Bihar Elections 2025: खूबसूरती से लेकर अमीरी और बाहुबली तक, महिलाओं की राजनीति में धमाकेदार एंट्री

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025: महिलाएं सिर्फ मतदाता नहीं, बल्कि सत्ता की दिशा तय करने वाली सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी हैं।

Jyotsana Singh
Published on: 2 Nov 2025 3:51 PM IST
Bihar Assembly Elections 2025 Beautiful and Powerful Women Candidates Name List
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Bihar Assembly Elections 2025 Beautiful and Powerful Women Candidates Name List

Bihar Elections 2025 Women Candidates: भारतीय राजनीति में महिलाओं ने हमेशा ही अपनी महत्वपूर्ण दावेदारी तय की है। वहीं पिछड़ापन, अशिक्षा, गरीबी जैसी त्रासदी का सामना करने वाली बिहार की आधी आबादी इस बार चुनाव में किंग मेकर की भूमिका निभा रहीं हैं। अब बिहार की राजनीति में वो वक्त आ चुका है जब महिलाएं सिर्फ वोट बैंक नहीं रहीं, बल्कि सत्ता की दिशा तय करने वाली सबसे ताकतवर ताकत बन चुकी हैं। हालांकि पिछले कुछ चुनावों में भी महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से आगे निकल चुका है और उनकी भागीदारी हर चुनाव के साथ नई कहानी लिख रही है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी लगभग 3 करोड़ 72 लाख से ज्यादा महिला मतदाता हैं।

राजनीतिक दलों ने महिला मतदाताओं के बढ़ते आंकड़ों को भांपते हुए महिलाओं को न सिर्फ टिकट दिए हैं बल्कि उन्हें अपने प्रचार अभियानों की अग्रिम पंक्ति में भी उतारा है। यानी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार सिर्फ महिलाओं की दखल अब वोट तक सीमित नहीं है, बल्कि वे मैदान में उतरकर सियासत की धारा मोड़ने को तैयार हैं। खूबसूरती, अमीरी और बाहुबल इन तीनों रंगों से सजी महिला राजनीति ने इस बार बिहार की तस्वीर बदलने का काम रहीं हैं। बिहार में इस बार का चुनाव महिलाओं के लिए ‘भागीदारी से नेतृत्व’ की ओर बढ़ने की नई इबारत लिखने जा रहा है। आइए जानते हैं, कौन सी पार्टी ने महिलाओं पर सबसे ज्यादा भरोसा जताया है और कौन हैं वे नाम, जो सुर्खियों में हैं।

एनडीए में घट रही महिलाओं की हिस्सेदारी

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ओर से इस बार कुल 34 महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

बीजेपी और जेडीयू दोनों ही 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं और दोनों ने समान रूप से 13-13 टिकट महिलाओं को दिए हैं। बीजेपी की ओर से रेणु देवी (बेतिया) सबसे बड़ा नाम हैं, जो चार बार विधायक रह चुकी हैं और फिलहाल पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री हैं।

पार्टी ने इस बार सांस्कृतिक और युवा छवि को जोड़ने के लिए लोकगायिका मैथिली ठाकुर (अलीनगर) को भी टिकट दिया है।

वहीं जेडीयू की मनोरमा देवी इस चुनाव में सबसे संपन्न महिला प्रत्याशी के रूप में चर्चा में हैं।

एनडीए के सहयोगी दलों में भी महिला मौजूदगी

चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) ने 29 सीटों में से 5 पर महिलाओं को टिकट दिया है, हालांकि मढ़ौरा की प्रत्याशी सीमा सिंह का नामांकन रद्द हो गया।

जीतन राम मांझी की हम (सेक्युलर) पार्टी ने छह उम्मीदवारों में दो महिलाओं को उतारा है।

वहीं उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) ने सासाराम से स्नेहलता कुशवाहा जो पार्टी प्रमुख की पत्नी हैं को टिकट दिया है।

महागठबंधन में महिलाओं की सबसे बड़ी ताकत बनी RJD

महागठबंधन की सात पार्टियों में राजद (RJD) ने सबसे ज्यादा महिलाओं को टिकट दिया है। जहां कुल 24 महिला उम्मीदवारों को मौका दिया गया है।

कांग्रेस ने अपने 61 प्रत्याशियों में से सिर्फ 4 महिलाओं को मौका दिया।

वाम दलों में सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई (एमएल) की तरफ से सिर्फ एक महिला उम्मीदवार दिव्या गौतम (दिघा) हैं, जो अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की कजिन और पूर्व छात्र नेता रही हैं।

