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भारत-तालिबान मिलकर करेंगे पाकिस्तान को ख़त्म! एस. जयशंकर का बड़ा ऐलान- इंडिया हर जंग में अफगानियों का देगा साथ
S Jaishankar: डॉ. एस. जयशंकर ने मुत्ताकी से भेट के बाद भारत–अफगानिस्तान रिश्ते मजबूत करने का ऐलान किया: दूतावास स्तर पर मिशन अपग्रेड, मानवीय मदद, वाणिज्य और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग।
S Jaishankar: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने दिल्ली में अफ़गानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुतक्की के साथ हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में बड़े कूटनीतिक फैसले की घोषणा की है। जयशंकर ने कहा कि भारत काबुल में अपने तकनीकी मिशन को भारतीय दूतावास के स्तर पर अपग्रेड कर रहा है। यह घोषणा दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है।
संप्रभुता और सहयोग पर भारत की प्रतिबद्धता
विदेश मंत्री जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत अफ़ग़ानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर दिया कि भारत और अफगानिस्तान के बीच घनिष्ठ सहयोग न केवल अफगानिस्तान के राष्ट्रीय विकास में, बल्कि पूरे क्षेत्र की स्थिरता और लचीलेपन में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसी सहयोग को और बढ़ाने के लिए दूतावास स्तर पर मिशन को उन्नत करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की विकास और समृद्धि के प्रति साझा प्रतिबद्धता है, लेकिन यह प्रतिबद्धता सीमापार आतंकवाद के साझा खतरे के कारण खतरे में है। जयशंकर ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के लिए मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
जयशंकर ने भारत की सुरक्षा चिंताओं के प्रति अफगानिस्तान की संवेदनशीलता की सराहना भी की। उन्होंने विशेष रूप से पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद अफगानिस्तान द्वारा भारत के साथ दिखाई गई एकजुटता को 'काफी बेहतर' बताया।
आपदा के समय सबसे पहले भारत ने बढ़ाया हाथ
डॉ. जयशंकर ने पिछली मुलाकातों को याद करते हुए बताया कि उन्हें पहलगाम हमले के बाद और हाल ही में कुनार और नंगरहार भूकंप के बाद मुतक्की से बात करने के अवसर मिले। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से मुलाकात का विशेष महत्व है, क्योंकि इससे विचारों का आदान-प्रदान करने और घनिष्ठ सहयोग बनाने का अवसर मिलता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले महीने अफ़ग़ानिस्तान में भूकंप आपदा आने के कुछ ही घंटों के भीतर भारतीय राहत सामग्री सबसे पहले भूकंप स्थलों तक पहुंचाई गई थी। मानवीय सहायता के तहत, भारत अब प्रभावित क्षेत्रों में आवासों के पुनर्निर्माण में भी अपना योगदान देना चाहता है।
व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा
आर्थिक मोर्चे पर बात करते हुए जयशंकर ने व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने में साझा रुचि व्यक्त की। उन्होंने अफगानिस्तान में खनन के अवसरों का पता लगाने के लिए भारतीय कंपनियों को दिए गए निमंत्रण को अत्यंत सराहनीय बताया और कहा कि इस पर आगे भी चर्चा की जाएगी। संबंंधों में और गर्माहट लाते हुए, उन्होंने घोषणा की कि काबुल और नई दिल्ली के बीच अतिरिक्त उड़ानें शुरू होने की जानकारी देते हुए उन्हें खुशी हो रही है। यह कदम दोनों देशों के बीच लोगों के जुड़ाव और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस प्रकार, भारत ने एक तरफ कूटनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाया है, वहीं दूसरी तरफ आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने का स्पष्ट संदेश भी दिया है।
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