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All-Party Meeting: मानसून सत्र शुरू होने से पहले हुई सर्वदलीय बैठक, पक्ष-विपक्ष के बीच समन्वय बनाने की कोशिश
All-Party Meeting: संसद के मानसून सत्र से पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक में विपक्षी दलों से सुझाव लिए गए। इस सत्र में सरकार 7 लंबित और 8 नए विधेयकों को पेश करने की तैयारी में है। जिनमें कर सुधार, शिक्षा, खेल और खनन जैसे अहम क्षेत्रों से जुड़े विधेयक शामिल हैं।
All-Party Meeting: संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है, जो 21 अगस्त तक चलेगा। सत्र की शुरुआत से पहले आज सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई जिसमें सभी प्रमुख दलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बार सत्र के दौरान कुल 21 बैठकें निर्धारित की गई हैं, हालांकि 12 से 18 अगस्त तक स्वतंत्रता दिवस समारोह के चलते सदन की कार्यवाही स्थगित रहेगी।
बैठक में कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश और गौरव गोगोई, CPI(M) से प्रतिनिधि, AIADMK के थंबी दुरई, एनसीपी-एसपी से सुप्रिया सुले और शिवसेना से श्रीकांत शिंदे मौजूद रहे।
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, विपक्ष ने अपनी सारी बात रखी है। दोनों गुट और बीच वालों ने भी अपनी बात रखी है और हम इन सभी मुद्दों को संसद में ले जाएंगे, क्या चर्चा की जानी है और क्या नहीं, इसका निर्णय BAC (व्यावसायिक सलाहकार समिति) में किया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, सभी राजनीतिक नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी की पोजिशन बताई और इस सत्र में लाने वाले मुद्दे उठाए। हमने सरकार की ओर से सभी प्वाइंट लिखे हैं। हमने कहा है कि सदन अच्छे से चले इसके लिए पक्ष और विपक्ष को अच्छे से काम करना होगा। राजनीतिक दल अलग-अलग विचारधाराओं के हो सकते हैं लेकिन सदन का अच्छी तरह चलना सभी की जिम्मेदारी है। हम नियम और परंपरा को बहुत अहमियत देते हैं।
47 दिन पहले ही हो गई थी मानसून सत्र की घोषणा
इस बार संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है, जिसकी घोषणा सरकार ने 47 दिन पहले कर दी थी। आमतौर पर सत्र की तारीख एक हफ्ते या 10 दिन पहले बताई जाती है। लेकिन इतनी पहले घोषणा इसलिए की गई क्योंकि उस समय विपक्ष ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रहा था।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इसे सरकार की रणनीति बताया था। उन्होंने कहा था, सरकार ने विशेष सत्र की मांग से ध्यान हटाने के लिए अचानक मानसून सत्र की घोषणा कर दी। भारत के इतिहास में पहले कभी 47 दिन पहले सत्र की घोषणा नहीं हुई।
उन्होंने यह भी कहा, प्रधानमंत्री विशेष सत्र से तो बच सकते हैं, लेकिन मानसून सत्र से नहीं। हम पहलगाम आतंकी हमले पर जवाब मांगते हैं। अब तक आतंकियों को सजा क्यों नहीं मिली?
क्या हो सकता है चर्चा का विषय?
• ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार दे सकती है जानकारी: विपक्ष हमले में खुफिया विफलता, विदेशी दखल, ट्रंप की कथित मध्यस्थता और सैन्य अभियान के अचानक रोके जाने जैसे विषयों पर सरकार से जवाब मांग सकता है।
संभव है कि सरकार ऑपरेशन सिंदूर के तमाम पहलुओं की जानकारी सदन में दे।
• जस्टिस यशवंत वर्मा पर महाभियोग का प्रस्ताव: उनके आवास पर आग लगने और नकदी जलने के मामले में सरकार महाभियोग लाने की तैयारी में है। अगर वे इस्तीफा नहीं देते, तो इस पर सदन में तीखी बहस हो सकती है। सरकार को उम्मीद है कि इस मुद्दे पर उसे सभी दलों का समर्थन मिलेगा।
इस बार पेश हो सकते हैं ये अहम विधेयक
सरकार इस मानसून सत्र में 7 लंबित विधेयकों पर चर्चा करेगी और 8 नए विधेयकों को संसद में पेश करने की योजना बना रही है। ये विधेयक प्रशासन, शिक्षा, खनिज, खेल और कर व्यवस्था जैसे क्षेत्रों से जुड़े हैं।
संभावित नए विधेयक:
1. आयकर विधेयक, 2025 – आयकर कानून, 1961 को सरल और अधिक व्यावहारिक बनाने की पहल।
2. कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2025 – टैक्स प्रणाली में आवश्यक सुधार।
3. जन विश्वास (संशोधन) विधेयक, 2025 – व्यापार में सुविधा और कानूनी प्रक्रिया में सरलता लाने हेतु।
4. मणिपुर GST (संशोधन) विधेयक, 2025 – क्षेत्रीय टैक्स सुधार की दिशा में कदम।
5. भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) संशोधन विधेयक, 2025 – IIMs की प्रशासनिक संरचना में बदलाव।
6. भू-विरासत स्थल एवं भू-अवशेष विधेयक, 2025 – राष्ट्रीय खनिज और भू-धरोहर के संरक्षण के लिए।
7. खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2025 – खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और विकास।
8. राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक व राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक, 2025 – खिलाड़ियों के हित और खेल प्रशासन में सुधार लाने के उद्देश्य से।
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