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Metformin and Diabetes: क्या आप जानते हैं डायबिटीज़ की सबसे आम दवा के साइड इफेक्ट्स? यहां पढ़ें पूरी रिपोर्ट
Metformin and Diabetes: इस लेख मेंआपको बताते हैं कि भारत और विश्वभर में मेटफॉर्मिन पर हुए अध्ययन में विशेषज्ञों का क्या कहना है।
Metformin and Diabetes
Metformin and Diabetes: आजकल शुगर, डायबिटीज़ या मधुमेह ये आम बीमारी बन चुकी है। आज पूरे देश में राणे वाले लगभग हर परिवार में आपको शुगर पेसेंट मिल ही जाएगा। शुगर को कंट्रोल करने के लिए लोग बहुत सी दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन इसमें जो सबसे ज्यादा खायी जाने वाली दवाई है उसका नाम है मेटफॉर्मिन। जी हां, टाइप-2 डायबिटीज़ की सबसे आम और व्यापक रूप से खाई जाने वाली पहली दवा है, जिसे अपनी सुरक्षा और असर-कारिता के रूप में जानी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसे लंबे समय तक खाने के क्या नुकसान हो सकते हैं? इस विषय पर अबतक कई अध्ययन हो चुके हैं। चलिए आपको बताते हैं कि भारत और विश्वभर में मेटफॉर्मिन पर हुए अध्ययन में विशेषज्ञों का क्या कहना है।
भारत में क्या कह रहे विशेषज्ञ?
डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (DAI) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डायबिटीज़ के मुताबिक, भारत में मेटफॉर्मिन को लंबे समय तक लेने वाले रोगियों में विटामिन B₁₂ की कमी एक बड़ी समस्या बनकर जन्म ले रही है। यह समस्या विशेषकर उन लोगों में अधिक देखा जा रहा जो शाकाहारी हैं या आयरन-समृद्ध आहार का सेवन कम करते हैं। आमतौर पर विटामिन B₁₂ की कमी से थकान, चक्कर आना, ऐनीमिया जैसे लक्षण सामने आते हैं।
विश्व स्तर पर क्या कह रहे अध्ययन?
1. न्यूट्रिएंट कमी (Vitamin B₁₂): वैश्विक अध्ययन में पता चला है कि लंबे समय तक मेटफॉर्मिन का सेवन करने से शरीर में विटामिन B₁₂ की कमी होती है, जिससे न्यूरोपैथी और एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है।
2. जठरांत्र संबंधी समस्याएँ (Gastrointestinal issues): दस्त, जी मचलाना, उलटी, पेट में दर्द - ये सभी दुष्प्रभाव हैं, खासकर इमीडिएट-रिलीज़ (IR) फार्मूलेशन के साथ। ये लगभग 75% उपयोगकर्ताओं में देखे गए हैं, लेकिन एक्स्टेंडेड-रिलीज़ (ER) फॉर्मुला थोड़ी राहत दे सकता है।
3. लैक्टिक एसिडोसिस (Lactic Acidosis): लैक्टिक एसिडोसिस एक दुर्लभ लेकिन गंभीर दुष्प्रभाव होता है, जिसमें शरीर में लैक्टिक एसिड का स्तर जोखिम भरे रूप से बढ़ने लगता है। इसके लक्षणों में कमजोरी, सांस लेने में दिक्कत, पेट में दर्द, चक्कर आना, त्वचा का ठंडा पड़ जाना आदि होते हैं। खासतौर से किडनी या जिगर असमर्थता वाले मरीजों में यह खतरा ज्यादा होता है।
4. धीरे-धीरे दिखते हैं फायदे: कुछ हाल ही के अध्ययनों से पता चला है कि मेटफॉर्मिन का प्रयोग डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) और सुरक्षित आयु (longevity) से जुड़ी सकारात्मक प्रभावों से संबंध हो सकता है।
ध्यान देने योग्य: एक ताइवानी अध्ययन के मुताबिक, ज्यादा वजन वाले लोगों में मेटफॉर्मिन का इस्तेमाल करने पर डिमेंशिया का ख़तरा 8% तक कम और समग्र मृत्यु दर 26–28% तक कम पाया गया।
विश्लेषण और सुझाव
1. विटामिन B₁₂ की कमी से थकान, एनीमिया, न्यूरोपैथी, देश में उच्च संभाव्यता आदि हो सकते हैं।
2. जठरांत्र समस्याएँ दस्त, मिचली, दर्द खासकर शुरुआत में।
3. लैक्टिक एसिडोसिस हो जाते हैं जिससे दुर्लभ पर जानलेवा, खासकर ज्यादा जोखिम वाले समूहों में।
4. संभावित फायदे हो सकते हैं जैसे कि डिमेंशिया में कमी, कम मृत्यु दर, अन्य रोगों से बचाव की संभावना आदि।
भारत में रोगियों के लिए सलाह:
- नियमित B₁₂ जांच करवाएँ खासकर 2-3 साल से जो लोग मेटफॉर्मिन ले रहे हैं, veg/non-meat खाते हैं या एनीमिया की समस्या से जूझ रहे हैं।
- जठरांत्र दिक्कतों के मामले में ER फॉर्मुला पर डॉक्टर से सुझाव अवश्य लें।
- विशेष परिस्थितियों में (जैसे किडनी/लिवर) डॉक्टर से ज्यादा सावधानी से उपयोग जारी रखें।
Note: मेटफॉर्मिन के दीर्घकालिक लाभों के बारे में शोध जारी हैं, लेकिन अभी यह नियमतः डायबिटीज़ नियंत्रण हेतु प्रमुख दवा ही है। कोई अन्य स्वास्थ्य लाभ के बिना प्रमाण के इस्तेमाल न करें।
मेटफॉर्मिन एक प्रभावशाली और सुरक्षित दवा है, जिसका इस्तेमाल टाइप-2 डायबिटीज़ में दशकों से किया जा रहा है। हालांकि, लम्बे समय से इसका यूज़ विटामिन B₁₂ कमी, जठरांत्र संबंधी असुविधाएँ तथा बहुत बड़े पैमाने पर दुर्लभ ही सही, पर गंभीर दुष्प्रभाव (जैसे लैक्टिक एसिडोसिस) जैसी समस्या से जुड़ा हो सकता है। दूसरी तरफ, नए अध्ययनों से यह भी पता चला है कि मेटफॉर्मिन डिमेंशिया और मौत के जोखिम को कम कर सकता है।
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