ये मच्छर नहीं .. ये है चीन का खतरनाक हथियार! दिखेगा नहीं और चुरा ले जाएगा खुफिया जानकारी, बना विश्व का नया 'महा संकट'

China Unveils 0.6 cm Mosquito: इस ड्रोन के सामने आने के बाद सुरक्षा विशेषज्ञों ने बड़ी चेतावनी दी है कि इसका इस्तेमाल सैन्य जासूसी में, साइबर अपराध, डेटा चोरी और यहां तक कि जैविक हथियार पहुंचाने में भी हो सकता है।

Priya Singh Bisen
Published on: 27 Jun 2025 12:40 PM IST
China Unveils 0.6 cm Mosquito
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China Unveils 0.6 cm Mosquito

China Unveils 0.6 cm Mosquito: चीन की राजधानी बीजिंग से बेहद चौकाने वाली खबर सामने आई है, जहां चीन ने एक ऐसा खतरनाक ड्रोन विकसित किया है जो आकार में मच्छर जैसा दिखता है, लेकिन इसकी क्षमताएं आधुनिक जासूसी तकनीक को भी मात देने की क्षमता रखती हैं। यह ड्रोन चीन की नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी (NUDT) के सहयोग से बनाया गया है और हाल ही में इसे देश के सरकारी सैन्य चैनल CCTV 7 पर प्रदर्शित किया गया। इसके बाद अब पूरे विश्व में इस माइक्रो-जासूसी डिवाइस को लेकर चिंता बढ़ गई है।

असल में है जासूसी मशीन

इस ड्रोन को देखकर ऐसा लगता है जैसे यह कोई आम कीट हो, लेकिन इसके पंख, तार जैसे पैर और छड़ी जैसी बॉडी के भीतर छिपा है हाईटेक मिलिट्री टेक्नोलॉजी का जाल। यह ड्रोन विशेषकर छुपकर निगरानी करने और युद्ध के मैदान में खास मिशन के लिए डिज़ाइन कर तैयार किया गया है। बता दे, NUDT के एक छात्र लियांग हेक्सियांग ने टीवी शो में इसे प्रस्तुत किया और बताया, "यह रोबोट मच्छर के आकार का है और गुप्त जानकारी इकठ्ठा करने के लिए बेहद उपयोगी है।"

रडार से बचने में माहिर

इस बायोनिक ड्रोन की विशेषता यह है कि इसे रडार और पारंपरिक सुरक्षा सिस्टम से छिपाकर कर रखा जा सके। यह इतना छोटा और हल्का है कि यह पत्तों या कीड़ों के बीच बहुत सरलता से घुल-मिल जाता है। इसे स्मार्टफोन से नियंत्रित किया जा सकता है और इसके शरीर में कैमरा, सेंसर, कम्युनिकेशन सिस्टम और पॉवर यूनिट जैसी सभी आवश्यक चीजें फिट हैं।

वैश्विक सुरक्षा पर मंडराता बड़ा खतरा

इस ड्रोन के सामने आने के बाद सुरक्षा विशेषज्ञों ने बड़ी चेतावनी दी है कि इसका इस्तेमाल न सिर्फ सैन्य जासूसी में, बल्कि साइबर अपराध, डेटा चोरी और यहां तक कि जैविक हथियार पहुंचाने में भी हो सकता है। भविष्यविद ट्रेसी फॉलोज़ का मानना है कि आने वाले समय में ये ड्रोन घातक वायरस तक ले जा सकते हैं और पूरी तरह से स्वायत्त हो सकते हैं। कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने इसे Netflix की सीरीज़ 'Black Mirror' के किलर रोबोट मधुमक्खियों से तुलना करना शुरू कर दिया है।

चीन का बढ़ता ड्रोन शस्त्रागार

यह मच्छर ड्रोन चीन की ड्रोन टेक्नोलॉजी का सिर्फ एक भाग है। इससे पहले चीनी वैज्ञानिक ऐसे UAV निर्मित कर चुके हैं जो तोप के गोले से दागे जाने वाले दबाव को भी झेल सकते हैं और युद्ध में इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

माइक्रोड्रोन रेस में विश्व भी पीछे नहीं

चीन के अलावा अमेरिका, नॉर्वे और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान भी माइक्रो-ड्रोन टेक्नोलॉजी पर तेजी से काम कर रहे हैं। नॉर्वे का ब्लैक हॉर्नेट और अमेरिका का मिनी ड्रोन पहले से युद्ध में इस्तेमाल हो रहे हैं।

उपयोग केवल जंग के लिए नहीं

बता दे, भविष्य में इन माइक्रो-ड्रोन का उपयोग मेडिकल सर्जरी, कृषि निगरानी, प्रदूषण नियंत्रण और आपदा राहत जैसे कामों में भी किया जा सकता है। जैसे-जैसे तकनीक और जीव विज्ञान का मेल-जोल बढ़ रहा है, वैसे-वैसे जासूसी, सुरक्षा और युद्ध की परिभाषाएं भी बदलती जा रही हैं। चीन के इस मच्छर ड्रोन ने पूरे विश्व को एक बार फिर दिखा दिया है कि अगला युद्ध हथियारों से नहीं, बल्कि दिखाई ना देने वाली मशीनों से लड़ा जाएगा।

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