वायुसेना हुई अजेय, तेजस Mk-1A बनेगा भारत की रीढ़, पुराने मिग-21 की होगी विदाई

तेजस Mk-1A की उड़ान को तैयार भारत, HAL अगले महीने सौंपेगा पहले दो लड़ाकू विमान

Shivam Srivastava
Published on: 31 Aug 2025 8:15 AM IST
वायुसेना हुई अजेय, तेजस Mk-1A बनेगा भारत की रीढ़, पुराने मिग-21 की होगी विदाई
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रक्षा सचिव आरके सिंह ने शनिवार को बताया कि सरकारी एयरोस्पेस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड सितंबर के अंत तक दो तेजस Mk-1A लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना को सौंप सकती है। यह तेजस के उन्नत संस्करण की पहली डिलीवरी होगी।

इन दो विमानों की आपूर्ति के बाद सरकार 97 अतिरिक्त तेजस Mk-1A विमानों की खरीद के लिए HAL के साथ एक नया बड़ा समझौता कर सकती है।

भारतीय वायुसेना ने पहले अनुबंध के तहत Mk-1A की आपूर्ति में हो रही देरी को लेकर चिंता जताई थी। रक्षा सचिव ने कहा कि सितंबर के अंत तक मिलने वाले दोनों विमान पूरी तरह से हथियारों के साथ एकीकृत होंगे और परिचालन के लिए तैयार होंगे।

आर.के. सिंह ने बताया कि 38 तेजस विमान पहले ही वायुसेना में शामिल किए जा चुके हैं, जबकि करीब 80 विमान निर्माणाधीन हैं। फरवरी 2021 में सरकार ने HAL के साथ 83 तेजस Mk-1A विमानों की खरीद के लिए ₹48,000 करोड़ का सौदा किया था।

अमेरिकी कंपनी GE की देरी बनी बड़ी वजह

तेजस की डिलीवरी में देरी का एक बड़ा कारण अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस द्वारा इंजन की आपूर्ति में विलंब बताया गया है। यह वही इंजन है जो तेजस विमानों को शक्ति देता है। इसके चलते HAL अपने समयबद्ध लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पाया।

हाल ही में सरकार ने तेजस के 97 अतिरिक्त विमानों की खरीद के लिए ₹67,000 करोड़ की लागत वाली योजना को मंज़ूरी दी है।

नया कॉन्ट्रैक्ट तभी होगा जब दो विमान मिलेंगे: रक्षा सचिव

नए सौदे पर रक्षा सचिव ने स्पष्ट किया, मैंने HAL से साफ कह दिया है कि जब तक दो पूर्ण रूप से हथियारयुक्त तेजस विमान नहीं मिलते, तब तक नया अनुबंध नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि HAL के पास पहले से ही 4–5 वर्षों का ऑर्डर बुक मौजूद है।

सिंह ने उम्मीद जताई कि HAL इस विमान को और बेहतर बनाएगा, भारतीय रडार और हथियार प्रणालियों को एकीकृत करेगा, ताकि यह विमान वायुसेना में सुखोई जैसे विमानों के साथ मिलकर प्रभावी भूमिका निभा सके।

मिग-21 की जगह लेगा तेजस Mk-1A

रक्षा सचिव ने कहा कि भारतीय वायुसेना में तेजस Mk-1A को पुराने पड़ चुके मिग-21 लड़ाकू विमानों की जगह पर शामिल किया जाएगा। वायुसेना स्क्वाड्रनों की संख्या स्वीकृत 42 से घटकर अब 31 रह गई है, ऐसे में सरकार अन्य वैकल्पिक लड़ाकू विमानों पर भी विचार कर रही है ताकि इस अंतर को भरा जा सके।

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Shivam Srivastava is a multimedia journalist with over 4 years of experience, having worked with ANI (Asian News International) and India Today Group. He holds a strong interest in politics, sports and Indian history.

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