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ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा का धमाकेदार बयान! 'मोदी को करूंगा कॉल, ट्रंप को नहीं', जानें इसके पीछे की वजह!
Lula da Silva Statement: ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह नरेंद्र मोदी या शी जिनपिंग से बात करेंगे, ट्रंप से नहीं।
Brazilian President Lula da Silva and Narendra Modi, Donald Trump
Lula da Silva Statement: ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा है कि उन्हें टैरिफ मुद्दे पर ट्रंप से कोई बात करने में दिलचस्पी नहीं है। लूला ने कहा कि वह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बातचीत करेंगे, लेकिन ट्रंप से नहीं। इस बयान के पीछे की वजह ट्रंप का ब्राजील पर 50 प्रतिशत का भारी टैरिफ है, जिसे लूला ने दोनों देशों के रिश्तों के लिए 'सबसे दुखद दिन' के रूप में बयान किया। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रंप का यह कदम सिर्फ व्यापारिक विवाद नहीं, बल्कि ब्राजील की संप्रभुता और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर भी हमला है।
ट्रंप का आरोप था कि लूला, ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो के खिलाफ न्यायपालिका का इस्तेमाल कर रहे हैं। 2022 में चुनाव हारने के बाद से बोलसोनारो पर तख्तापलट के आरोप लगे हैं, और उनका मुकदमा चल रहा है। इस मुद्दे को लेकर दोनों नेताओं के बीच बढ़ते तनाव ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नया मोड़ ला दिया है।
2025 तक WTO में करेगा सख्त पहल
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने घोषणा की है कि उनकी सरकार विदेशी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए पहले से ही रणनीतिक कदम उठा रही है, विशेषकर ब्रिक्स देशों और अन्य अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ। ब्रासीलिया में एक कार्यक्रम में बोलते हुए, लूला ने कहा, "हम 2025 तक अपने व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए सभी संभावित उपायों को अपनाएंगे, जिसमें WTO भी शामिल है।" यह बयान उस समय आया जब डोनाल्ड ट्रंप ने यह धमकी दी थी कि जो देश ब्रिक्स नीति का समर्थन करेंगे, उन पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा।
निक्की हेली की ट्रंप को कड़ी सलाह
दूसरी ओर, रिपब्लिकन पार्टी की नेता और भारतवंशी निक्की हेली ने ट्रंप को एक कड़ी सलाह दी है। हेली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा, "भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए, लेकिन चीन को जो हमारे विरोधी है और जो रूस और ईरान से तेल का सबसे बड़ा आयातक है, उसे 90 दिनों के लिए टैरिफ में ढील दी गई है। चीन को यह छूट नहीं मिलनी चाहिए और भारत जैसे मजबूत साझीदार से रिश्ते खराब नहीं होने चाहिए।
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