तुर्की करने जा रहा भारत के साथ बड़ा खेल! S-400 बेच सकता है पाकिस्तान को, क्या रूस देगा मंजूरी? मोदी की बढ़ेगी चिंता

India Russia S-400: तुर्की भारत के खिलाफ बड़ी चाल चल सकता है! क्या वह S-400 मिसाइल सिस्टम पाकिस्तान को बेचेगा? क्या रूस इसकी इजाजत देगा? जानिए भारत को क्यों है चिंता।

Harsh Sharma
Published on: 1 July 2025 11:36 AM IST (Updated on: 1 July 2025 12:29 PM IST)
Turkey going big game with India S-400 sold to Pakistan will Russia give approval Modis growing anxiety
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Turkey going big game with India S-400 sold to Pakistan will Russia give approval Modi's growing anxiety

India Russia S-400: तुर्की भारत के दुश्मनों को S-400 एयर डिफेंस सिस्टम बेच सकता है। यही सिस्टम था जिसने हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में अपनी ताकत दिखाई थी। भूमध्य सागर से लेकर काकेशस और दक्षिण एशिया तक भारत और तुर्की के बीच टकराव बढ़ रहा है। दोनों देश एक-दूसरे के दुश्मनों के साथ रिश्ते मजबूत कर रहे हैं और सैन्य सहयोग बढ़ा रहे हैं। हाल के भारत-पाकिस्तान युद्ध, आर्मेनिया-अजरबैजान संघर्ष, और ईरान-इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले युद्ध ने दिखा दिया है कि दुनिया तेजी से दो धड़ों में बंट रही है और भारत और तुर्की एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए हैं। जब तुर्की ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान का समर्थन किया, तब भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस का दौरा कर तुर्की को जवाब दिया। इसके अलावा भारतीय वायुसेना प्रमुख अमरप्रीत सिंह ने ग्रीस का दौरा कर नए सैन्य संबंध बनाए हैं।

अब ताजा खबरों में बताया जा रहा है कि तुर्की, अमेरिका से एफ-35 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए रूस का S-400 एयर डिफेंस सिस्टम छोड़ सकता है। वहीं भारत का S-400 सिस्टम पर भरोसा और बढ़ गया है। भारत अब रूस से S-500 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने की बातचीत भी शुरू कर चुका है।

तुर्की S-400 छोड़कर F-35 खरीदने की तैयारी में

तुर्की F-35 विमान खरीदने के लिए रूसी S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को छोड़ सकता है। पिछले हफ्ते हेग में हुए नाटो शिखर सम्मेलन में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक साथ दिखे। यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस शिखर सम्मेलन में दो बड़ी बातें सामने आईं। पहली, तुर्की ने अपनी एयर डिफेंस प्रणाली को बढ़ाने की घोषणा की, जिसे ‘स्टील डोम’ कहा जाता है। दूसरी बात ये है कि तुर्की ने F-35 ज्वाइंट स्ट्राइक फाइटर (JSF) प्रोग्राम में फिर से शामिल होने की इच्छा जताई है। यह वही प्रोग्राम है जिससे अमेरिका ने S-400 खरीदने की वजह से तुर्की को बाहर कर दिया था और उस पर प्रतिबंध लगा दिया था।

तुर्की को F-35 के लिए अमेरिका का हां

अब अमेरिका ने तुर्की के JSF प्रोग्राम में वापस आने पर सकारात्मक संकेत दिए हैं, जिसका मतलब है कि तुर्की के लिए F-35 विमान खरीदने के दरवाजे फिर से खुल गए हैं। नीदरलैंड के हेग से नाटो शिखर सम्मेलन से लौटते समय तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने एयर डिफेंस सिस्टम की अहमियत बताते हुए कहा कि 'स्टील डोम' सिर्फ एक साधारण सिस्टम नहीं है, बल्कि एक मल्टी लेयर सिस्टम है जो मिसाइल के खतरों से अच्छी सुरक्षा देगा। तुर्की अभी इस 'स्टील डोम' सिस्टम पर काम कर रहा है और कुछ ही सालों में यह पूरी तरह तैयार हो जाएगा।

तुर्की का 'स्टील डोम' एयर डिफेंस सिस्टम क्या है?

