Diet Plan Eating: 30 साल के बाद बदलें अपने खाने की आदतें, नहीं तो जीवन भर रोना पड़ेगा

Diet Plan Eating: उम्र बढ़ना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन अगर हम सही समय पर सही फैसले लें, तो इसे बेहतर तरीके से जिया जा सकता है। 30 की उम्र के बाद शरीर की जरूरतें बदलने लगती हैं।

Ragini Sinha
Published on: 3 Jun 2025 9:35 AM IST
diet plan Eating Changes
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diet plan Eating Changes Make Turn age 30 (social media)

Diet Plan Eating: उम्र बढ़ना तो तय है, लेकिन हमारी बॉडी की जरुरतों का ध्यान भी रखना जरूरी है। अगर आप 30 साल के ऊपर हैं या 30 साल के हैं, तो अपने खानपान पर थोड़ा ध्यान देना शुरू कर दें। इस उम्र के बाद शरीर की जरूरतें बदलने लगती हैं। मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, मांसपेशियां ढीली पड़ने लगती हैं और हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं।

ऐसे में सबसे पहले आपको अपने आहार में प्रोटीन को शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही फाइबर का सेवन भी बढ़ाएं। साबुत अनाज, हरी सब्जियाँ और फल पाचन को दुरुस्त रखते हैं और वजन नियंत्रण में मदद करते हैं। दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं और भोजन में संतुलन बनाए रखें। यह समय अपने शरीर में निवेश करने का है, ताकि 50 की उम्र में भी आप खुद को उतना ही स्वस्थ और तरोताजा महसूस कर सकें।


प्रोटीन को प्राथमिकता दें

30 की उम्र के बाद मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने के लिए प्रोटीन की जरूरत और भी बढ़ जाती है। प्रोटीन हमारे शरीर की मरम्मत और निर्माण में मदद करता है। अपने आहार में अंडे, चिकन या मछली, दालें और राजमा, सोयाबीन, बादाम, मूंगफली जैसे मेवे और बीज इन चीजों को शामिल करें।

फाइबर का सेवन बढ़ाएं

फाइबर से भरपूर आहार पाचन को बेहतर बनाता है और वजन को संतुलित रखने में मदद करता है। यह ब्लड शुगर को भी कंट्रोल में रखता है। फाइबर के अच्छे स्रोत हैं। इसमें ओट्स और ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज, सेब, केला, पपीता जैसे फल, पालक, भिंडी, गाजर जैसी सब्जियां, चना, मूंग, लोबिया जैसी दाले और रंग-बिरंगे फल और सब्जियां खाए।

बता दें कि हरे रंग की सब्जी और फल में अलग-अलग विटामिन और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो शरीर को रोगों से लड़ने की ताकत देते हैं। कोशिश करें कि हर दिन कम से कम 3-4 रंगों की सब्जियाँ और फल अपने खाने में शामिल करें।


साबुत अनाज को चुनें

साबुत अनाज जैसे गेहूं, जौ, बाजरा, रागी और ब्राउन राइस सफेद चावल और मैदे से बेहतर विकल्प हैं क्योंकि इनमें फाइबर और पोषक तत्व अधिक होते हैं। इसके अलावा 30 के बाद हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए कैल्शियम और विटामिन D जरूरी हो जाता है। इसमें आप दूध, दही, पनीर जैसे डेयरी उत्पाद या कैल्शियम-फोर्टिफाइड सोया दूध जैसे विकल्प लें।

प्रोसेस्ड फूड और शुगर से दूरी रखें

बाजार में मिलने वाले पैकेट वाले स्नैक्स, कोल्ड ड्रिंक, ज्यादा मीठा और तला-भुना खाना शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इससे मोटापा, डायबिटीज और हार्ट डिजीज जैसी बीमारियां हो सकती हैं। बेहतर है इससे दूरी बनाकर रखें। शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। रोज कम से कम 7-8 गिलास पानी जरूर पीएं। नींबू पानी, नारियल पानी और हर्बल चाय भी अच्छे विकल्प हैं।


कुछ खास चीजें जिनका सेवन जरूर करें

  • एंटीऑक्सिडेंट युक्त आहार: ब्लूबेरी, हरी चाय, डार्क चॉकलेट और कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट उम्र से जुड़ी बीमारियों से बचाते हैं।
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड: सालमन, टूना जैसी मछलियाँ, अलसी के बीज और अखरोट दिल और दिमाग के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
  • विटामिन D और कैल्शियम युक्त चीजें: अंडे की जर्दी, फोर्टिफाइड दूध, सूरज की रोशनी और मछलियाँ विटामिन D के अच्छे स्रोत हैं। पालक, टोफू और दही से कैल्शियम मिलता है।

30 की उम्र के बाद खान-पान में थोड़ा बदलाव करना जरूरी हो जाता है। अगर आप प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, और मिनरल्स से भरपूर संतुलित आहार लेते हैं और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाए रखते हैं, तो आप लंबे समय तक स्वस्थ, ऊर्जावान और सक्रिय बने रह सकते हैं।

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