अमेरिकी वित्त मंत्री ने रुपये का उड़ाया मजाक, कहा- रिजर्व करंसी बनने की हैसियत नहीं

अमेरिकी ट्रेजरी सचिव ने कहा, रुपया डॉलर की बराबरी नहीं कर सकता; अर्थशास्त्रियों ने चेताया

Shivam Srivastava
Published on: 29 Aug 2025 7:20 PM IST
अमेरिकी वित्त मंत्री ने रुपये का उड़ाया मजाक, कहा- रिजर्व करंसी बनने की हैसियत नहीं
X

अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भारतीय रुपये का मज़ाक उड़ाते हुए कहा है कि वह डॉलर का मुकाबला नहीं कर सकता। ट्रंप प्रशासन द्वारा हाल ही में भारत पर 50% तक प्रतिशोधात्मक टैरिफ लगाए गए हैं, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव और बढ़ गया है। इन टैरिफ्स के कारण भारतीय उत्पाद अमेरिका में महंगे हो जाएंगे, जिससे आम उपभोक्ताओं को भी असर झेलना पड़ेगा।

एक टीवी साक्षात्कार में जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें चिंता है कि भारत डॉलर की जगह रुपये में व्यापार करेगा, तो बेसेंट ने तंज कसते हुए कहा, चिंता करने को बहुत कुछ है, लेकिन रुपये का रिजर्व करंसी बनना उनमें से नहीं है।

उन्होंने यह भी कहा कि इस समय रुपया लगभग अपने सबसे निचले स्तर पर है और यह तथ्य दर्शाता है कि वैश्विक व्यापार में अब भी डॉलर का ही वर्चस्व है। गौरतलब है कि शुक्रवार को भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर 87.965 तक गिर गया।

हालांकि, बेसेंट ने भारत-अमेरिका संबंधों को काफी जटिल बताया, लेकिन उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच अच्छे रिश्तों का जिक्र करते हुए भविष्य में सहयोग की उम्मीद भी जताई। उन्होंने कहा, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था। अंततः हम एक साथ आएंगे।

हालांकि, उन्होंने भारत द्वारा रूस से सस्ते क्रूड ऑयल खरीदने और व्यापार वार्ता में भारत की रणनीति को दिखावटी बताया। उन्होंने कहा कि ट्रंप के कार्यकाल की शुरुआत में ही बातचीत शुरू हो गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस समझौता नहीं हो सका है।

31 जुलाई को ट्रंप ने भी भारत की रूस से व्यापारिक नज़दीकियों पर तंज कसते हुए कहा था, मुझे फर्क नहीं पड़ता भारत रूस के साथ क्या करता है, वे चाहें तो अपनी 'मरी हुई अर्थव्यवस्थाओं' को साथ ले डूबें।

हालांकि, अमेरिकी अर्थशास्त्री रिचर्ड वोल्फ ने अमेरिका के इस रवैये को आत्मघाती बताया। उन्होंने कहा, अमेरिका भारत पर धौंस जमाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इससे वह खुद ही BRICS देशों को पश्चिम का विकल्प बनने की दिशा में धकेल रहा है। उन्होंने अमेरिका की तुलना एक ऐसे चूहे से की जो हाथी पर मुक्का मारने की कोशिश कर रहा है।

इन चुनौतियों के बीच भारत ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ एक मजबूत जवाबी रणनीति तैयार की है। भारत अब 40 प्रमुख वैश्विक बाजारों जैसे UK, जापान, जर्मनी, फ्रांस, रूस, ऑस्ट्रेलिया आदि में एक्सपोर्ट बढ़ाने और व्यापारिक साझेदारियों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है।

हालांकि तनाव बना हुआ है, लेकिन व्यापारिक वार्ताएं अब भी जारी हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अधिकारी आशावान हैं कि अमेरिका आने वाले दिनों में अपने टैरिफ रुख पर पुनर्विचार कर सकता है।

1 / 8
Your Score0/ 8
Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

Mail ID - [email protected]

Shivam Srivastava is a multimedia journalist.

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!