×

छांगुर बाबा की कहानी है या Netflix की वेब सीरीज़? धर्मांतरण की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग कैंप, 68 करोड़ का हवाला नेटवर्क और विदेशी फंडिंग

Changur Baba exposed: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से उठी बाबा छांगुर की कहानी ने पूरे देश को चौंका दिया है। धर्मांतरण की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग कैंप, 68 करोड़ का हवाला घोटाला और विदेशी फंडिंग का खुलासा हुआ है।

Hemendra Tripathi
Published on: 18 July 2025 6:37 PM IST (Updated on: 18 July 2025 7:11 PM IST)
छांगुर बाबा की कहानी है या Netflix की वेब सीरीज़? धर्मांतरण की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग कैंप, 68 करोड़ का हवाला नेटवर्क और विदेशी फंडिंग
X

Changur Baba exposed: उत्तर प्रदेश के शांत जिले बलरामपुर से उठी एक साधारण सी खबर ने पूरे देश को हिला दिया है। लोग जिसे “बाबा छांगुर” के नाम से जानते थे, वह शख्स अब देश की सुरक्षा एजेंसियों की नजर में एक हाई-प्रोफाइल अपराधी बन चुका है। यह वही छांगुर है, जिसे हजारों लोग एक अध्यात्मिक गुरु मानते थे। लेकिन अब इस चेहरे के पीछे छिपे हैं धर्मांतरण के खेल, हवाला से आए करोड़ों, विदेशी फंडिंग और आतंकी साजिश के गहरे जाल। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने 24 घंटे से ज्यादा चली ताबड़तोड़ कार्रवाई में बाबा छांगुर के चेहरे से अध्यात्म की चादर खींचकर देश को उसकी असली पहचान से रूबरू करा दिया है।

12 जगहों पर छापे: बाबा की ‘अंतरराष्ट्रीय’ दुनिया उजागर

बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई – तीनों जगहों पर एकसाथ की गई छापेमारी से साफ हुआ कि छांगुर बाबा का नेटवर्क देश के भीतर ही नहीं, विदेशों तक फैला हुआ है। ईडी ने बाबा और उसके करीबियों के ठिकानों से लैपटॉप, हार्ड ड्राइव, बहीखाते, NGO फाइलें, कई बैंकों के दस्तावेज और हवाला की संदिग्ध रसीदें बरामद की हैं। ईडी की टीम ने लखनऊ में एक सरकारी कर्मचारी के घर पर भी छापा मारा, जिससे साफ हुआ कि बाबा के नेटवर्क में सिर्फ धार्मिक या निजी लोग ही नहीं, सरकारी सिस्टम में बैठे लोग भी शामिल हो सकते हैं।

हवाला का समंदर: 68 करोड़ का घपला और UAE से सीधा फंड

ईडी को मिले दस्तावेजों के अनुसार, छांगुर बाबा के 30 से अधिक बैंक खातों की जांच की गई, जिनमें से 18 में 68 करोड़ रुपए से अधिक की संदिग्ध गतिविधियाँ पाई गईं। यह राशि अलग-अलग समय पर देश-विदेश से ट्रांसफर की गई थी। सबसे चौंकाने वाली बात यह कि केवल पिछले तीन महीनों में ही UAE से सीधे इन खातों में 7 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए हैं। सूत्रों की मानें तो इन पैसों का उपयोग धर्मांतरण, कट्टरपंथी विचार फैलाने और टेरर नेटवर्क्स को फंड करने में किया जा रहा था।

उर्स या आतंक की पाठशाला?

