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अब पलक झपकते ही हो जाएगा दुश्मन का खात्मा! तेजस की ताकत हुई अब दोगुनी, अमेरिका ने भेजा दूसरा GE-404 इंजन
Tejas fighter jet GE-404 engine: भारत के स्वदेशी फाइटर जेट तेजस को अब अमेरिकी GE-404 इंजन की दूसरी खेप मिल गई है, जिससे इसकी ताकत दोगुनी हो गई है। तेजस अब और तेज, ताकतवर और घातक बन गया है, जो भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की उड़ती हुई तस्वीर पेश करता है। जानिए कैसे ये इंजन भारत की सैन्य शक्ति को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
Tejas fighter jet GE-404 engine: जब आसमान में तेजस गरजता है, तो सिर्फ हवा नहीं कांपती,शत्रु देशों के होश भी उड़ जाते हैं। और अब, इस गर्जना को और भी ज़्यादा तेज़ करने के लिए अमेरिका ने भारत को एक और ऐसा इंजन सौंप दिया है, जो हवा में आग और आत्मनिर्भरता दोनों की गूंज बनकर दौड़ेगा। भारतीय वायुसेना ने अपने स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम में एक और बड़ा मील का पत्थर छू लिया है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को अमेरिका से GE-404-IN20 इंजन की दूसरी खेप मिल चुकी है। और यही नहीं,रक्षा अधिकारियों के अनुसार, वित्तीय वर्ष के अंत तक 12 और इंजन भारत पहुंचने वाले हैं। इसका मतलब है, तेजस अब सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि भारत की तेज़ होती सैन्य ताकत का प्रतीक बनता जा रहा है।
'तेजस' की उड़ान में अब कोई ब्रेक नहीं
भारतीय वायुसेना का LCA MK-1A प्रोजेक्ट कोई आम लड़ाकू विमान नहीं, बल्कि भारत की वैज्ञानिक क्षमता, तकनीकी आत्मनिर्भरता और सामरिक संकल्प का फल है। HAL द्वारा विकसित यह विमान आधुनिकता की उड़ान है, जिसे दुनिया अब ध्यान से देख रही है। GE-404 इंजन का मिलना सिर्फ तकनीकी सप्लाई नहीं है, ये एक ऐसा घटनाक्रम है, जो भारत के हवाई युद्ध कौशल को 21वीं सदी की सबसे तेज़ हदों तक पहुंचा सकता है। अमेरिका के General Electric द्वारा निर्मित यह इंजन अपनी जबरदस्त thrust, भरोसेमंद प्रदर्शन और एडवांस FADEC कंट्रोल सिस्टम के लिए मशहूर है। LCA MK-1A को यह इंजन मिलने का अर्थ है,अब भारत के पास मैक 1.6 तक की रफ्तार, 84 kN तक की आफ्टरबर्निंग थ्रस्ट, और उच्च दक्षता वाले सिंगल-क्रिस्टल टर्बाइन ब्लेड से लैस एक हवाई राक्षस तैयार हो चुका है।
आत्मनिर्भर भारत की उड़ती हुई तस्वीर
2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मेक इन इंडिया' का नारा दिया था। अब 2025 में 'तेजस' उसका उड़ता हुआ जवाब बन चुका है। HAL को दिए गए 99 GE F404-IN20 इंजन के ऑर्डर में से पहला इंजन पहले ही आ चुका था। अब दूसरा भी पहुंच गया है। और साल के अंत तक जब बाकी 12 इंजन और भारत आएंगे, तो भारतीय वायुसेना के 83 तेजस MK-1A विमान तैयार करने का रास्ता पूरी तरह साफ हो जाएगा। ये सिर्फ एक तकनीकी खबर नहीं है,यह उस सपने की पहली झलक है, जहां भारत अपने हर लड़ाकू विमान को अपने हाथों से, अपने दिमाग से, और अपने भरोसे से बना सकेगा। जहां रक्षा की बात सिर्फ विदेशी डील्स नहीं, बल्कि स्वदेशी टेक्नोलॉजी होगी।
क्या है इस 'जेट इंजन' की असली ताकत?
GE-404-IN20 इंजन कोई आम पावर यूनिट नहीं है। इसमें है वो दम, जो युद्ध के मैदान में निर्णायक फर्क ला सकता है। इस इंजन की खास बात यह है कि यह FADEC सिस्टम से कंट्रोल होता है,यानी पायलट के एक इशारे पर इंजन की पूरी शक्ति, गति और प्रदर्शन डिजिटल तरीके से नियंत्रित होता है। इसका उच्च तापमान सहने वाला कूलिंग सिस्टम इसे बेहद भरोसेमंद बनाता है, और इसके एयरोडायनामिक ब्लेड्स वायु प्रवाह को इतना सटीक बनाते हैं कि तेजस किसी भी मौसम, ऊंचाई और गति पर अपने दुश्मन को चौंका सकता है। इसी इंजन के साथ LCA MK-1A अब लंबे मिशन, इंटरसेप्ट ऑपरेशन और गहराई में हमले की शक्ति भी प्राप्त कर लेगा।
क्या अब भारत भी करेगा निर्यात?
अब जब भारत के पास आधुनिकतम इंजन, उत्कृष्ट डिज़ाइन और शक्तिशाली लड़ाकू विमान मौजूद हैं, तो ये सवाल उठने लगा है,क्या भारत अब सिर्फ खुद की सुरक्षा तक सीमित रहेगा, या फिर रक्षा तकनीक के क्षेत्र में निर्यातक देश भी बनेगा? कई एशियाई और अफ्रीकी देश तेजस में रुचि दिखा रहे हैं। और अगर भारत इन इंजनों के साथ तेजस का सफल स्क्वाड्रन तैयार करता है, तो बहुत संभव है कि HAL आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी डंका बजा दे।
तेजस की उड़ान अब थमेगी नहीं
भारतीय वायुसेना और HAL का यह सहयोग सिर्फ एक रणनीतिक समझौता नहीं, बल्कि भविष्य की युद्ध तैयारियों की आधारशिला है। भारत अब वह देश नहीं रहा जो हर रक्षा ज़रूरत के लिए बाहर देखे,अब भारत वह राष्ट्र बन रहा है, जिसे देख कर दूसरे देश प्रेरणा लें। GE-404 इंजन की ये दूसरी खेप उस यात्रा का संकेत है, जिसमें भारत न केवल रक्षा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, बल्कि दुनिया को यह भी बता रहा है कि आसमान में अब हिंदुस्तान की हुकूमत बढ़ रही है।
जब 'तेजस' गरजता है, तो दुश्मन की धड़कनें रुक जाती हैं
भारत अब सिर्फ मिसाइलें नहीं, बल्कि तेजस जैसे लड़ाकू विमानों के साथ हवा में विजय की योजना बना रहा है। और GE-404 जैसे इंजन इस विजय को ईंधन दे रहे हैं। अब सवाल ये नहीं कि तेजस कितना तेज़ उड़ सकता है,सवाल ये है कि दुनिया इस उड़ान को कितना झेल पाएगी? क्योंकि इस बार भारत ने उड़ान नहीं भरी, बल्कि आने वाले युद्धों का आकाश बदलने की ठान ली है।
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