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'वोट चोरी' में उल्टा फंसी कांग्रेस, CM सिद्धारमैया के बयान ने खोली पार्टी की पोल, BJP ने साधा निशाना
कर्नाटक CM सिद्धारमैया के बयान से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं, बीजेपी ने वोट चोरी को लेकर किया बड़ा
CM Siddaramaiah on Vote Fraud: एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाते हुए भाजपा और चुनाव आयोग के खिलाफ सड़कों पर उतरी हुई है, वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक ऐसा बयान दिया है, जिससे उनकी खुद की पार्टी पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। सिद्धारमैया ने शुक्रवार को यह कहकर अपनी ही पार्टी को मुसीबत में डाल दिया कि उन्हें 1991 के लोकसभा चुनाव में फ्रॉड करके हराया गया था, और यह फ्रॉड उनकी पार्टी यानी उस समय की कांग्रेस ने ही किया था। यह बयान विपक्ष के लिए एक बड़ा हथियार बन गया है।
सिद्धारमैया ने खुद खोली अपनी पार्टी की पोल
सिद्धारमैया ने यह बयान पूर्व एडवोकेट जनरल रवि वर्मा कुमार के सम्मान समारोह में दिया। उन्होंने कहा, "मैंने 1991 का चुनाव लड़ा था और फ्रॉड से हरा दिया गया।" तब सिद्धारमैया जनता दल सेक्युलर के उम्मीदवार थे और कोप्पल सीट से चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार बसवराज पाटिल के हाथों 11,200 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था। उस समय सिद्धारमैया ने हाई कोर्ट में केस भी दाखिल किया था और चुनाव आयोग द्वारा 22,243 वोटों को अवैध घोषित करने पर सवाल उठाया था। उनका कहना था कि अगर उन वोटों को गिना जाता, तो वह बड़े अंतर से चुनाव जीत जाते। उन्होंने यह भी कहा था कि बसवराज पाटिल की उम्मीदवारी ही अवैध थी, क्योंकि उन्हें लोकसभा स्पीकर ने दलबदल के चलते अयोग्य घोषित कर दिया था।
बीजेपी ने लिया बयान को हाथोंहाथ
सिद्धारमैया के इस बयान को भाजपा ने हाथोंहाथ लिया है और कांग्रेस पर निशाना साधा है। भाजपा आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि यह वीडियो इस बात का सबूत है कि कैसे कांग्रेस वोट चोरी करती रही है। उन्होंने कहा, "आज यही लोग वोट अधिकार रैली निकाल रहे हैं। आखिर यह कितनी बड़ी विडंबना है।"
मालवीय ने यह भी याद दिलाया कि सिद्धारमैया तब बैलेट पेपर से हुई वोट चोरी में हारे थे, और यह वही बैलेट पेपर है, जिसे वापस लाने की बात राहुल गांधी करते हैं। कर्नाटक के नेता विपक्ष आर. अशोक ने भी इस बयान को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि सिद्धारमैया को उनकी खुद की पार्टी ने ही 1991 में चुनाव हरवा दिया था। यह घटना दिखाती है कि कैसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एक-दूसरे पर हमला करने के लिए किसी भी बयान का उपयोग कर सकते हैं। अब देखना यह है कि कांग्रेस इस बयान पर कैसे सफाई देती है।
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