ट्रंप के बयान, टैरिफ विवाद और निमिषा प्रिया केस पर सरकार ने तोड़ी चुप्पी, हर मुद्दे पर दिया कड़ा जवाब

MEA respond to Trump: विदेश मंत्रालय ने डोनाल्ड ट्रंप के बयान, टैरिफ विवाद, पाकिस्तान-ऑयल डील और निमिषा प्रिया केस पर बड़ा बयान जारी किया। भारत ने हर मुद्दे पर सधी हुई लेकिन सख्त प्रतिक्रिया दी, और अपनी स्वतंत्र विदेश नीति का दम दिखाया।

Harsh Srivastava
Published on: 1 Aug 2025 5:18 PM IST
ट्रंप के बयान, टैरिफ विवाद और निमिषा प्रिया केस पर सरकार ने तोड़ी चुप्पी, हर मुद्दे पर दिया कड़ा जवाब
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MEA respond to Trump: जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ही झटके में भारत की अर्थव्यवस्था को ‘डेड’ कह दिया, पाकिस्तान से तेल खरीद की बात उछाल दी और भारत-अमेरिका रिश्तों को टैरिफ के शिकंजे में जकड़ने की कोशिश की, तब सबकी नजर भारत सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी थी। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय ने ना सिर्फ इस मुद्दे पर बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय मसलों पर अपना रुख स्पष्ट किया एक जिम्मेदार लोकतंत्र और वैश्विक ताकत की तरह।

भारत की नीति, स्थिरता और स्वाभिमान

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सधी हुई भाषा में बताया कि भारत सरकार अपने रुख पर अडिग है। टैरिफ विवाद पर उन्होंने कहा कि भारत पहले ही आधिकारिक बयान जारी कर चुका है और वही हमारी स्पष्ट स्थिति है। किसी भी ‘तुरंत रिएक्शन’ की जगह भारत ने वैश्विक स्तर पर संतुलन और गरिमा बनाए रखने की मिसाल पेश की।

ट्रंप का पाकिस्तान से तेल सौदा और भारत की चुप्पी क्यों?

जब ट्रंप ने दावा किया कि अगर वे दोबारा राष्ट्रपति बने तो पाकिस्तान से तेल खरीदेंगे, तब भी भारत ने ‘नो कमेंट’ कहकर स्पष्ट कर दिया कि वह ऐसी बयानबाज़ी में शामिल नहीं होगा। भारत की विदेश नीति अब भावनाओं से नहीं, रणनीतिक सोच और तथ्यों से संचालित होती है। भारत जानता है कि उसकी ऊर्जा सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करनी है, बाज़ार की उपलब्धता और वैश्विक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर।

भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी

मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि भारत और अमेरिका के बीच मजबूत रक्षा साझेदारी है, जो बीते वर्षों में और सशक्त हुई है। एफ-35 जैसे अत्याधुनिक हथियारों की खरीद को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि हथियारों की खरीद भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुसार होती है। यह भारत के आत्मनिर्भर रक्षा दृष्टिकोण और वैश्विक शक्ति बनते जाने की गवाही है।

भारत-रूस रिश्ते पर तीसरा देश नहीं करेगा फैसला

ट्रंप के बयान के बाद एक और बड़ा सवाल उठा क्या भारत रूस से दूरी बनाएगा? विदेश मंत्रालय ने इसे भी साफ कर दिया। भारत और रूस के रिश्ते समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं। इन द्विपक्षीय संबंधों की बुनियाद इतनी मजबूत है कि कोई तीसरा देश इसे प्रभावित नहीं कर सकता। यह भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की ताकत का प्रमाण है।

निमिषा प्रिया केस, संवेदनशीलता और सतर्कता का उदाहरण

भारत की एक महिला नागरिक, निमिषा प्रिया को यमन में सज़ा-ए-मौत सुनाई गई है। इस पर विदेश मंत्रालय ने साफ कहा कि भारत सरकार इस संवेदनशील मुद्दे पर लगातार काम कर रही है। भारत की कोशिशों से फिलहाल उसकी सजा की तामील स्थगित की गई है। यमन के अधिकारियों से संपर्क में रहकर भारत सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।

अफवाहों से दूर रहें, भरोसा रखें

मंत्रालय ने मीडिया और आम लोगों से भी अपील की कि इस विषय पर झूठी खबरें और गलत सूचनाएं न फैलाएं। जो रिपोर्टें कह रही हैं कि निमिषा की रिहाई तय हो गई है या समझौता हो चुका है, वे भ्रामक हैं। यह एक जटिल कानूनी प्रक्रिया है, जिसे गरिमा और गंभीरता से संभालना जरूरी है।

अनुभव और जिम्मेदारी का मिला-जुला स्वरूप

भारत ने शुक्रवार को एक बार फिर यह साबित कर दिया कि उसकी विदेश नीति अब प्रतिक्रियाओं पर नहीं, अनुभव और विशेषज्ञता पर आधारित है। जहां एक ओर भारत ने ट्रंप के बयानों पर गैर-जरूरी बहस से दूरी बनाए रखी, वहीं गंभीर मामलों मे जैसे निमिषा प्रिया केस पूरी पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ काम कर रहा है। यही है एक जिम्मेदार वैश्विक शक्ति का संकेत जो बोलने से पहले सोचती है, और सोचकर फैसला करती है।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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