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नाक के नीचे ‘1 लाख फर्जी वोट’ का खेल! राहुल के सुर में सुर मिलाकर प्रियंका ने EC पर दागे सवाल
Priyanka Gandhi slams EC: चुनावी बिगुल बजते ही हर ओर एक ही चर्चा होती है लोकतंत्र का महापर्व लेकिन जब इस महापर्व पर ही सवाल उठने लगें तो हंगामा होना लाजमी है। कुछ ऐसा ही हो रहा है जहां कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग पर ही सबसे बड़ा हमला बोल दिया है।
Priyanka Gandhi slams EC: चुनावी बिगुल बजते ही हर ओर एक ही चर्चा होती है लोकतंत्र का महापर्व लेकिन जब इस महापर्व पर ही सवाल उठने लगें तो हंगामा होना लाजमी है। कुछ ऐसा ही हो रहा है जहां कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग पर ही सबसे बड़ा हमला बोल दिया है। पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और अब उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग (EC) को सीधे-सीधे कटघरे में खड़ा कर दिया है।
आरोप है कि EC की नाक के नीचे ही एक 'बड़ा खेल' चल रहा है। कांग्रेस का दावा है कि फर्जी वोटरों की लिस्ट तैयार कर चुनावों को प्रभावित किया जा रहा है। यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं है बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद को हिलाने वाला आरोप है। प्रियंका गांधी ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर इन आरोपों की जांच नहीं की गई तो यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ होगा।
'आप जांच क्यों नहीं कर रहे?' - प्रियंका का तीखा वार
प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव आयोग से सीधा सवाल किया है "जब इतना बड़ा खुलासा हुआ है तो आप इसकी जांच क्यों नहीं कर रहे?" उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 40000 फर्जी वोटों के सबूत पेश किए हैं फिर भी चुनाव आयोग इस पर ध्यान क्यों नहीं दे रहा है। प्रियंका ने हैरानी जताते हुए कहा कि चुनाव आयोग affidavits पर साइन मांग रहा है जबकि जो शपथ हम सदन में लेते हैं उससे बड़ी और क्या शपथ हो सकती है? उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस ने जो भी दावे किए हैं वे सार्वजनिक हैं और उनके सबूत भी मौजूद हैं।
प्रियंका ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की नाक के नीचे ये 'इतना बड़ा खेल' हो रहा है तो उन्हें तुरंत इसकी जांच करनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि एक लाख फर्जी वोट किसी भी विधानसभा चुनाव का रुख पलट सकते हैं। प्रियंका ने बीजेपी और अन्य नेताओं की प्रतिक्रियाओं पर भी सवाल उठाया जिससे उन्हें लगता है कि यह मामला और भी पुख्ता होता जा रहा है। उन्होंने चुनाव आयोग को उसकी जिम्मेदारी याद दिलाते हुए कहा "यहां लोकतंत्र है कोई मज़ाक नहीं चल रहा है।"
राहुल गांधी का 'वोट चोरी' वाला 'एटम बम'
प्रियंका गांधी के इन आरोपों की जड़ में उनके भाई राहुल गांधी का बयान है। राहुल गांधी ने बीते दिनों चुनाव आयोग पर "बड़े पैमाने पर आपराधिक धोखाधड़ी" करने का आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग सत्ताधारी दल के साथ मिलकर चुनावों में हेराफेरी कर रहा है। उन्होंने कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र का उदाहरण देते हुए इसे 'संविधान के खिलाफ एक अपराध' बताया।
राहुल ने कहा कि कांग्रेस ने शोध के जरिए जो सबूत जुटाए हैं वे 'आपराधिक साक्ष्य' हैं और चुनाव आयोग इन्हीं सबूतों को मिटाने में लगा है। उन्होंने कर्नाटक में हुए लोकसभा चुनावों का हवाला दिया जहां कांग्रेस ने 16 सीटें जीतने की उम्मीद की थी लेकिन केवल 9 सीटें ही जीत सकी। राहुल ने इस अंतर की वजह बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में हुई गड़बड़ी को बताया।
महादेवपुरा का 'लाख फर्जी वोट' का खेल
राहुल गांधी ने महादेवपुरा विधानसभा सीट पर एक विस्तृत विश्लेषण पेश किया। उन्होंने कहा कि इस एक सीट पर बीजेपी ने भारी अंतर से जीत हासिल की और इसका कारण था 1 लाख से अधिक फर्जी वोटर। उनके मुताबिक इन फर्जी वोटरों में 11965 डुप्लिकेट मतदाता थे 40009 मतदाताओं के पते अमान्य थे और 10452 वोट एक ही पते पर पंजीकृत थे। इसके अलावा 4132 मतदाताओं को फर्जी फोटो के साथ सूची में जोड़ा गया था और 33692 नए मतदाता फॉर्म-6 के दुरुपयोग से जोड़े गए थे। राहुल गांधी ने इस 'वोट चोरी' को लोकतंत्र के लिए 'एटम बम' जैसा बताया। उन्होंने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र की नींव पर हमला है। उन्होंने न्यायपालिका से भी इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की क्योंकि उनके अनुसार जिस लोकतंत्र पर हमें इतना गर्व है वह खतरे में है।
बेंगलुरु में कांग्रेस की 'वोट अधिकार रैली'
इन आरोपों के बाद कांग्रेस पार्टी ने अपनी लड़ाई को सड़कों पर लाने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में एक बड़ी 'वोट अधिकार रैली' में भाग लेने वाले हैं। इस रैली का मकसद कथित 'वोट चोरी' का विरोध करना है। 'हमारा वोट हमारा अधिकार हमारा संघर्ष' शीर्षक वाली इस रैली में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया उपमुख्यमंत्री डी।के। शिवकुमार और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। यह रैली इस बात का संकेत है कि कांग्रेस इन आरोपों को इतनी आसानी से छोड़ने वाली नहीं है और इस मामले को और भी ज्यादा तूल देने की तैयारी में है।
यह पूरा मामला अब एक बड़ा राजनीतिक तूफान बनता जा रहा है। देखना यह है कि चुनाव आयोग इन गंभीर आरोपों पर क्या कार्रवाई करता है और क्या कांग्रेस अपने इन दावों को साबित कर पाती है? फिलहाल तो इतना साफ है कि चुनावी मैदान में इस बार सिर्फ राजनीतिक पार्टियां नहीं बल्कि चुनाव आयोग भी सवालों के घेरे में है।
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