World Physiotherapy Day 2025: घंटों स्क्रीन यूज़ करने वालों के लिए फिजियोथेरेपी वरदान साबित

फिजियोथेरेपी: मोबाइल-लैपटॉप यूज़र्स के लिए सेहत की संजीवनी बूटी

Priya Singh Bisen
Published on: 8 Sept 2025 9:51 AM IST
World Physiotherapy Day 2025: घंटों स्क्रीन यूज़ करने वालों के लिए फिजियोथेरेपी वरदान साबित
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World Physiotherapy Day 2025

World Physiotherapy Day 2025: हर साल 8 सितंबर को विश्वभर में वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे (World Physiotherapy Day) मनाया जाता है। लेकिन... क्यूं? आज हम इसका उद्देश्य, लोगों के लिए फिजियोथेरेपी के महत्व और इसके माध्यम से स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानेंगे। आज की खराब जीवनशैली, गलत खानपान, बढ़ती उम्र और चोटों के कारण शरीर में होने वाली तमाम समस्याओं के समाधान के लिए फिजियोथेरेपी आज एक महत्पूर्ण जरिया बन चुकी है।

वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे का महत्व

फिजियोथेरेपी केवल कोई चोट या दुर्घटना के बाद की स्थिति को ठीक करने के लिए नहीं, बल्कि शरीर को सक्रिय और स्वस्थ बनाए रखने का एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है। यह शरीर के मांसपेशियों, जोड़ों, नसों और हड्डियों से संबंधित तमाम दिक्कतों को दूर करने में सहायता करती है। साथ ही यह रीढ़ की हड्डी से जुड़ी हर तरह की समस्याओं जैसे कि गठिया, लकवा, कमर दर्द, घुटनों के दर्द और खेलों से जुड़ी चोटों में भी काफी प्रभावी मानी जाती है।

फिजियोथेरेपी की आवश्यकता क्यों?

आज की व्यस्तता भरी जिंदगी और बिगड़ती जीवन शैली के बीच में लोग घंटों तक कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल स्क्रीन पर समय बीता रहे हैं। इसके वजह से गर्दन, पीठ और कमर दर्द आम सी समस्या बन गई है। ऐसे मामलों में दवाइयों की बजाय फिजियोथेरेपी एक बेहतर सुरक्षित और लंबे समय तक असरदार विकल्प है। यह बिना किसी साइड इफेक्ट के दर्द को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखती है।

फिजियोथेरेपी से होने वाले फायदे

1. दर्द में राहत – यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सही करता जिससे सूजन और दर्द कम हो जाता है।

2. लचीलापन और गतिशीलता – नियमित रूप से थेरेपी की सहायता से मांसपेशियां और जोड़ लचीले होते हैं, जिससे व्यक्ति सरलता से अपने दैनिक कार्य कर सकता है।

3. चोट से रिकवरी – ऑपरेशन या दुर्घटना के बाद रिकवरी में फिजियोथेरेपी बेहतर तरिका है।

4. बुढ़ापे में सबसे ज्यादा मददगार – बढ़ती उम्र के साथ जोड़ों का दर्द और हड्डियों की कमजोरी आम समस्या हो जाती है, ऐसे में यह शरीर को सक्रिय बनाए रखने में बेहद कारगर है।

5. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव – निरंतर ज्यादा दर्द से मानसिक तनाव बढ़ता है, फिजियोथेरेपी इस तनाव को कम करने और आत्मविश्वास बढ़ाने का कार्य करती है।

क्या है 2025 की थीम?

देखा जाये तो हर साल इस दिन को एक खास थीम के साथ मनाया जाता है। साल 2025 में वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे की थीम है – 'स्वस्थ उम्र बढ़ना' यानी जिसमें कमजोरी और गिरने से बचने पर खासतौर से ध्यान दिया गया है। यह थीम के माध्यम से पता चलता है कि हर व्यक्ति को चलने-फिरने और एक स्वास्थ्य जीवन जीने का पूरा अधिकार है, और फिजियोथेरेपी इसमें अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभाती है।

बता दें, आज 'वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे' हमें यह याद दिलाता है कि स्वास्थ्य केवल दवाइयों से नहीं, बल्कि बेहतर जीवनशैली और समय पर किए गए उपचार से भी जुड़ी होती है। फिजियोथेरेपी न सिर्फ शरीर को स्वस्थ बनाए रखती है बल्कि जीवन को भी सक्रिय और ऊर्जावान बनाती है। इसलिए इस दिन हमें जागरूक होकर फिजियोथेरेपी को अपनी दिनचर्या का बड़ा भाग बनाना चाहिए.

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