'धर्मस्थल' बन गया 'राजनीति का अखाड़ा'! कांग्रेस-बीजेपी में छिड़ी महाभारत, जमीन के नीचे दबी है सैकड़ों लाशें?

Karnataka Dharmasthala controversy: कर्नाटक का पवित्र धर्मस्थल गांव अब सियासी जंग का मैदान बन गया है। खुदाई में दफनाए गए शवों के आरोपों पर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने, SIT जांच से मामला गरमाया।

Harsh Srivastava
Published on: 17 Aug 2025 4:40 PM IST
धर्मस्थल बन गया राजनीति का अखाड़ा! कांग्रेस-बीजेपी में छिड़ी महाभारत, जमीन के नीचे दबी है सैकड़ों लाशें?
X

Karnataka Dharmasthala controversy: कर्नाटक का शांत और पवित्र माना जाने वाला धर्मस्थल गांव अचानक सियासी युद्ध का केंद्र बन गया है। पिछले दो दशकों में यहां हुई कई हत्याओं और बलात्कार के बाद शवों को दफनाने के आरोपों को लेकर चल रही खुदाई ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को आमने-सामने खड़ा कर दिया है। रविवार को दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए, जिससे मामला और गरमा गया है।

BJP का आरोप, 'लाखों श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंची'

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ धर्मस्थल का दौरा किया और मंदिर के धर्माधिकारी का आशीर्वाद लिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि उनकी पार्टी को सरकार द्वारा गठित SIT जांच से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इस मामले में दुष्प्रचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। विजयेंद्र ने कहा कि 'वोट चोरी' और दोहरे मतदान के आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि धर्मस्थल के खिलाफ साजिश रची गई है और इसके पीछे 'बड़ी साजिश' है, जैसा कि खुद उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि शिकायत करने वाले की सच्चाई और इसके पीछे काम कर रहे लोगों की जांच होनी चाहिए, क्योंकि इस झूठे प्रचार से लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं।

कांग्रेस का पलटवार, 'यह सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा'

बीजेपी के आरोपों पर उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने बीजेपी की इस यात्रा को 'राजनीतिक यात्रा' बताया। शिवकुमार ने कहा कि बीजेपी की यह यात्रा न तो धर्म के लिए है, न ही धर्मस्थल के प्रति सम्मान दिखाने के लिए। यह सिर्फ और सिर्फ राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने सवाल किया कि जब एसआईटी का गठन हुआ था, तब बीजेपी चुप क्यों थी? उन्होंने आरोप लगाया कि जब धर्मस्थल के खिलाफ साजिश रची जा रही थी, तब बीजेपी ने हिंदू मंचों को बढ़ावा क्यों दिया? शिवकुमार के इन सवालों ने सीधे तौर पर बीजेपी की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

खोदकर क्या मिला? और अब आगे क्या होगा?

इसी बीच, धर्मस्थल में खुदाई का काम रोक दिया गया है। यह फैसला तब आया जब बीजेपी ने नेत्रवती नदी और धर्मस्थल के आसपास कथित तौर पर 'सैकड़ों कब्रों' की शिकायत पर स्पष्टता मांगी थी। यह शिकायत एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने की थी, जिसकी पहचान गुप्त रखी गई है। अब सभी की निगाहें राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर पर टिकी हैं, जिन्होंने सोमवार को विधानसभा में एक विस्तृत बयान देने का वादा किया है। इस पूरे घटनाक्रम से एक बात साफ है कि धर्मस्थल का यह मुद्दा अब सिर्फ एक आपराधिक जांच का मामला नहीं रहा, बल्कि यह कर्नाटक की राजनीति में एक नया अध्याय बन गया है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस और बीजेपी इस मुद्दे को लेकर किस हद तक जाती हैं और क्या यह मुद्दा चुनाव में भी अपनी जगह बना पाता है।

1 / 9
Your Score0/ 9
Harsh Srivastava

Harsh Srivastava

Mail ID - [email protected]

Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!