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'इश्क' किसी और से 'ख्वाहिशें' निक्की से, इस एक शौक ने बिगाड़ दी थी दोनों के रिश्तों की केमेस्ट्री
Nikki Bhati murder case update: ग्रेटर नोएडा का निक्की भाटी मर्डर केस दहेज और लग्ज़री कार की डिमांड की काली सच्चाई उजागर करता है। पति और सास के लालच ने रिश्तों को जला डाला और निक्की की ज़िंदगी छीन ली।
Nikki Bhati murder case update: ग्रेटर नोएडा के निक्की भाटी मर्डर केस ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। किसी में क्रोध है तो कोई किस्मत को कोस रहा है। लेकिन लोग अब भी निक्की की हत्या की असल वजह खोज रहे हैं। बता दें कि दोनों के बीच केमेस्ट्री तब बिगड़ना शुरू हुईं जब शो ऑफ की दुनिया में पति के शौक बढ़ने लगे। निक्की के पिता ने धूमधाम से और खूब दहेज देकर शादी की थी, इससे उनकी बेटी खुश रहे। लेकिन पति और सास दोनों के शौक ने निक्की की जान ले ली।
वो हाथ जोड़ रही थी, गिड़गिड़ा रही थी, लेकिन आजकल कौन सुनता है बहुओं की भीख? अब जमाना बदल चुका है। अब बहुएं सिर्फ घर की लक्ष्मी नहीं, बल्कि घर की गलती मानी जाने लगी हैं। और गलती हो तो उसे सुधारना भी जरूरी होता है चाहें वो थिनर से ही क्यों न हो। निक्की पार्लर चला रही थी यानी आत्मनिर्भर थी। और आत्मनिर्भर स्त्रियां तो ससुराल वालों के लिए वैसे भी एक सिरदर्द होती हैं। अपनी कमाई से परिवार की मदद कर रही थी? शायद यही उसकी सबसे बड़ी गलती थी। आखिर घर की इज्जत तो तब ही रहती है जब बहू दूसरों पर निर्भर हो और हर बात पर आज्ञा का पालन करे। पति साहब ने अपने हाथों का उपयोग प्यार जताने में नहीं, बल्कि ताकत दिखाने में किया। सास-ससुर भी शायद उसे बहू कम, बॉर्डर पार से आई कोई जासूस ज्यादा समझ बैठे थे। और जब झगड़े के हल तलाशने की जरूरत थी, तब थिनर और लाइटर सामने लाकर समझा दिया गया कि यहाँ बहुएं बस शादी करने आती हैं, खुश रहने का सपना नहीं देखतीं।
चंद पलों का है गुस्सा
निक्की के जलते शरीर से निकली आग की लपटें सिर्फ उसके सपनों को नहीं, बल्कि समाज के मुंह पर भी तमाचा मार गईं। लेकिन समाज तो बड़ा सहनशील है। दो दिन हैशटैग चलेगा, एक-दो चैनलों पर बहस होगी, फिर हम अगले निक्की की प्रतीक्षा में लग जाएंगे। और उस बच्चे का क्या? उसकी आंखों में जो राख बची होगी, वो शायद उम्र भर जलती रहेगी। बचपन में माँ की गोद न मिले, लेकिन माँ का धुआँ आँखों में भर जाए। यह है नया भारत, जो बेटियों को बचाने की बात करता है लेकिन जलते हुए देखने में ज़्यादा सहज है।
रिश्तों की आग, दहेज की भट्टी और खामोश समाज
एक बार फिर साबित कर गए कि शादी अब दो आत्माओं का मिलन नहीं, बल्कि एक को मिटाने की प्रक्रिया है। शादी के 9 साल बाद रिश्तों की नींव इतनी कमजोर निकली कि उसे थिनर से ही घोल देना पड़ा। दरअसल निक्की का पति और सास उसके घरवालों से लग्जरी गाड़ियों की डिमांड कर रहे थे। पति को मर्सडीज चाहिए थी जबकि सास कह रह थी कि ऑडी कार चाहिए। बता दें कि निक्की के घरवालों ने पहले भी मांग पर स्कॉर्पियो और लाखों रुपए कैश दिया था। लेकिन अब उसकी नजर मर्सिडीज में थी। इसी बात के लिए कई बार मारपीट भी की थी।
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