Vice President Candidate: इंडिया गठबंधन ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में इनको उतारा, फोकस तेलुगु राज्यों पर

Vice President Candidate: इंडिया गठबंधन ने अपने उम्मीदवार के चयन पर लंबे समय तक विचार-विमर्श किया और अंततः एक ऐसे व्यक्ति को सामने लाने का निर्णय लिया, जो गैर-दलीय, गरिमामय व्यक्तित्व का धनी हों।

Newstrack Desk
Published on: 19 Aug 2025 7:17 PM IST
India Alliance Vice President Candidate Justice B Sudarshan Reddy
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India Alliance Vice President Candidate Justice B Sudarshan Reddy(Image Credit-Social Media)

India Alliance gave their Vice Presidential Candidate: विपक्षी इंडिया गठबंधन ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। इसे एक अप्रत्याशित कदम माना जा रहा है, जिसने राजनीतिक और क्षेत्रीय दोनों तरह की हलचल पैदा कर दी है।

इंडिया गठबंधन ने अपने उम्मीदवार के चयन पर लंबे समय तक विचार-विमर्श किया और अंततः एक ऐसे व्यक्ति को सामने लाने का निर्णय लिया, जो गैर-दलीय, गरिमामय व्यक्तित्व का धनी हो और जिसे संवैधानिक मामलों का गहरा अनुभव हो। इस कदम को खास तौर पर तेलुगु भाषी आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में क्षेत्रीय प्रभाव पैदा करने की रणनीतिक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

कौन हैं न्यायमूर्ति रेड्डी?


न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को आंध्र प्रदेश में हुआ। उनका कानूनी करियर लंबा और गौरवशाली रहा है। उन्होंने अपने पेशेवर जीवन की शुरुआत आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में सिविल और संवैधानिक मामलों की वकालत से की। शीघ्र ही उनकी प्रतिष्ठा कानूनी हलकों में बढ़ी और 1988 में उन्हें सरकारी वकील तथा बाद में केंद्र सरकार के लिए अतिरिक्त स्थायी वकील नियुक्त किया गया।

1993 में वे आंध्र हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष चुने गए और उसी वर्ष उन्हें आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया। 2005 में वे गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए और 2007 में उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया। वे 2011 तक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रहे। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने गोवा के पहले लोकायुक्त के रूप में संक्षिप्त कार्यकाल निभाया, लेकिन 2013 में निजी कारणों से इस्तीफा दे दिया।

रणनीतिक कदम

न्यायमूर्ति रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर इंडिया गठबंधन ने यह संदेश दिया है कि वह ऐसे व्यक्तित्व को प्राथमिकता देता है जो कानूनी विद्वता, निष्कलंक छवि और गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि रखता हो। एक सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश को चुनना, सत्तारूढ़ एनडीए द्वारा किए गए राजनीतिक नामांकन के खिलाफ एक वैकल्पिक नैरेटिव माना जा रहा है।

न्यायमूर्ति रेड्डी की उम्मीदवारी के गहरे क्षेत्रीय और जातीय निहितार्थ भी हैं। वे राजनीतिक रूप से प्रभावशाली रेड्डी समुदाय से आते हैं। इस कारण उनका चयन आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के मतदाताओं तक पहुँचने का प्रयास समझा जा रहा है। प्रभावशाली रेड्डी समाज इसे अपने गर्व के क्षण के रूप में देख सकता है।

सतर्क प्रतिक्रियाएँ


तेलुगु राज्यों से आने वाली राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ अब तक काफी सतर्क रही हैं। चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी), जो फिलहाल राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए के साथ है, गठबंधन की लाइन पर चलने को मजबूर होगी। फिर भी, टीडीपी नेतृत्व खुले तौर पर न्यायमूर्ति रेड्डी का विरोध नहीं करना चाहेगा, क्योंकि इससे उसके रेड्डी मतदाता आधार में नाराज़गी पैदा हो सकती है।

दूसरी ओर, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी), जिसे जगन मोहन रेड्डी नेतृत्व करते हैं, दुविधा में फँस सकती है। न्यायमूर्ति रेड्डी के साथ साझा जातीय पृष्ठभूमि होने के बावजूद, हाल के वर्षों में भाजपा से उनकी राजनीतिक निकटता खुले समर्थन को कठिन बना देती है। हालांकि, पार्टी उनके नामांकन की सीधी आलोचना भी नहीं कर सकती, क्योंकि अपने ही राज्य के एक सम्मानित पूर्व न्यायाधीश पर हमला करना राजनीतिक रूप से उल्टा पड़ सकता है।

तेलंगाना में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी न्यायमूर्ति रेड्डी की उम्मीदवारी का पूरे दिल से समर्थन करेगी। पार्टी इसे इंडिया गठबंधन की समावेशी और योग्यता-आधारित दृष्टि के उदाहरण के रूप में पेश करेगी। कांग्रेस पहले ही उन्हें संवैधानिक मर्यादा और तेलुगु उत्कृष्टता का प्रतीक बताने लगी है।

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