केरल में खड़े ‘खटारा’ F-35B ने खोली ब्रिटेन के टेक्नोलॉजिकल नाकामी की पोल, स्टील्थ फाइटर के इंजीनियरिंग फेलियर पर पूरी दुनिया में उठे सवाल

केरल में आपात लैंडिंग के बाद फंसे ब्रिटिश F-35B स्टील्थ फाइटर ने ब्रिटेन की सैन्य तकनीकी खामियों की पोल खोल दी है। इंजीनियरिंग फेलियर, रखरखाव की कमी और लागत में भारी बढ़ोतरी जैसे मुद्दों ने दुनिया भर में इस एडवांस्ड जेट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Shivam Srivastava
Published on: 11 July 2025 4:27 PM IST
केरल में खड़े ‘खटारा’ F-35B ने खोली ब्रिटेन के टेक्नोलॉजिकल नाकामी की पोल, स्टील्थ फाइटर के इंजीनियरिंग फेलियर पर पूरी दुनिया में उठे सवाल
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केरल के तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर इमरजेंसी लैंडिंग करने वाले ब्रिटिश F-35 लड़ाकू विमान को तकनीकी खराबी के कारण लगभग एक और महीने के लिए रोक दिया गया है। हालाँकि, एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार अगले हफ्ते तक शायद इसे मरम्मत के लिये इसे वापस ब्रिटेन भेजा जाएगा मामले को लेकर एक भारतीय ऑफिसियस ने कहा कि 24 ब्रिटिश इंजीनियरों की एक टीम लड़ाकू विमान में आई हाइड्रोलिक खराबी को ठीक करने के लिए लगातार काम कर रही है। जिसके कारण इसे तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी।यह पहली बार हुआ है जब अमेरिकन मेड लड़ाकू विमान तकनीकी खराबी के कारण किसी विदेशी देश में फंसा हुआ है।

ब्रिटेन के F-35 कार्यक्रम में क्षमता की कमी

ब्रिटिश एजेंसी BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रीय लेखा परीक्षा कार्यालय (NAO) की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, F-35, एक स्टील्थ स्ट्राइक फाइटर, ब्रिटेन का सबसे एडवांस कॉम्बैट एयरक्राफ्ट है। लेकिन, इस फ्लीट को गंभीर ऑपरेशन और वित्तीय समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। NAO की रिपोर्ट के मुताबिक, फाइटर प्लेन पर अब तक ब्रिटेन अब तक 11 मिलियन पाउंड का खराब रिटर्न रहा है। फ्लीट को बढ़ाने के लिये अब रक्षा मंत्रालय को शुरुआती लागत से तीन गुना अधिक खर्च करना होगा।

राष्ट्रीय लेखा कार्यालय (NAO) ने कहा है कि कम उपलब्धता, इंजीनियरिंग की खामियों और हथियारों के एकीकरण में देरी के कारण ब्रिटेन की F-35B लड़ाकू विमान परियोजना में बाधा आ रही है। उन्होंने आगे बताया कि देरी, बुनियादी ढांचे की कमियों और आवश्यक कर्मियों की कमी के चलते परियोजना से अपेक्षित पूरी क्षमता लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है। कुल 138 विमानों की खरीद योजना में अब तक केवल 38 F-35B विमान ही रक्षा मंत्रालय को प्राप्त हुए हैं। इसकी वजह से फ्लीट की पूर्ण परिचालन क्षमता अब दो साल की देरी से 2025 के अंत तक पहुंचने की संभावना है। अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन द्वारा बनाए गए F-35 विमान तकनीकी रूप से ब्रिटेन के अब तक के सभी फाइटर जेट्स से अधिक उन्नत हैं और इनके 2069 तक सेवा में बने रहने की उम्मीद है।

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