डॉलर को चुनौती! अगर रुपया बना अंतरराष्ट्रीय मुद्रा तो भारत को क्या फायदा होगा?

भारतीय रुपया वैश्विक व्यापार में बढ़ रहा, कई देशों से रुपये में ट्रेड समझौते

Shivam Srivastava
Published on: 2 Sept 2025 7:59 PM IST
डॉलर को चुनौती! अगर रुपया बना अंतरराष्ट्रीय मुद्रा तो भारत को क्या फायदा होगा?
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भारतीय मुद्रा रुपया अब वैश्विक मंच पर अपनी पकड़ मजबूत करता जा रहा है। रूस, जर्मनी, श्रीलंका, यूएई, मॉरीशस, मलेशिया, नेपाल, भूटान, सिंगापुर और इजरायल जैसे कई देशों के साथ भारत ने स्पेशल रुपया वोस्ट्रो अकाउंट्स (SRVA) बनाए हैं, जिनका उद्देश्य आपसी व्यापार में डॉलर या यूरो की जगह भारतीय रुपये में लेन-देन को बढ़ावा देना है।

अगर 30 देश रुपये को ट्रेडिंग करंसी के रूप में स्वीकार कर लेते हैं, तो यह जल्द ही एक मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बन सकता है।

ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) देशों ने पहली बार आपसी व्यापार में भारतीय रुपये के उपयोग को मंजूरी दी है। इसके साथ ही SCO समिट 2025 में एक डेवलपमेंट बैंक की स्थापना का निर्णय भी लिया गया है, जिसमें भारत दूसरा सबसे बड़ा शेयरधारक है।

क्या होता है स्पेशल रुपया वोस्ट्रो अकाउंट (SRVA)?

SRVA विदेशी बैंकों द्वारा भारतीय बैंकों में खोले गए खाते होते हैं, जिनमें रुपये में लेन-देन किया जाता है। इससे विदेशी कंपनियां सीधे भारतीय निर्यातकों को रुपये में भुगतान कर सकती हैं, जिससे डॉलर की आवश्यकता कम होती है। RBI ने इसकी शुरुआत जुलाई 2022 में की थी।

UPI का ग्लोबल विस्तार

भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब ग्लोबल स्तर पर भी स्वीकार किया जा रहा है। सिंगापुर, फ्रांस, यूएई और भूटान जैसे देशों में UPI आधारित सेवाएं शुरू हो चुकी हैं। इससे अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और विदेशों में बसे भारतीयों को सीधा फायदा मिल रहा है।

RBI ने 2024-25 के लिए एक नई योजना शुरू की है, जिसके तहत विदेश में अकाउंट खोलने के नियमों को सरल बनाया गया है। इसका उद्देश्य विदेशी निवेश को बढ़ावा देना और निर्यात को आसान बनाना है।

रुपये को इंटरनेशनल करेंसी बनाने के फायदे

• भारत की डॉलर पर निर्भरता कम होगी, जिससे फॉरेक्स रिज़र्व को राहत मिलेगी।

• आयात-निर्यात असंतुलन वाले देशों के साथ व्यापार संतुलित हो सकेगा।

• रूस और ईरान जैसे देशों से व्यापार में प्रतिबंधों के बावजूद लेन-देन संभव होगा।

• रुपया धीरे-धीरे एक वैश्विक मुद्रा के रूप में स्थापित होगा।

किन देशों ने रुपये में व्यापार को मंजूरी दी है?

• नेपाल: पहले से बड़ा हिस्सा रुपये में

• भूटान: लगभग पूरा व्यापार रुपये में

• श्रीलंका: रुपये को विदेशी मुद्रा सूची में शामिल

• बांग्लादेश: जुलाई 2023 से शुरुआत

• मलेशिया: अप्रैल 2023 से मंजूरी

• रूस: प्रतिबंधों के बाद बड़े पैमाने पर रुपये में व्यापार

• ईरान: तेल व अन्य व्यापार में उपयोग

• UAE: रुपये में तेल का भुगतान शुरू

इसके अलावा, RBI ने अब तक 22 देशों को रुपये में व्यापार की अनुमति दी है, जिनमें जर्मनी, यूके, सिंगापुर, म्यांमार, केन्या, तंजानिया, बेलारूस, कजाकिस्तान, मालदीव जैसे देश शामिल हैं।

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Shivam Srivastava

Shivam Srivastava is a multimedia journalist with over 4 years of experience, having worked with ANI (Asian News International) and India Today Group. He holds a strong interest in politics, sports and Indian history.

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