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मानसून में सिर्फ सर्दी नहीं... आपकी नाक बन सकती है बीमारियों का घर! ये 5 संकेत न करें नजरअंदाज
Nose Infection During Rainy Season: मानसून के दौरान हवा में मौजूद नमी और बैक्टीरिया नाक के स्वास्थ्य को सबसे पहले हमला करते हैं।
Nose Infection During Rainy Season:
Nose Infection During Rainy Season: मानसून का मौसम है और झमाझम वर्षा का सिलसिला जारी है। हालांकि इस साल वर्षा उतनी नहीं हो रही जितनी सावन महीने में होनी चाहिए। लेकिन जब-जब बारिश होती है तो इसका आनंद भी लोग लेते हैं। इस मौसम में अधिकतर आपको भीगी सड़कें, गीले कपड़े और तेजी से परिवर्तित होता तापमान देखने को मिलेगा लेकिन ये सब मिलकर हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। जी हां, ये बिलकुल सच्चा है।
इस मौसम में वैसे तो कई प्रकार की बीमारियां, इंफेक्शन होने का डर बा रहता है - विशेस्कर हमारी नाक, जो मानसून में सबसे अधिक प्रभावित होती है। इस मौसम में नाक बहना, बंद होना या उसमें जलन होना, ये दिक्कतें इस मौसम में आम हैं, लेकिन इन्हें अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। आमतौर पर लोग इसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, मानसून के दौरान हवा में मौजूद नमी और बैक्टीरिया नाक के स्वास्थ्य को सबसे पहले हमला करते हैं। आइए इस लेख में आपको बताते हैं कि मानसून में नाक से जुड़ी पांच बीमारियों के बारे में और उनसे कैसे बचा जा सकता है।
पहला है - एलर्जिक राइनाइटिस
मानसून में नमी और फफूंद की मौजूदगी अधिक हो जाती है। इससे बहुत से लोगों में एलर्जिक राइनाइटिस का ख़तरा बढ़ जाता है, जिसमें बार-बार छींकें आना, नाक बहना और आंखों में जलन जैसी समस्याएं होती हैं। इससे बचने के लिए आप अपने कमरे को सूखा और हवादार बनाकर रखें, बेडशीट और पर्दों को नियमित रूप से धोएं और धूल-मिट्टी से दूर रहें।
दूसरा है - साइनस इंफेक्शन
मानसून के मौसम में साइनस की दिक्कतें तेजी से बढ़ती है। जिसमें आमतौर पर सिर में दर्द, गालों में भारीपन, नाक बंद रहना इसके प्रमुख लक्षण हैं। इससे बचने के लिए आप निरंतर भाप लें, गर्म पानी पीएं और सिर को गीला रखने से बचें। यदि समस्या बनी रहे तो डॉक्टर से परामर्श लें।
तीसरा है - नाक का बंद होना
ठंडी हवा और निरंतर नमी के संपर्क में आने से नाक की अंदरूनी परत में सूजन पैदा हो जाती है, जिससे सांस लेने में समस्या होती है। इसके लिए आपको रोज़ाना गुनगुने पानी से नाक साफ करना चाहिए, नासिका स्प्रे का इस्तेमाल और ठंडी चीज़ों से परहेज करना चाहिए।
चौथा है - नाक से खून आना
मानसून में कई बार वातावरण में एकाएक बदलाव से नाक की नसें फट जाती हैं और खून आना शुरु हो जाता है। नाक में नमी बनाकर रखें, बार-बार नाक न झाड़ें और खून आने पर सिर झुकाकर रुकने की कोशिश करें।
पांचवा है - फंगल इंफेक्शन
वर्षा में नमी के कारण फंगल संक्रमण का खतरा और अधिक बढ़ जाता है। इससे नाक में खुजली होना, बदबू और सांस लेने में दिक्कतें पैदा हो जाती हैं। इससे बचने के लिए आपको अपने आसपास साफ़-सफाई रखना चाहिए, नमी से बचें और फंगल संकेत मिलने पर तत्काल इलाज करवाएं।
बता दे, मानसून के मौसम में नाक की समस्याएं होना आम हैं, लेकिन यदि इनपर समय पर धा नहीं दिया जाए तो ये बड़ी परेशानी का कारण बन सकती हैं। इसलिए आवश्यक है कि, आप अपनी नाक की देखभाल करें, गर्म पानी पिएं, भाप लें और मौसम के अनुसार सावधानी बरतें।
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