महिलाओं-बच्चियों की लाशों से पटा धर्मस्थल! 800 साल पुरानी इस धार्मिक जगह पर होता रहा रेप, खून से सने शवों का खौफनाक सच

Karnataka Hindu Temple Rape Case 2025: कर्नाटक के एक धर्मस्थल का भयानक सच सामने आया है। यहां के पूर्व सफाई कर्मचारी ने हिंसा या रेप करके मारी गई महिलाओं और बच्चियों के शवों को ठिकाने लगाने की बात कही है।

Sonal Verma
Published on: 23 July 2025 4:38 PM IST
Karnataka Hindu Temple rape case 2025
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Karnataka Hindu Temple rape case 2025

Karnataka Hindu Temple Rape Case 2025: कर्नाटक के एक प्रमुख धार्मिक स्थल से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। इस धर्मस्थल में काम करने वाले पूर्व सफाई कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि 1995 से 2014 के बीच उसे लगभग सौ से अधिक महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के शव दफनाने या जलाने के लिए मजबूर किया गया। इन महिलाओं के शरीर पर यौन उत्पीड़न और हिंसा के स्पष्ट निशान थे। इस खुलासे ने पूरे धर्मस्थल और कर्नाटक की जनता को झकझोर कर रख दिया है। जानकारी के मुताबिक, कर्नाटक के इस 800 साल पुराने धर्मस्थल के प्रशासन के कुछ लोगों पर करीब 20 साल तक महिलाओं और नाबालिग बच्चियों से रेप कर उनके शव को दफनाने या जलाने का आरोप लगा है।

पूर्व सफाई कर्मचारी ने किया ये डरावना खुलासा

इस भयावह घटना का खुलासा करने वाले धर्मस्थल के पूर्व कर्मचारी जो दलित समुदाय से ताल्लुक रखता है, लगभग 20 वर्षों तक धर्मस्थल मंदिर प्रशासन के तहत काम करता रहा। उसने 3 जून को पुलिस को एक शिकायत दी, जिसमें उसने न केवल कंकालों के फोटो पेश किए, बल्कि बताया कि कैसे उसे दबाव में रखा गया और धमकाया गया। अगर उसने ऐसा करने से इनकार किया, तो उसे मारने की धमकी दी जाती थी। उसने कहा कि उसे कई बार खून खराबे और हिंसा के निशान वाले शव दफनाने पड़े। विशेष रूप से एक मामला बेहद भयावह था जब 2010 में एक 12 से 15 वर्ष की स्कूली छात्रा, जो की स्कूल यूनिफॉर्म में थी, उसे को दफ़नाने को कहा गया। उस लड़की पर भी यौन उत्पीड़न और गला घोंटने के निशान थे।


एक अन्य घटना में एक 20 वर्षीय महिला का चेहरा तेज़ाब से जला दिया गया था और फिर उसके शरीर को आग के हवाले कर जला दिया गया था। भयावह घटना का खुलासा करने वाले धर्मस्थल के पूर्व सफाई कर्मचारी अपनी सुरक्षा को लेकर काफी चिंतित है। इनके वकील ने सुप्रीम कोर्ट के वकील को गुप्त लिफाफे में अपराधियों के नाम सौंपे हैं ताकि अगर उसे या उसके परिवार को कोई नुकसान पहुंचे तो न्यायालय कार्रवाई कर सके।

धर्मस्थल प्रशासन में शामिल हैं रसूखदार लोग

जानकारी के मुताबिक, धर्मस्थल मंदिर का प्रशासन एक प्रभावशाली जैन परिवार के पास है। इस परिवार के प्रमुख, वर्तमान में मनोनीत राज्यसभा सांसद वीरेंद्र हेगड़े हैं। पूर्व कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि कई अपराधी मंदिर प्रशासन से जुड़े थे और उन्होंने इस पूरे कुकर्म को दबाने की कोशिश की। इस खुलासे ने यह सवाल उठाए हैं कि क्या मंदिर प्रशासन के कुछ लोग इन भयावह अपराधों में शामिल हैं या इस खौफनाक घटना को छुपाने की कोशिश में शामिल हैं। हालांकि भाजपा विधायक अरविंद बेलाड ने इन आरोपों को निराधार करार दिया है, लेकिन स्थानीय स्तर पर भय और बेचैनी बढ़ गई है।


कानूनी पहल

इन सब खुलासों और पुरानी घटनाओं को देखते हुए, कई वरिष्ठ वकील और सामाजिक कार्यकर्ता स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। 16 जुलाई को वकीलों के समूह ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात की और उच्च स्तरीय एसआईटी गठित करने का अनुरोध किया। इस जांच में प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता की जांच हो, एफएसएल टीम की भागीदारी हो, और सभी सबूतों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी हो। वहीं, रिपोर्ट दर्ज होने के 19 दिन बाद भी जांच की धीमी रफ्तार के चलते सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ट अधिवक्ता के.वी. धनन्जय ने पुलिस पर ओरोपियों को बचाने की बात कही है।

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