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लंदन जाने वाले थे... मौत मिल गई! अहमदाबाद क्रैश में खत्म हो गईं सैकड़ों ज़िंदगियों की कहानियां, देखें फ्लाइट में मौजूद पैसेंजर्स की पूरी लिस्ट?
Air India dreamliner crash passenger list: इस हादसे में 230 यात्रियों के साथ 12 क्रू मेंबर्स सवार थे। एयर इंडिया की ओर से जारी बयान के मुताबिक इनमें से 169 यात्री भारतीय नागरिक थे। इनमें कई ऐसे परिवार शामिल थे जो अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए लंदन छोड़ने जा रहे थे, कुछ कारोबारी थे जो अपने व्यापारिक कामों के लिए सफर कर रहे थे।
Air India dreamliner crash passenger list: अहमदाबाद के नीले आसमान में उड़ते ‘सपनों के जहाज’ ने आज दोपहर मौत का रंग ओढ़ लिया। एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही थी, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हो गई। चारों तरफ आग की लपटें, धुएं का गुबार और चीखों का समंदर… लेकिन सबसे बड़ा सवाल अब ये है — *इस जहाज में कौन-कौन था? कौन थे वो लोग जो अपने सपनों के सफर पर निकले थे लेकिन मंज़िल से पहले ही मौत ने रास्ता काट दिया?
230 सपने, जो मंज़िल से पहले राख हो गए
इस हादसे में 230 यात्रियों के साथ 12 क्रू मेंबर्स सवार थे। एयर इंडिया की ओर से जारी बयान के मुताबिक इनमें से 169 यात्री भारतीय नागरिक थे। इनमें कई ऐसे परिवार शामिल थे जो अपने बच्चों को पढ़ाई के लिए लंदन छोड़ने जा रहे थे, कुछ कारोबारी थे जो अपने व्यापारिक कामों के लिए सफर कर रहे थे। अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट जैसे शहरों से बड़ी संख्या में लोग इस फ्लाइट में सवार थे। कई बुजुर्ग अपने बच्चों से मिलने जा रहे थे तो कुछ दूल्हा-दुल्हन की तरह सजे-धजे युवा कपल्स भी थे, जिनकी नई ज़िंदगी बस शुरू ही होने वाली थी।
फ्लाइट में 53 ब्रिटिश नागरिक भी थे। इनमें से कई प्रवासी भारतीय परिवारों से जुड़े लोग थे, जो गुजरात में अपने रिश्तेदारों से मिलकर लौट रहे थे। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनमें से 8 परिवार ऐसे थे जिन्होंने अपनी गर्मियों की छुट्टियां गुजरात में बिताई थीं। इनमें बच्चों की किलकारियों से भरे परिवार भी थे, लेकिन आज उनकी वो हंसी अहमदाबाद की गलियों में सन्नाटे में बदल गई। 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक भी इस फ्लाइट में सवार थे। पुर्तगाली नागरिकों के बारे में जानकारी मिली है कि वे अहमदाबाद में एक व्यापारिक आयोजन में शामिल होकर वापस लौट रहे थे। वहीं कनाडाई नागरिक के बारे में कहा जा रहा है कि वह एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करता था और गुजरात में अपने माता-पिता से मिलने आया था।
सूटकेस में सपने थे... राख बन गई सबकुछ
सोचिए, जिन बैग्स में कपड़े, तोहफे और बच्चों के खिलौने भरे थे, वो अब जलती राख में बदल चुके हैं। मेघानिनगर इलाके की गलियों में बिखरे जले हुए बैग, अधजले पासपोर्ट, टूटे हुए चश्मे और फटी हुई टिकटें… हर चीज़ उस दर्द की कहानी सुना रही है, जिसे शब्दों में लिखना नामुमकिन है।
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