तुर्की ने अपने देश में एक नया मल्टी-लेयर एयर डिफेंस सिस्टम बनाने का फैसला किया है, जिसे 'स्टील डोम' कहा जाता है। यह सिस्टम सिर्फ एक मशीन नहीं, बल्कि कई अलग-अलग डिफेंस सिस्टम का समूह है। इसमें सेंसर, कम्युनिकेशन मॉड्यूल, कमांड सेंटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से फैसले लेने वाले उपकरण शामिल होंगे। यह सिस्टम मिसाइल और हवाई हमलों से सुरक्षा देगा।

तुर्की की प्रमुख रक्षा कंपनियां जैसे एसेलसन, रोकेटसन और एमकेई इस सिस्टम को बना रही हैं। खास बात यह है कि इस 'स्टील डोम' सिस्टम में रूस का S-400 एयर डिफेंस सिस्टम शामिल नहीं होगा।

S-400 सिस्टम और तुर्की का विवाद

तुर्की ने 2017 में रूस से 2.5 अरब डॉलर में S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदा था, जिससे अमेरिका और नाटो नाराज हो गए थे। अमेरिका ने तुर्की को F-35 फाइटर जेट प्रोग्राम से बाहर कर दिया और उस पर प्रतिबंध लगा दिया। अब तुर्की ‘स्टील डोम’ सिस्टम पर काम कर रहा है ताकि वह S-400 सिस्टम को छोड़कर फिर से पश्चिमी देशों के साथ अच्छे रिश्ते बना सके। डिफेंस एक्सपर्ट सिनान एलगिन के अनुसार, S-400 को तुर्की के घरेलू सिस्टम से जोड़ना तकनीकी और रणनीतिक दोनों ही रूप में मुश्किल है। सरकारी मीडिया ने बताया है कि तुर्की पूरे देश में 'स्टील डोम' सिस्टम का विस्तार करेगा।

क्या तुर्की S-400 पाकिस्तान को बेच सकता है?

तुर्की ने रूस से S-400 सिस्टम खरीदा है, लेकिन इसे सक्रिय नहीं किया है। रूस ने साफ कहा है कि तुर्की इस सिस्टम को बिना उनकी मंजूरी के किसी और को नहीं बेच सकता। इसलिए, तुर्की के लिए पाकिस्तान को S-400 बेचना बहुत मुश्किल है। रूस के साथ समझौते के मुताबिक, तुर्की को इस सिस्टम को ट्रांसफर करने या बेचने के लिए रूस की अनुमति चाहिए। क्योंकि पाकिस्तान रूस का खास दोस्त नहीं है, और भारत के पास भी S-400 है, रूस शायद पाकिस्तान को यह सिस्टम नहीं देगा। भारत भी इसका विरोध करेगा, क्योंकि भारत और रूस के बीच अभी भी रक्षा संबंध मजबूत हैं।

नतीजा

तुर्की अब S-400 सिस्टम को पीछे छोड़कर 'स्टील डोम' विकसित कर रहा है ताकि वह अमेरिका के F-35 प्रोग्राम में वापस आ सके और नाटो के साथ अच्छे संबंध बना सके। पाकिस्तान को S-400 बेचने की संभावना बहुत कम है, क्योंकि रूस की मंजूरी के बिना ऐसा संभव नहीं।

पाकिस्तान के लिए S-400 खरीदना लगभग नामुमकिन

कई रिपोर्टों में कहा गया है कि भारत रूस से और भी S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदने की बात कर रहा है। साथ ही भारत एस-500 एयर डिफेंस सिस्टम पर भी बातचीत कर रहा है। वहीं, पाकिस्तान के लिए S-400 खरीदना बहुत मुश्किल है क्योंकि इसकी कीमत बहुत ज्यादा है। एक स्क्वाड्रन S-400 की कीमत करीब 50 करोड़ डॉलर यानी लगभग 500 मिलियन डॉलर होती है, जो पाकिस्तान के लिए बहुत भारी पड़ती है।

तुर्की के पूर्व मंत्री कैवित कैगलर ने भारत का भी नाम लिया है। अगर तुर्की को रूस की अनुमति मिलती है और वह S-400 बेचना चाहे, तो भारत इसके लिए सबसे उपयुक्त और संभावित खरीदार हो सकता है क्योंकि भारत पहले से ही S-400 सिस्टम का इस्तेमाल करता है। इसलिए रूस को भारत को बेचने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अभी तक कोई आधिकारिक या भरोसेमंद रिपोर्ट सामने नहीं आई है, जो यह बताए कि तुर्की पाकिस्तान को S-400 बेचने वाला है। लेकिन कुछ विशेषज्ञ और थिंक टैंक यह अनुमान लगाते हैं कि अगर तुर्की अमेरिका के साथ अच्छे रिश्ते बनाना चाहता है तो वह S-400 सिस्टम बेचकर इससे छुटकारा पा सकता है। हालांकि, जियो-पॉलिटिक्स में कुछ भी नामुमकिन नहीं होता। इसलिए यह भी हो सकता है कि भविष्य में तुर्की पाकिस्तान को S-400 का ऑफर दे दे।

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