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ना योगी, ना अमित शाह बल्कि बीजेपी के उत्तराधिकारी बनेंगे ये नेता... आगे RSS का बड़ा प्लान
BJP New Leader: पिछले कुछ समय से बीजेपी के गलियारों में एक नाम की चर्चा जोरों पर है और वह नाम है महाराष्ट्र के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस का। चर्चा है कि फडणवीस सिर्फ महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं रहने वाले बल्कि उन्हें बीजेपी के भविष्य के नेता के तौर पर देखा जा रहा है।
BJP New Leader: राजनीति की दुनिया में अक्सर भविष्य के नेताओं को लेकर अटकलें लगती रहती हैं लेकिन जब बात देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी की हो तो ये अटकलें सुर्खियां बन जाती हैं। पिछले कुछ समय से बीजेपी के गलियारों में एक नाम की चर्चा जोरों पर है और वह नाम है महाराष्ट्र के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस का।
चर्चा है कि फडणवीस सिर्फ महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं रहने वाले बल्कि उन्हें बीजेपी के भविष्य के नेता के तौर पर देखा जा रहा है। ये अटकलें तब और तेज हो गईं जब यह कहा जाने लगा कि बीजेपी को एक ऐसे युवा और अनुभवी चेहरे की तलाश है जो आने वाले समय में पार्टी की कमान संभाल सके। क्या फडणवीस सचमुच में पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बाद बीजेपी के अगले 'उत्तराधिकारी' बन सकते हैं? इस सवाल पर राजनीतिक गलियारों में गरमा-गरम बहस छिड़ी हुई है।
क्यों फडणवीस के नाम पर हो रही है इतनी चर्चा?
इस बात में कोई दो राय नहीं कि देवेंद्र फडणवीस एक कुशल राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत से ही खुद को एक मजबूत और सक्षम नेता साबित किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल इसकी गवाही देता है। उन्होंने न सिर्फ राज्य को कई मोर्चों पर आगे बढ़ाया बल्कि कई चुनौतियों का भी डटकर सामना किया। यही कारण है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता भी उन्हें एक भरोसेमंद चेहरा मानते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी को अब एक ऐसे चेहरे की जरूरत है जो अनुभवी तो हो लेकिन साथ ही युवा भी हो और जिसका राजनीतिक दृष्टिकोण आधुनिक हो। राजनाथ सिंह अमित शाह जैसे कद्दावर नेताओं की उम्र एक फैक्टर बन रही है। ऐसे में पार्टी को एक ऐसे नेता की तलाश है जो भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सके और पार्टी को आगे ले जा सके। फडणवीस इस कसौटी पर पूरी तरह खरे उतरते हैं।
आरएसएस के भी चहेते हैं फडणवीस!
भारतीय राजनीति में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है यह किसी से छिपा नहीं है। बीजेपी में शीर्ष पदों पर बैठने वाले नेताओं के लिए आरएसएस का समर्थन बेहद जरूरी माना जाता है। देवेंद्र फडणवीस को इस मोर्चे पर भी काफी मजबूत माना जाता है। वह बचपन से ही आरएसएस से जुड़े रहे हैं और संघ की विचारधारा को गहराई से समझते हैं। उनका संघ से जुड़ाव उन्हें बीजेपी के भीतर एक मजबूत दावेदार बनाता है।
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि आरएसएस भी एक ऐसे युवा और सक्षम नेता को पार्टी के शीर्ष पद पर देखना चाहता है जो न सिर्फ पार्टी को मजबूत करे बल्कि संघ के विचारों को भी आगे बढ़ा सके। फडणवीस का शांत स्वभाव तीक्ष्ण बुद्धि और संगठन को समझने की क्षमता उन्हें संघ का चहेता बनाती है। इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि जब तक संघ का आशीर्वाद नहीं मिलता तब तक बीजेपी में कोई भी बड़ा नेता नहीं बन सकता।
क्या योगी आदित्यनाथ और अमित शाह पीछे छूट जाएंगे?
यह सवाल भी उठ रहा है कि अगर फडणवीस को आगे बढ़ाया जाता है तो क्या इसका मतलब यह होगा कि योगी आदित्यनाथ और अमित शाह जैसे कद्दावर नेता पीछे छूट जाएंगे? हालांकि यह पूरी तरह से सच नहीं है। अमित शाह वर्तमान में पार्टी के सबसे मजबूत स्तंभों में से एक हैं और नरेंद्र मोदी के बाद उनका कद सबसे बड़ा है। वहीं योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता पूरे देश में है और वह बीजेपी के 'हिंदुत्व' के सबसे बड़े चेहरे माने जाते हैं।
लेकिन यहां यह समझना जरूरी है कि बीजेपी एक ऐसी पार्टी है जो हमेशा भविष्य की ओर देखती है। पार्टी को पता है कि आने वाले समय में उसे एक ऐसे नेता की जरूरत होगी जो सभी वर्गों को साथ लेकर चल सके। फडणवीस की छवि एक ऐसे नेता की है जो विकास को प्राथमिकता देते हैं और जिनकी पहुंच महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में हर वर्ग तक है। इसके अलावा फडणवीस का दिल्ली की राजनीति में भी अच्छा खासा दखल है। उन्होंने अमित शाह और मोदी के साथ मिलकर कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।
क्या फडणवीस 'कमल' को और मजबूत कर पाएंगे?
देवेंद्र फडणवीस की सबसे बड़ी ताकत उनकी प्रशासनिक क्षमता है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने कई बड़े फैसले लिए जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। उनका कार्यकाल भ्रष्टाचार-मुक्त रहा और उन्होंने विकास परियोजनाओं पर खासा ध्यान दिया। उनका अनुभव उन्हें किसी भी बड़ी जिम्मेदारी के लिए तैयार करता है। इसके अलावा फडणवीस की हिंदी और अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ है जो उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर एक लोकप्रिय वक्ता बनाती है। उनकी संवाद शैली सरल और प्रभावशाली है जिससे वह आम जनता से आसानी से जुड़ पाते हैं। इन खूबियों के साथ-साथ उनका शांत और सुलझा हुआ व्यक्तित्व उन्हें एक ऐसा चेहरा बनाता है जिसे पार्टी और जनता दोनों स्वीकार कर सकती है।
तो क्या यह सिर्फ अटकलें हैं या भविष्य की आहट?
फिलहाल इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है और यह सिर्फ राजनीतिक अटकलों का हिस्सा है। लेकिन राजनीति में धुआं वहीं उठता है जहां आग होती है। बीजेपी जिस तरह से नए और युवा चेहरों को बढ़ावा दे रही है उसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि फडणवीस का नाम भविष्य में और भी जोर-शोर से उठाया जाएगा। यह बात सही है कि राजनाथ सिंह और अमित शाह जैसे नेताओं का कद अभी बहुत बड़ा है लेकिन बीजेपी की रणनीति हमेशा दीर्घकालिक होती है। पार्टी भविष्य को ध्यान में रखते हुए अपने नेताओं को तैयार करती है। ऐसे में अगर देवेंद्र फडणवीस को अगले 'उत्तराधिकारी' के तौर पर देखा जा रहा है तो यह कोई हैरानी की बात नहीं है। यह सिर्फ एक अटकल नहीं है बल्कि बीजेपी के अंदरूनी हलकों में चल रही एक गंभीर चर्चा का हिस्सा है। आने वाला वक्त ही बताएगा कि क्या फडणवीस सचमुच में बीजेपी के भविष्य के 'सारथी' बनेंगे या फिर यह चर्चाएं सिर्फ हवा-हवाई साबित होंगी।
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