World Hepatitis Day 2025: जागरूकता और बचाव की ओर एक कदम

World Hepatitis Day 2025: विश्व हेपेटाइटिस दिवस का मकसद लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करना, इसके कारणों, लक्षणों और बचाव के तरीकों को समझाना है।

Akshita Pidiha
Published on: 27 July 2025 4:57 PM IST
World Hepatitis Day News
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World Hepatitis Day News (image from Social Media)

World Hepatitis Day 2025: हर साल 28 जुलाई को दुनिया भर में विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक, यकृत यानी लिवर, की सेहत को ध्यान में रखने का मौका देता है। हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जो लिवर को नुकसान पहुंचाती है और अगर समय पर इसका इलाज न हो, तो यह जानलेवा भी हो सकती है। विश्व हेपेटाइटिस दिवस का मकसद लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करना, इसके कारणों, लक्षणों और बचाव के तरीकों को समझाना है। आइए, 2025 के विश्व हेपेटाइटिस दिवस के बारे में विस्तार से जानते हैं और समझते हैं कि यह दिन हमारे लिए क्यों खास है।

विश्व हेपेटाइटिस दिवस क्या है

विश्व हेपेटाइटिस दिवस हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा मान्यता प्राप्त 11 वैश्विक स्वास्थ्य अभियानों में से एक है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को हेपेटाइटिस नामक बीमारी के प्रति जागरूक करना और इसके निवारण, जांच और उपचार को बढ़ावा देना है। यह बीमारी लिवर में सूजन का कारण बनती है और कई बार सिरोसिस या लिवर कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती है।


इस दिन को मनाने की शुरुआत 2008 में हुई थी, और इसे नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ. बारूक सैमुएल ब्लमबर्ग के जन्मदिन के सम्मान में चुना गया। डॉ. ब्लमबर्ग ने हेपेटाइटिस बी वायरस की खोज की थी और इसके लिए डायग्नोस्टिक टेस्ट और टीका विकसित किया था। उनकी इस खोज ने लाखों लोगों की जान बचाने में मदद की।

हेपेटाइटिस क्या है

हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जो लिवर में सूजन का कारण बनती है। यह सूजन कई कारणों से हो सकती है, लेकिन सबसे आम कारण वायरस हैं। हेपेटाइटिस के पांच मुख्य प्रकार हैं—ए, बी, सी, डी और ई। ये सभी वायरस लिवर को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, शराब का अधिक सेवन, कुछ दवाएं, मोटापा या ऑटोइम्यून बीमारियां भी लिवर में सूजन पैदा कर सकती हैं।

हेपेटाइटिस ए: यह दूषित भोजन या पानी के जरिए फैलता है। यह आमतौर पर तीव्र (शॉर्ट-टर्म) होता है और ज्यादातर मामलों में अपने आप ठीक हो जाता है। स्वच्छता का ध्यान रखकर इसे रोका जा सकता है।

हेपेटाइटिस बी: यह रक्त, यौन संबंध, या मां से बच्चे में जन्म के दौरान फैल सकता है। यह तीव्र और दीर्घकालिक (क्रॉनिक) दोनों हो सकता है। टीकाकरण से इसे रोका जा सकता है।

हेपेटाइटिस सी: यह मुख्य रूप से रक्त के जरिए फैलता है, जैसे कि असुरक्षित इंजेक्शन या दूषित रक्त चढ़ाने से। इसका कोई टीका नहीं है, लेकिन दवाओं से इसका इलाज संभव है।

हेपेटाइटिस डी: यह केवल उन लोगों को होता है, जो पहले से हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हों। यह एक गंभीर स्थिति है।

हेपेटाइटिस ई: यह भी दूषित पानी या भोजन से फैलता है और ज्यादातर गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 35.4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी या सी से पीड़ित हैं। हर साल करीब 13 लाख लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवाते हैं।