छांगुर बाबा हर साल एक भव्य उर्स का आयोजन करता था, जिसमें भारत के कोने-कोने से ही नहीं, विदेशों से भी हजारों लोग जुटते थे। लेकिन अब जांच एजेंसियों को शक है कि यह आयोजन सिर्फ धार्मिक मुखौटा था। असली खेल इसके पीछे चल रहा था। ईडी को एक ऐसे भवन के दस्तावेज मिले हैं, जिसे आतंकी ट्रेनिंग कैंप के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था। कहा जा रहा है कि उर्स के नाम पर धार्मिक शिक्षाओं के बजाय कट्टरपंथ, राष्ट्रविरोधी एजेंडा और हथियार प्रशिक्षण का कार्यक्रम चलता था।

NGO की आड़ में काला कारोबार

छांगुर बाबा के नाम दर्ज कई NGO और शेल कंपनियों की जांच भी शुरू हो गई है। इन संस्थाओं के जरिए ही देश-विदेश से फंड लाकर कालेधन को वैध करने का प्रयास किया जा रहा था। इन एनजीओ के ज़रिए न सिर्फ हवाला के पैसे को सफेद किया गया बल्कि सामाजिक सेवा की आड़ में कई युवाओं को गुमराह कर कट्टरपंथी विचारधारा में धकेलने का प्रयास भी किया गया। फॉर्च्यूनर जैसी महंगी गाड़ियां, मुंबई में आलीशान बंगले और विदेश दौरों की फंडिंग भी इसी पैसे से हुई।

रिमांड में खुलेगा राज़: कौन हैं बाबा के ‘बड़े आका’?

ईडी अब छांगुर बाबा की न्यायिक रिमांड की मांग करने जा रही है। जांच एजेंसियों को भरोसा है कि रिमांड में पूछताछ के दौरान बाबा उन नामों का खुलासा कर सकता है, जो इस नेटवर्क के असली संचालक हैं। इनमें NGO ऑपरेटर, राजनीतिक सरंक्षक, धार्मिक आयोजकों से लेकर सरकारी तंत्र में घुसे 'सफेदपोश अपराधी' तक हो सकते हैं। कई बड़े नाम जो अब तक जनता की नजर में समाजसेवी थे, रिमांड के बाद पूरी तरह बेनकाब हो सकते हैं।

यह सिर्फ धोखा नहीं, एक खतरनाक साजिश है

यह मामला अब केवल आर्थिक या धार्मिक नहीं रह गया है। यह एक सुनियोजित आतंकवादी साजिश का हिस्सा है, जो भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। छांगुर बाबा की गिरफ्तारी से एक ऐसे अर्बन टेरर नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जो घोषित आतंकी संगठनों से कहीं अधिक खतरनाक हो सकता है। इन संगठनों की सबसे बड़ी ताकत है – धर्म का मुखौटा और सिस्टम में घुसपैठ। ये साजिशें न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी हैं।

सवाल जो अब पूरे देश को सोचने पर मजबूर कर रहे हैं:

• क्या देश में और भी कई 'छांगुर बाबा' सक्रिय हैं?

• क्या सरकारी सिस्टम के भीतर बैठे लोग इस नेटवर्क का हिस्सा हैं?

• NGO और धार्मिक आयोजनों की आड़ में चल रही ये साजिशें कब तक दबाई जाएंगी?

• क्या अब वक्त नहीं आ गया कि ऐसे मामलों की मॉनिटरिंग एक स्ट्रॉन्ग नोडल एजेंसी द्वारा की जाए?

अब क्या होगा?

ईडी, एनआईए और एटीएस की संयुक्त जांच से आने वाले समय में और बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। छांगुर बाबा की गिरफ्तारी की आड़ में देश में चल रही धार्मिक आतंकवाद की एक खतरनाक परत खुल चुकी है। आने वाले हफ्तों में जब ये परतें और उतरेंगी, तो संभव है कि देश के सामने ऐसी सच्चाइयाँ आएँ जो आज सिर्फ फिल्मी स्क्रिप्ट लगती हैं।

Start Quiz

This Quiz helps us to increase our knowledge

Hemendra Tripathi

Hemendra Tripathi

Lucknow Reporter

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!