का हिस्सा बना दिया है। अमेरिका, सिंगापुर और चीन जैसे देश अपनी शिक्षा प्रणाली को डिजिटल युग के अनुरूप ढाल रहे हैं। भारत की यह पहल इसे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे रखने और तकनीकी कौशल में सुधार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। AI का उपयोग भविष्य में तकनीकी क्षेत्रों के साथ-साथ स्वास्थ्य, कृषि, प्रशासन और आर्थिक नीति में भी बढ़ेगा। इस पहल से छात्र भविष्य के इन क्षेत्रों में दक्ष बनेंगे और देश की प्रतिस्पर्धा मजबूत होगी। इस दिशा में AI पाठ्यक्रम को सफल बनाने के लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण बेहद अहम है। इसके लिए सरकार और CBSE ने कई पहल की हैं जिसमें ऑनलाइन ट्रेनिंग पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों को बेसिक AI कॉन्सेप्ट और मॉड्यूल सिखाना, वर्चुअल वर्कशॉप्स के माध्यम से प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देना, डिजिटल शिक्षण सामग्री जैसे वीडियो ट्यूटोरियल, इंटरैक्टिव गेम्स और प्रोजेक्ट उपलब्ध कराना और समय-समय पर शिक्षकों की दक्षता का मूल्यांकन करना शामिल है। इस प्रशिक्षण से शिक्षक छात्रों को AI के बारे में रोचक और व्यावहारिक तरीके से पढ़ा पाएंगे।

कक्षा 3 से AI शिक्षा में भविष्य की दिशा और संभावित चुनौतियां


जब कोई बड़ी योजना की शुरुआत की जाती है तो उसके लाभ के साथ ही साथ चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। कक्षा 3 से AI शिक्षा शुरू होने के बाद, इसे अन्य स्तरों में भी विस्तारित करना होगा। जिसके सामने मुख्य चुनौतियां हैं ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी, शिक्षकों का समय पर प्रशिक्षण और नए पाठ्यक्रम की उपलब्धता। साथ ही शुरुआती स्तर पर छात्रों के लिए तकनीकी अवधारणाओं को समझने की जटिलता। इन चुनौतियों को पार करके ही भारत AI शिक्षा में वास्तविक सफलता प्राप्त कर सकता है। हालांकि

कक्षा 3 से AI शिक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल करना भारत के शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम है। निश्चित ही यह पहल छात्रों को डिजिटल कौशल, तार्किक सोच और भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार करने में पारस पत्थर साबित होगी।

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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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