पोषण की जगह जहर! जंक फूड खा रही किशोरियां बन रहीं एनीमिया की शिकार

Anemia In Teen Girls: जंक फूड खाने वाली किशोरियों में एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए आयरन, प्रोटीन और विटामिन से भरपूर संतुलित आहार जरूरी है।

Akriti Pandey
Published on: 30 Oct 2025 12:46 PM IST
Anemia In Teen Girls
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Anemia In Teen Girls: एनीमिया एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो मुख्य रूप से शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण होती है। हीमोग्लोबिन रक्त में ऑक्सीजन ले जाने का काम करता है, और इसकी कमी होने पर शरीर के अंगों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाती। किशोरियों में यह समस्या विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि इस उम्र में शरीर का विकास तेज होता है और पोषण की जरूरतें अधिक होती हैं। हाल के अध्ययनों में पाया गया है कि जंक फूड खाने वाली किशोरियों में एनीमिया का खतरा काफी बढ़ जाता है।

जंक फूड और किशोरियों की सेहत

जंक फूड में तला हुआ भोजन, पैकेज्ड स्नैक्स, कोल्ड ड्रिंक, कैंडी और प्रोसेस्ड फूड शामिल होते हैं। ये खाद्य पदार्थ स्वाद में तो लुभावने होते हैं, लेकिन पोषण के लिहाज से बहुत कम फायदेमंद होते हैं। किशोरियों में जंक फूड की आदत से शरीर को आवश्यक आयरन, विटामिन बी12, फोलेट और प्रोटीन की कमी हो सकती है। ये पोषक तत्व लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

एनीमिया के कारण

एनीमिया के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन जंक फूड खाने वाली किशोरियों में प्रमुख कारण इस प्रकार से है-

आयरन की कमी: जंक फूड में आयरन की मात्रा नगण्य होती है, जिससे लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण कम होता है।

विटामिन और मिनरल की कमी: जंक फूड में विटामिन बी12 और फोलेट की कमी भी एनीमिया का कारण बन सकती है।

अनियमित खानपान: जंक फूड के कारण किशोरियां नियमित और संतुलित आहार नहीं ले पातीं, जिससे शरीर के पोषण संतुलन में गड़बड़ी आती है।

लक्षण और प्रभाव

एनीमिया की शुरुआत में हल्की थकान, चिड़चिड़ापन और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई जैसी समस्याएँ दिख सकती हैं। बढ़ते स्तर पर इसके लक्षण गंभीर हो जाते हैं जैसे-

  • त्वचा का पीला पड़ जाना
  • सांस लेने में कठिनाई
  • बालों और नाखूनों का कमजोर होना
  • कमजोरी और अत्यधिक थकान

एनीमिया से बचने के उपाय

एनीमिया से बचाव के लिए किशोरियों को संतुलित और पौष्टिक आहार अपनाना बेहद जरूरी है। इसमें हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक और मेथी शामिल होनी चाहिए, साथ ही फल और सूखे मेवे जैसे सेब, किशमिश और बादाम भी लाभकारी हैं। इसके अलावा दाल, अंडा और मांस जैसे प्रोटीन स्रोतों का सेवन करना चाहिए। आयरन की कमी पूरी करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर आयरन सप्लीमेंट भी लिया जा सकता है। इसके साथ ही जंक फूड की खपत कम करना और नियमित रूप से व्यायाम करना भी किशोरियों की सेहत और ऊर्जा बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

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