लोकप्रिय चीनी विकल्प ‘एरिथ्रिटोल’ से स्ट्रोक का खतरा जुड़ा: नई रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा

Erythritol : क्या आप जानते हैं कि एरिथ्रिटोल क्या है और इसे एक प्रकार का ‘शुगर अल्कोहल’ क्यों कहा जाता है, आइये विस्तार से समझते हैं।

Neel Mani Lal
Published on: 21 July 2025 7:06 PM IST
Erythritol
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Erythritol (Image Credit-Social Media)

नई दिल्ली | एरिथ्रिटोल, जो लंबे समय से एक सुरक्षित और प्राकृतिक कम-कैलोरी मिठास के रूप में प्रचारित किया जाता रहा है, मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है — यह दावा हाल ही में प्रकाशित एक नई रिसर्च में किया गया है। इस सप्ताह नेचर न्यूरोसाइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन ने दुनिया भर के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है, क्योंकि इसमें एरिथ्रिटोल और मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं में संभावित खतरनाक बदलावों के बीच स्पष्ट संबंध पाया गया है।

एरिथ्रिटोल क्या है?

एरिथ्रिटोल एक प्रकार का ‘शुगर अल्कोहल’ है जो आमतौर पर डाइट सोडा, प्रोटीन बार, च्युइंग गम और शुगर-फ्री चॉकलेट जैसे उत्पादों में पाया जाता है। यह ब्लड शुगर पर नगण्य असर डालता है और शरीर इसे पूरी तरह मेटाबोलाइज नहीं करता, इसलिए यह मधुमेह रोगियों, वजन घटाने वालों और इंसुलिन रेसिस्टेंस वाले लोगों के बीच लोकप्रिय है।

लेकिन नई स्टडी के अनुसार, एरिथ्रिटोल की थोड़ी मात्रा भी मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं में संकुचन (vasoconstriction), ब्लड क्लॉट और सूजन को बढ़ावा दे सकती है। यह स्थिति स्ट्रोक और अन्य हृदय संबंधी जटिलताओं के जोखिम को काफी बढ़ा सकती है।

अध्ययन में क्या पाया गया?

अमेरिका स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो, बॉल्डर की डॉ. करेन ला मोंटे के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन में प्रयोगशाला प्रयोग, जानवरों पर परीक्षण और क्लिनिकल डेटा विश्लेषण शामिल था। प्रमुख निष्कर्ष निम्नलिखित हैं:

• एरिथ्रिटोल मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं की एंडोथीलियल कोशिकाओं में सूजन और असामान्य क्लॉटिंग प्रतिक्रिया को ट्रिगर करता है।

• जिन चूहों को एरिथ्रिटोल दिया गया, उनमें स्ट्रोक के जोखिम से जुड़े बायोमार्कर में बढ़ोतरी देखी गई।

• मानव रक्त नमूनों में यदि एरिथ्रिटोल का स्तर ऊँचा था, तो उनमें अगले तीन वर्षों में स्ट्रोक या हार्ट अटैक का खतरा दो गुना तक बढ़ गया।

भारत में शुगर सब्स्टीट्यूट पर बढ़ती निर्भरता

भारत में मोटापा और टाइप-2 डायबिटीज़ की दोहरी महामारी से जूझते हुए, पिछले पाँच वर्षों में एरिथ्रिटोल जैसे मिठास विकल्पों का उपयोग तेजी से बढ़ा है। यह निम्नलिखित उत्पादों में आम हो चुका है:

• मधुमेह रोगियों के लिए बनाए गए बिस्कुट, जैम, हेल्थ ड्रिंक आदि

• कीटो और लो-कार्ब स्नैक्स, बार, कुकीज़ और प्रोटीन सप्लीमेंट

• स्वास्थ्य केंद्रित एनर्जी ड्रिंक्स, शुगर-फ्री सोडा

• आयुर्वेदिक या न्यूट्रास्यूटिकल उत्पादों में चीनी के विकल्प के रूप में

• आयातित हेल्थ ब्रांड जैसे प्रोटीन शेक, चॉकलेट स्प्रेड, मील रिप्लेसमेंट

एरिथ्रिटोल पाउडर या ग्रैन्युल्स के रूप में अमेज़न, फ्लिपकार्ट और स्वास्थ्य दुकानों के माध्यम से सीधे उपभोक्ताओं को बेचा जा रहा है, और इसे अक्सर “प्राकृतिक” या “डायबिटिक-फ्रेंडली” बताया जाता है।

भारत में विनियमन की स्थिति:

वर्तमान में एरिथ्रिटोल को भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा 2011 के खाद्य संरक्षा और मानक विनियमों के अंतर्गत स्वीकृत किया गया है। लेकिन इसके उत्पादों पर कोई अनिवार्य चेतावनी लेबल नहीं है। हालांकि, इस अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के सामने आने के बाद, एफएसएसएआई के अधिकारियों ने इसपर वैज्ञानिक समीक्षा की आवश्यकता को स्वीकार किया है। सूत्रों के अनुसार, आने वाले समय में एफएसएसएआई ऐसी सलाह जारी कर सकती है या विशेष रूप से हृदय रोगियों और मधुमेह रोगियों के लिए लेबलिंग को और स्पष्ट बनाने का निर्देश दे सकती है।

विकल्प और उपभोक्ता मार्गदर्शन:

भारत में विशेष रूप से मधुमेह या मोटापे से जूझ रहे उपभोक्ताओं के लिए यह अध्ययन चेतावनी की घंटी है। डॉक्टर और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट्स संतुलन और सुरक्षित विकल्प अपनाने की सलाह देते हैं, जैसे कि:

• स्टेविया (शुद्ध रूप में)

• नारियल चीनी,

• शहद और गुड़ (जिन्हें ब्लड शुगर की समस्या न हो)

• पूरे फल (फ्रूट्स)

साथ ही यह भी ज़रूरी है कि प्रोसेस्ड फूड — चाहे वह हेल्दी या शुगर-फ्री क्यों न दिखें — उनका सीमित सेवन किया जाए, क्योंकि “शुगर-फ्री” का अर्थ हमेशा “जोखिम-मुक्त” नहीं होता।

अंततः, प्राकृतिक और संतुलित खानपान की ओर लौटना ही सबसे मीठा विकल्प साबित हो सकता है।

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Shweta Srivastava

Shweta Srivastava

Content Writer

मैं श्वेता श्रीवास्तव 15 साल का मीडिया इंडस्ट्री में अनुभव रखतीं हूँ। मैंने अपने करियर की शुरुआत एक रिपोर्टर के तौर पर की थी। पिछले 9 सालों से डिजिटल कंटेंट इंडस्ट्री में कार्यरत हूँ। इस दौरान मैंने मनोरंजन, टूरिज्म और लाइफस्टाइल डेस्क के लिए काम किया है। इसके पहले मैंने aajkikhabar.com और thenewbond.com के लिए भी काम किया है। साथ ही दूरदर्शन लखनऊ में बतौर एंकर भी काम किया है। मैंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एंड फिल्म प्रोडक्शन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। न्यूज़ट्रैक में मैं लाइफस्टाइल और टूरिज्म सेक्शेन देख रहीं हूँ।

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