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Kerala Nipah Update: केरल में फिर फैला निपाह वायरस! कैसे फैलता है, क्या हैं लक्षण और कैसे करें बचाव?
Kerala Nipah Update: निपाह वायरस गंभीर और जानलेवा हो सकता है, लेकिन थोड़ी सी सावधानी और जागरूकता से इसे फैलने से रोका जा सकता है।
Kerala Nipah update (Social media)
Kerala Nipah Update: केरल में निपाह वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। एक मरीज का इलाज चल रहा है, जबकि एक की मौत हो चुकी है। कोझिकोड, मलप्पुरम और पलक्कड़ जिलों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज के अनुसार, संक्रमितों के संपर्क में आए 345 लोगों की पहचान की गई है।
क्यों हर साल लौट आता है निपाह?
डॉ. राकेश गुप्ता के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन, वन्यजीवों के व्यवहार में बदलाव और मानवीय गतिविधियों के कारण इस तरह के वायरस बार-बार उभरते हैं। खासकर केरल जैसे इलाकों में जहां घने पेड़, फल और बड़ी संख्या में फल खाने वाले चमगादड़ (फ्रूट बैट्स) मौजूद हैं, वहां वायरस फैलने की आशंका अधिक होती है।
कैसे फैलता है निपाह वायरस?
निपाह वायरस का मुख्य स्रोत फल खाने वाले चमगादड़ हैं। जब ये चमगादड़ फलों पर थूक या मूत्र छोड़ते हैं और इंसान उन्हीं फलों को बिना धोए खा लेते हैं, तब वायरस फैल सकता है। इसके अलावा यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के लार, मूत्र, बलगम या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से भी फैल सकता है। अस्पतालों में भी यह संक्रमण फैल सकता है यदि सावधानी न बरती जाए।
क्या हैं निपाह वायरस के लक्षण?
- तेज बुखार
- सिरदर्द
- बेहोशी या चक्कर
- सांस लेने में दिक्कत
- भ्रम या मानसिक गड़बड़ी
कैसे करें बचाव?
निपाह वायरस से बचाव के लिए कुछ जरूरी सावधानियां अपनाना बहुत जरूरी है। सबसे पहले, कभी भी ऐसा फल न खाएं जो आधा खाया हुआ हो या जिसे पक्षियों या चमगादड़ों ने चोंच मारी हो। सभी फलों को अच्छी तरह धोकर ही खाएं। चमगादड़ों के रहने वाले इलाकों से दूरी बनाए रखें। जब तक बहुत जरूरी न हो, अस्पताल न जाएं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां निपाह के मामले सामने आए हैं। किसी भी संदिग्ध मरीज से दूरी बनाकर रखें। डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को हमेशा मास्क, दस्ताने पहनने चाहिए ताकि संक्रमण से बचा जा सके।
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