जोधपुर की धरती पर उतरा 'उड़ता हुआ टैंक'! भारतीय सेना को मिले अपाचे हेलीकॉप्टर, अब दुश्मन पर बरसेगी आसमानी तबाही

Apache helicopter in Indian Army: जोधपुर में भारतीय थल सेना को मिले 'उड़ते हुए टैंक' अपाचे AH-64E हेलीकॉप्टर! अमेरिका से आए इन घातक लड़ाकू हेलीकॉप्टरों के शामिल होने से अब सीमा पर दुश्मनों पर आसमान से बरसेगी तबाही। जानिए पूरी डिटेल।

Harsh Srivastava
Published on: 22 July 2025 3:16 PM IST
जोधपुर की धरती पर उतरा उड़ता हुआ टैंक! भारतीय सेना को मिले अपाचे हेलीकॉप्टर, अब दुश्मन पर बरसेगी आसमानी तबाही
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Apache helicopter in Indian Army: एक नई सुबह एक नई ताकत और एक नया संदेश। भारत की जमीनी युद्ध क्षमता अब आसमान से वार करेगी क्योंकि जिस घड़ी का देश की थल सेना को सालों से इंतजार था वो आखिरकार आ ही गई है। अमेरिका से खरीदे गए ‘अपाचे AH-64E’ हेलीकॉप्टरों की पहली खेप भारत पहुंच चुकी है और वो भी सीधे राजस्थान के रणक्षेत्र जोधपुर में। यह महज हेलीकॉप्टर नहीं बल्कि युद्ध के मैदान में उड़ता हुआ टैंक है। जिसे दुनिया की सबसे घातक जंगी मशीनों में गिना जाता है। और अब यह भारतीय सेना के पास है। 860 करोड़ रुपये प्रति यूनिट की कीमत वाला यह हेलीकॉप्टर अब भारत की सीमा पर तैनात होगा और ये सिर्फ एक सैन्य सौदा नहीं बल्कि एक रणनीतिक संदेश है उन दुश्मनों के लिए जो भारत की सरहद की ओर आंख उठाकर देखते हैं।

2020 की डील 2025 की धमक

इस ताकतवर हेलीकॉप्टर की डील अमेरिका से साल 2020 में हुई थी। करीब 5000 करोड़ रुपये के इस सौदे के तहत भारत को 6 अपाचे हेलीकॉप्टर मिलने थे। मगर डिलीवरी में एक साल से भी ज़्यादा की देरी हुई। अब जाकर पहले तीन हेलीकॉप्टर भारत की धरती पर उतरे हैं। बाकी तीन हेलीकॉप्टर नवंबर तक आने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक इन हेलीकॉप्टरों को जोधपुर में 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन के पास ऑपरेशनल किया जाएगा। यह स्क्वाड्रन पहले से ही पश्चिमी सीमाओं की निगरानी करता है और अब अपाचे की मौजूदगी से उसका कद और मारक क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।

अपाचे: सिर्फ हेलीकॉप्टर नहीं 'हवा में घातक युद्ध टैंक' है

बात सिर्फ एक मशीन की नहीं एक सटीक हथियार की है जो मैदान में निर्णायक जीत दिला सकता है। अपाचे हेलीकॉप्टर की खूबियों को जानकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। इसमें लगी 30 मिमी की ऑटोमेटिक गन चलती गाड़ियों टैंकों और इन्फैंट्री पर सटीक निशाना साध सकती है। इसके साथ हाइड्रा-70 रॉकेट सिस्टम हेलफायर एंटी टैंक मिसाइलें और एडवांस नाइट विज़न टेक्नोलॉजी मिलकर इसे एक पूर्ण लड़ाकू प्लेटफॉर्म बना देती हैं। यही कारण है कि इसे ‘फ्लाइंग टैंक’ कहा जाता है यानी ज़मीन पर जितना खतरनाक टैंक होता है उतना ही आसमान में यह हेलीकॉप्टर।

अब थल सेना भी आसमान से बरपाएगी कहर

अब तक भारतीय वायुसेना के पास अपाचे हेलीकॉप्टर थे लेकिन यह पहली बार है जब भारतीय थल सेना के लिए इसे शामिल किया जा रहा है। यह बदलाव एक बड़ी रणनीतिक सोच का हिस्सा है ताकि थल सेना भी अपने जमीनी ऑपरेशन में हवाई मारक क्षमता का इस्तेमाल कर सके। यानी अब सेना सिर्फ टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों पर निर्भर नहीं रहेगी अब हवा से सीधे लक्ष्य को खत्म किया जाएगा। विशेषज्ञ मानते हैं कि ये हेलीकॉप्टर नियंत्रण रेखा से लेकर पश्चिमी रेगिस्तानी इलाकों तक भारत को निर्णायक बढ़त देंगे खासकर पाकिस्तान की ओर से किसी भी सुरक्षित जोड़ या सीमा पार घुसपैठ के प्रयासों को तुरंत और सटीक जवाब देने में।

अमेरिकी तकनीक से भारतीय ताकत का मेल

बोइंग द्वारा निर्मित यह हेलीकॉप्टर अमेरिका की टेक्नोलॉजिकल श्रेष्ठता और भारत की रक्षा रणनीति के मेल का एक अनूठा उदाहरण है। यह दिखाता है कि भारत अब सिर्फ आयातक नहीं बल्कि सामरिक सोच में वैश्विक खिलाड़ी बन रहा है। अपाचे को भारतीय भूभाग पर उतारने का मतलब सिर्फ हथियार नहीं बल्कि एक सशक्त सैन्य संदेश है।

अब कौन रोकेगा भारत को?

अब जब जोधपुर की हवा में अपाचे की गर्जना सुनाई दे रही है तब यह सिर्फ एक शहर नहीं एक प्रतीक बन गया है, भारतीय सेना की नई शक्ति का प्रतीक। सीमा पार बैठे उन तमाम दुश्मनों के लिए यह एक साफ संदेश है कि भारत अब मुकाबला नहीं मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है और वो भी आसमान से।अब जब अपाचे भारत के पास है तो ये तय है कि आने वाला वक्त सिर्फ जमीन पर नहीं आसमान में भी भारतीय सेना के दबदबे का होगा।

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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