आरजेडी ने मोकामा से वीणा देवी को टिकट दिया है, जो बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी हैं और इस बार अनंत सिंह को सीधी चुनौती दे रही हैं।

जन सुराज पार्टी ने 25 महिलाओं पर जताया भरोसा

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जिनमें 25 महिलाएं शामिल हैं। यह आंकड़ा भले बहुत बड़ा न हो, लेकिन बिहार की पारंपरिक राजनीति में महिलाओं की भूमिका पर एक भरोसे के रूप में देखा जा रहा है। जहां महिलाएं केवल नाम के लिए नहीं, बल्कि एक नए राजनीतिक विचार के तौर पर अपनी जगह बना रहीं हैं।

महिलाएं संभाल रही बाहुबलियों की विरासत

बिहार की राजनीति में बाहुबली नेताओं की छवि नई नहीं है, लेकिन इस बार उनके परिवार की महिलाएं भी आगे आई हैं।

सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी (मोकामा) और कई अन्य बाहुबली परिवारों की महिलाएं अब खुद चुनावी मैदान में हैं। सीवान के रघुनाथपुर में ओसामा शहाब, शहाबुद्दीन के बेटे, पिता की विरासत संभाल रहे हैं, तो दूसरी ओर महिला उम्मीदवार अपने परिवार की राजनीतिक कहानी को नई दिशा दे रही हैं।

सोशल मीडिया पर सबसे ग्लैमरस और चर्चित चेहरा बन चुकी हैं सीमा कुशवाहा (RJD)

इस चुनाव में खूबसूरती का भी तड़का चर्चा का विषय बना हुआ है। महिला प्रत्याशी में सबसे ग्लैमरस और चर्चित उम्मीदवार बनकर उभरी हैं RJD की सीमा कुशवाहा, जो रोहतास जिले से ताल्लुक रखती हैं। उनके सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स हैं। उनकी खूबसूरती और दिलकश अदाओं के साथ उनका युवा और आत्मविश्वासी अंदाज़ उन्हें बाकी महिला उम्मीदवारों से अलग पहचान देने का काम कर रहा है। वहीं दूसरी ओर पूर्व जिला परिषद सदस्य रह चुकीं सीमा कुशवाहा अब बिहार की राजनीति में एक ऐसा चेहरा बन गई हैं, जो परंपरा और आधुनिकता दोनों को जोड़ने का काम कर रहीं हैं।

करोड़ों में हैं महिला उम्मीदवारों की संपत्ति के आंकड़े-

बिहार चुनाव में महिला उम्मीदवारों की संपत्ति के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। जो कि बिहार की सामाजिक असमानता को साफ दिखाते हैं। बीजेपी की रमा निषाद (औराई) के पास ₹31.85 करोड़ की संपत्ति है, जबकि जेडीयू की मनोरमा देवी 69 करोड़ रुपए के साथ सबसे ज्यादा अमीर उम्मीदवार हैं।

इसके विपरीत वहीं एनडीए की बीणा देवी के पास महज़ 1 लाख रुपये की संपत्ति है और वे कर्ज में डूबी हुई हैं।

आर्थिक पृष्ठिभूमि के बीच यह अंतर बताता है कि बिहार की राजनीति में महिलाएं चाहे किसी भी वर्ग से हों, उनकी मौजूदगी अब हर स्तर पर दर्ज हो रही है।

बिहार चुनाव में शिक्षित और आत्मनिर्भर महिलाओं की नई पीढ़ी

इस बार बिहार के चुनाव में कई उच्च शिक्षित और स्वतंत्र सोच वाली महिलाएं भी मैदान में हैं। जिनमें शिवानी शुक्ला (लालगंज, RJD) ने लंदन से कानून की डिग्री ली है, जबकि अमिता भूषण (बेगूसराय, कांग्रेस) फैशन डिजाइनर और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। इन महिलाओं ने साबित किया है कि बिहार की राजनीति अब केवल जाति और परंपरा पर नहीं, बल्कि शिक्षा और आत्मनिर्भरता पर भी टिक रही है। 2025 के बिहार चुनाव में महिलाएं अब ‘मौन मतदाता’ नहीं रहीं। वे न सिर्फ संख्या में आगे हैं बल्कि राजनीतिक फैसलों में निर्णायक भूमिका निभा रही हैं।

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