विश्व हेपेटाइटिस दिवस का इतिहास

विश्व हेपेटाइटिस दिवस की शुरुआत 2008 में हुई थी, लेकिन इसका आधिकारिक रूप 2010 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के 63वें विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में मिला। इस दिन को 28 जुलाई को इसलिए चुना गया, क्योंकि यह डॉ. बारूक ब्लमबर्ग का जन्मदिन है। डॉ. ब्लमबर्ग ने 1960 के दशक में हेपेटाइटिस बी वायरस की खोज की थी। उनकी खोज ने न केवल इस बीमारी को समझने में मदद की, बल्कि इसके टीके और जांच के तरीकों को विकसित करने में भी योगदान दिया।

यह दिन दुनिया भर में लोगों को इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरूक करने का मौका देता है। विभिन्न देशों में इस दिन सेमिनार, स्वास्थ्य शिविर, और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं।

विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2025 की थीम

हर साल विश्व हेपेटाइटिस दिवस के लिए एक खास थीम चुनी जाती है, जो उस साल के अभियान का मुख्य संदेश देती है। 2024 की थीम थी "इट्स टाइम फॉर एक्शन" (यह कार्य करने का समय है), जिसका मकसद लोगों को तुरंत जांच और उपचार की ओर प्रेरित करना था। 2025 की थीम अभी तक आधिकारिक रूप से घोषित नहीं हुई है, लेकिन यह संभावना है कि यह थीम भी जागरूकता, जांच और उपचार पर केंद्रित होगी। थीम का मकसद हमेशा लोगों को प्रेरित करना और सरकारों को बेहतर स्वास्थ्य नीतियां बनाने के लिए प्रोत्साहित करना होता है।

हेपेटाइटिस के लक्षण

हेपेटाइटिस के लक्षण शुरुआत में हल्के हो सकते हैं, जिसके कारण लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह गंभीर हो सकता है। कुछ सामान्य लक्षण हैं:

थकान और कमजोरी

पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला पड़ना)

पेट दर्द, खासकर दाहिनी ओर

भूख न लगना

उल्टी या जी मिचलाना

बुखार

जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द

कुछ मामलों में, खासकर हेपेटाइटिस बी और सी में, लक्षण बिल्कुल नहीं दिखते, जिससे यह और खतरनाक हो जाता है। इसीलिए नियमित जांच बहुत जरूरी है।

हेपेटाइटिस के कारण

हेपेटाइटिस के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

वायरल संक्रमण: हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई वायरस इसके मुख्य कारण हैं।

शराब का अधिक सेवन: ज्यादा शराब पीने से लिवर में सूजन हो सकती है।

दवाएं या नशीले पदार्थ: कुछ दवाएं या नशीले पदार्थ लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

ऑटोइम्यून बीमारी: इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली लिवर पर हमला करती है।

दूषित भोजन या पानी: हेपेटाइटिस ए और ई दूषित भोजन या पानी से फैलते हैं।

हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय

हेपेटाइटिस से बचाव संभव है, बशर्ते सही कदम उठाए जाएं। कुछ आसान और प्रभावी तरीके हैं:

टीकाकरण: हेपेटाइटिस ए और बी के लिए टीके उपलब्ध हैं। बच्चों और वयस्कों को समय पर ये टीके लगवाने चाहिए।

स्वच्छता का ध्यान: हमेशा साफ पानी पिएं और ताजा, अच्छे से पका हुआ भोजन खाएं। दूषित पानी या भोजन से हेपेटाइटिस ए और ई का खतरा रहता है।

सुरक्षित यौन संबंध: हेपेटाइटिस बी यौन संबंधों से फैल सकता है। सुरक्षित यौन व्यवहार अपनाएं।

सुई और रेजर शेयर न करें: असुरक्षित सुई या रेजर से हेपेटाइटिस बी और सी फैल सकता है। टैटू बनवाते समय भी साफ और नई सुई का इस्तेमाल करें।

रक्त की जांच: रक्त चढ़ाने से पहले सुनिश्चित करें कि वह जांचा हुआ और सुरक्षित हो।

शराब से परहेज: ज्यादा शराब लिवर को नुकसान पहुंचाती है, इसलिए इसका सेवन सीमित करें।


