पीरियड्स के दर्द, अनियमितता से हैं परेशान? इन असरदार आयुर्वेदिक उपायों से मिलेगा झट से आराम

Yoga for Women Health: महिलाओं के लिए पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन जब शरीर और मन असंतुलित होते हैं, तो यह चक्र बिगड़ने लगता है।

Shishumanjali kharwar
Published on: 18 Oct 2025 3:37 PM IST
Period Pain
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Yoga for Women Health: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव हर किसी की ज़िंदगी का हिस्सा बन गया है। काम का दबाव, परिवार की ज़िम्मेदारियां, नींद की कमी और असंतुलित खान-पान ये सभी चीज़ें हमारे शरीर और मन दोनों को प्रभावित करती हैं। इसका सबसे ज़्यादा असर महिलाओं पर पड़ता है, खासकर उनके मासिक धर्म (पीरियड्स) के चक्र पर।

पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया

महिलाओं के लिए पीरियड्स एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, लेकिन जब शरीर और मन असंतुलित होते हैं, तो यह चक्र बिगड़ने लगता है। कई बार पीरियड्स देर से आते हैं, अत्यधिक दर्द होता है या मूड स्विंग्स परेशान करते हैं। इन समस्याओं से राहत पाने के लिए दवाइयों पर निर्भर रहने की बजाय योग एक सुरक्षित और असरदार विकल्प हो सकता है।

योग केवल आसनों का अभ्यास नहीं है, बल्कि यह एक जीवनशैली है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करती है। नियमित योग अभ्यास से शरीर में हार्मोनल संतुलन सुधरता है, रक्त संचार बेहतर होता है और मानसिक तनाव कम होता है। इससे न केवल पीरियड्स का चक्र नियमित होता है बल्कि दर्द, थकान और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं भी घटती हैं।

महिलाओं के लिए फायदेमंद योगासन

भद्रासनः पेट के निचले हिस्से में खून का संचार बढ़ाता है और हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है।

बद्धकोणासनः पेट और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत करता है। पीरियड्स के दौरान दर्द कम करता है।

सेतुबंधासनः रीढ़ को लचीला बनाता है और प्रजनन तंत्र को सक्रिय करता है।

बालासनः मानसिक तनाव कम करता है और शरीर को रिलैक्स करता है।

पवनमुक्तासनः पेट की गैस और ऐंठन से राहत देता है।

इसके साथ ही अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम जैसी सांस संबंधी क्रियाएं मन को शांत रखने और हार्मोनल संतुलन को सुधारने में बेहद प्रभावी हैं। योग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे कोई भी व्यक्ति, किसी भी उम्र में शुरू कर सकता है। हर दिन सिर्फ 15 से 20 मिनट योग करने से न सिर्फ पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतें कम होती हैं, बल्कि नींद बेहतर होती है, चेहरा चमकने लगता है और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। ध्यान रखें, योग कोई चमत्कार नहीं है, बल्कि एक धीमी लेकिन गहराई से असर करने वाली प्रक्रिया है। अगर इसे जीवनशैली का हिस्सा बना लिया जाए, तो शरीर और मन दोनों स्वस्थ रहते हैं कृ और पीरियड्स की परेशानियां धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं।

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Shishumanjali kharwar

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मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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