हिंद महासागर से लेकर दक्षिण चीन सागर तक, भारतीय नौसना की बादशाहत हुई कायम, लांच किये 3 अत्याधुनिक जंगी जहाज

कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने एक साथ तीन अत्याधुनिक जहाजों का जलावतरण कर भारत की नौसैनिक शक्ति और स्वदेशी तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया। जानें ASW SWC, CSOV और DCI ड्रेज गोदावरी की विशेषताएं।

Shivam Srivastava
Published on: 19 Oct 2025 8:05 AM IST (Updated on: 19 Oct 2025 8:50 AM IST)
हिंद महासागर से लेकर दक्षिण चीन सागर तक, भारतीय नौसना की बादशाहत हुई कायम, लांच किये 3 अत्याधुनिक जंगी जहाज
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भारत, जो पहले ही वायुसेना के क्षेत्र में चीन को पीछे छोड़ चुका है, अब समुद्री मोर्चे पर भी अपनी ताकत का दम दिखाने को तैयार है। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) ने शनिवार को एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए तीन अत्याधुनिक जहाजों का एक साथ जलावतरण किया। तीनों जहाजों का एक साथ जलावतरण भारत की नौसैनिक क्षमता, इंजीनियरिंग दक्षता और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।

कोचीन शिपयार्ड ने दिखाई तकनीकी क्षमता, एक साथ तीन पोत किए जलावतरण

सीएसएल द्वारा जलावतरित किए गए इन तीन जहाजों में शामिल हैं:

• एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW SWC)

• हाइब्रिड इलेक्ट्रिक मेथनाल-रेडी कमीशनिंग सर्विस ऑपरेशन वेसल (CSOV)

• देश का सबसे बड़ा ट्रेलर सक्शन हापर ड्रेजर - DCI ड्रेज गोदावरी

यह एक साथ तीन पोतों का जलावतरण भारत की उन्नत शिपबिल्डिंग क्षमता, स्वदेशी तकनीक और इंजीनियरिंग कौशल का प्रतीक है। यह पहल ‘मैरीटाइम इंडिया विजन 2030’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के उद्देश्यों के अनुरूप है।

भारतीय नौसेना को मिलेगा नया हथियार - ASW SWC

एएसडब्ल्यू एसडब्ल्यूसी भारतीय नौसेना के लिए बनाए जा रहे आठ जहाजों की श्रृंखला का छठा पोत है। यह पोत मौजूदा अभय क्लास के जहाजों की जगह लेगा।

78 मीटर लंबा यह जहाज आईएनएस मगदाला के रूप में नौसेना में शामिल होगा और इसमें निम्न क्षमताएं होंगी:

• पानी के नीचे के सेंसर

• हल्के टॉरपीडो

• पनडुब्बी रोधी रॉकेट

• बारूदी सुरंग बिछाने की क्षमता

यह पोत तटीय क्षेत्रों में पनडुब्बियों से सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

भारत का सबसे बड़ा ड्रेजर – DCI ड्रेज गोदावरी

डीसीआई ड्रेज गोदावरी भारत में बना अब तक का सबसे बड़ा ड्रेजर है।

• क्षमता: 12,000 घन मीटर

• लंबाई: 127 मीटर

• निर्माण में सहयोग: रॉयल IHC, नीदरलैंड

• उपयोग: बंदरगाह विकास, जलमार्गों की सफाई, भूमि सुधार आदि।

यह पोत ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के लिए तैयार किया गया है और बंदरगाह अवसंरचना को आधुनिक बनाने में सहायक होगा।

आधुनिक तकनीकों से लैस हाइब्रिड इलेक्ट्रिक CSOV

93 मीटर लंबा यह हाइब्रिड इलेक्ट्रिक मेथनाल-रेडी कमीशनिंग सर्विस ऑपरेशन वेसल (CSOV) तटीय पवन चक्कियों के निर्माण और रखरखाव के लिए तैयार किया गया है।

इस पोत की विशेषताएं:

• हाइब्रिड प्रोपल्शन सिस्टम

• मेथनाल-रेडी इंजन

• लिथियम-आयन बैटरी पैक

• मोशन-कंपेंसटेड गैंगवे सिस्टम

यह पोत न केवल परिचालन कार्य करेगा, बल्कि जरूरत पड़ने पर तैरते होटल के रूप में भी इस्तेमाल हो सकेगा।

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