विश्व हेपेटाइटिस दिवस का महत्व

विश्व हेपेटाइटिस दिवस का महत्व इसलिए है, क्योंकि यह हमें लिवर की सेहत को गंभीरता से लेने की याद दिलाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हेपेटाइटिस बी और सी के 95% से ज्यादा मामलों का निदान और उपचार संभव है, लेकिन जानकारी की कमी के कारण लोग समय पर इलाज नहीं करवाते। यह दिन न केवल लोगों को जागरूक करता है, बल्कि सरकारों और स्वास्थ्य संगठनों को बेहतर नीतियां बनाने के लिए प्रेरित करता है।

यह दिन हमें यह भी सिखाता है कि लिवर हमारे शरीर का एक अनमोल हिस्सा है। यह खाने को पचाने, टॉक्सिन्स को बाहर निकालने और शरीर को ऊर्जा देने में अहम भूमिका निभाता है। अगर लिवर स्वस्थ नहीं है, तो पूरे शरीर की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है।

2025 में विश्व हेपेटाइटिस दिवस की संभावनाएं

2025 में विश्व हेपेटाइटिस दिवस का लक्ष्य 2030 तक हेपेटाइटिस को सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में खत्म करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके लिए कुछ स्पष्ट लक्ष्य रखे हैं:

हेपेटाइटिस बी और सी के नए संक्रमणों को 50% तक कम करना।

लिवर कैंसर से होने वाली मौतों को 40% तक कम करना।

60% मरीजों का निदान और आधे मरीजों को उचित उपचार सुनिश्चित करना।

इसके लिए 2025 में दुनिया भर में स्वास्थ्य शिविर, मुफ्त जांच, और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाएंगे। सोशल मीडिया के जरिए भी लोग स्लोगन, पोस्टर और संदेशों के माध्यम से जागरूकता फैलाएंगे।

भारत में हेपेटाइटिस की स्थिति

भारत में हेपेटाइटिस एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती है। मानसून के दौरान दूषित पानी और भोजन के कारण हेपेटाइटिस ए और ई के मामले बढ़ जाते हैं। वहीं, हेपेटाइटिस बी और सी की वजह से लाखों लोग प्रभावित हैं। भारत सरकार ने 2018 में राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया था, जिसका मकसद मुफ्त जांच और उपचार प्रदान करना है।

भारत में टीकाकरण अभियान भी चलाए जा रहे हैं, खासकर बच्चों के लिए। लेकिन अभी भी जागरूकता की कमी एक बड़ी समस्या है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अक्सर लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे बीमारी गंभीर हो जाती है।

विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2025 में आपकी भूमिका

विश्व हेपेटाइटिस दिवस केवल सरकारों या स्वास्थ्य संगठनों का काम नहीं है। आप भी इसमें अपनी भूमिका निभा सकते हैं:

अपने और अपने परिवार के लिए टीकाकरण करवाएं।

नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं, खासकर अगर आपको लिवर से जुड़े लक्षण दिखें।

अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता और सुरक्षित व्यवहार के बारे में बताएं।

सोशल मीडिया पर जागरूकता फैलाएं और दूसरों को शिक्षित करें।

विश्व हेपेटाइटिस दिवस 2025 हमें यह याद दिलाता है कि हमारी सेहत हमारे हाथ में है। लिवर जैसा महत्वपूर्ण अंग हमारे शरीर का आधार है, और इसे स्वस्थ रखना हमारी जिम्मेदारी है। हेपेटाइटिस एक गंभीर बीमारी है, लेकिन सही जानकारी, समय पर जांच, और उचित उपचार से इसे रोका और ठीक किया जा सकता है। 28 जुलाई को मनाए जाने वाला यह दिन न केवल जागरूकता का प्रतीक है, बल्कि एक बेहतर और स्वस्थ भविष्य की ओर कदम बढ़ाने का अवसर भी है।

डॉ. बारूक ब्लमबर्ग की खोज से शुरू हुआ यह अभियान आज दुनिया भर में लाखों लोगों की जान बचा रहा है। आइए, हम सब मिलकर इस विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर यह संकल्प लें कि हम अपने लिवर की सेहत का ध्यान रखेंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। क्योंकि, जैसा कि थीम कहती है, यह कार्य करने का समय है!

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